थाइलैंड में सत्ता संघर्ष जारी
२९ अप्रैल २०१०विपक्षी प्रदर्शनकारी शहर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. सरकारी निषेधाज्ञा के बावजूद लगभग 2000 प्रदर्शनकारी बुधवार को शहर के केंद्र से उत्तरी क्षेत्रों में वहां रहने वाले लोगों की मदद के लिए गए. जब लगभग 900 सैनिकों ने वहां उनको रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने सैनिकों पर पत्थरबाज़ी की. सरकारी हल्कों के अनुसार उसके बाद सेना ने चेतावनी देने के लिए गोले दागे.
स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि सेना के अनुसार एक सैनिक की गोली लगने से मौत हो गई. विपक्षी प्रवक्ता जातुपोर्न प्रोमपान का कहना है कि सैनिक अपने ही साथियों की गोली का शिकार हो गया. राहतकर्मियों के अनुसार 18 लोग घायल हो गए जिनमें से तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं.
विपक्षी रेड शर्ट प्रदर्शनकारियों ने कई सप्ताह से बैंकॉक के कारोबारी इलाकों पर कब्जा कर रखा है और सुरक्षा बलों की चेतावनियों के बाद अब मोर्चेबंदी कर ली है. वे प्रधानमंत्री अभिसीत वेज्जाजीवा के इस्तीफ़े और नए चुनावों की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों में से अधिकांश 2006 में सत्ता से हटा दिए गए प्रधानमंत्री थकसिन शिनावात्रा के समर्थक हैं.
इस बीच अभिसीत पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. संवैधानिक अदालत ने एक शिक़ायत की जांच के आदेश दिए हैं जिसके अनुसार उनकी पार्टी ने अवैधानिक रूप से 59 लाख यूरो का चंदा लिया. अगर दोष साबित होता है तो पार्टी को भंग किए जाने का ख़तरा है.
बर्लिन में जर्मन सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार बैंकॉक की स्थिति को गहरी चिंता के साथ देख रही है. प्रवक्ता ने राजनीतिक समाधान को संकट से बाहर निकलने का एकमात्र विकल्प बताते हुए संबंधित पक्षों से संयमित संवाद का आह्वान किया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन