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थकसिन पर आतंकवाद का आरोप

२५ मई २०१०

पूर्व प्रधान मंत्री थकसिन सिनावात्रा पर आतंकवाद के आरोपों के बाद थाईलैंड की राजनीति में एक नया मोड़ सामने आया है. भगोड़े नेता के खिलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया गया है.

पूर्व प्रधान मंत्री थकसिनतस्वीर: picture alliance/dpa

सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि थकसिन बैंकॉक में हुए रेड शर्ट प्रदर्शनकारियों के विरोध को उकसाते रहे हैं और उन्होंने इसके लिए धन की व्यवस्था की है. मंगलवार को एक थाई अदालत ने आतंकवाद के आरोप में उनके ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है. बंद दरवाज़े के पीछे फ़ौजदारी अदालत की सुनवाई के बाद विशेष जांच विभाग के उप प्रधान नरस सावेस्तानान ने पत्रकारों से कहा कि अदालत को वारंट के लिए पर्याप्त सबूत मिल चुके थे. अब महाभियोक्ता को इस वारंट को अमल में लाना है.

पिछले हफ़्ते सेना ने बैंकॉक में चल रहे प्रदर्शनों को ख़त्म कर दिया गया था. मार्च से जारी प्रदर्शनों में हिंसक झड़पों के चलते 88 लोगों की मौत हुई थी. रेड शर्ट प्रदर्शनकारी आम तौर पर पूर्व प्रधान मंत्री थकसिन शिनावात्रा के समर्थक हैं, जिन्हें सन 2006 में एक सैनिक तख़्तापलट के ज़रिये हटा दिया गया था. तब से वे विभिन्न देशों में निर्वासन में रह रहे हैं.

थाईलैंड में आतंकवाद के आरोप में मौत की सज़ा दी जा सकती है. प्रेक्षकों का मानना है कि इस आरोप का मकसद उन देशों पर दबाव बढ़ाना है, जहां थकसिन को शरण मिलती रही है, ताकि वे थाईलैंड को उनका प्रत्यर्पण करें.

सस्ती स्वास्थ्य सेवा या ग्रामीण फ़ंड जैसी अपनी लोकप्रिय योजनाओं के कारण थकसिन ग़रीब जनता के बीच अत्यंत लोकप्रिय रहे हैं. लेकिन देश का अभिजात वर्ग उन्हें भ्रष्ट, निरंकुश और राजतंत्र के लिए खतरा समझता है.

पिछले हफ़्ते एक वक्तव्य में थकसिन ने इस आरोप का खंडन किया था कि प्रदर्शनों के पीछे उनका हाथ रहा है. उनके कानूनी सलाहकार पिचिट चेउनबान ने कहा है कि वे पूर्व प्रधान मंत्री को अदालत के फ़ैसले से अवगत कराएंगे और उनके साथ भावी क़दमों के बारे में बात करेंगे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: महेश झा

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