संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में आधी से ज्यादा लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है. रिपोर्ट इस क्षेत्र में स्पष्ट असमानताओं को बाहर लाती है.
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संयुक्त राष्ट्र बाल संस्था यूनिसेफ ने यह रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि क्षेत्र में हर साल दस लाख से ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत अक्सर अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के कारण हो रही है. दक्षिण एशिया में यूनिसेफ की क्षेत्रीय निदेशक कारीन हुल्शॉफ के मुताबिक, "दुनिया भर में दक्षिण एशिया महिलाओं के गर्भवती बनने या जन्म देने के लिए सबसे जोखिम भरे स्थानों में से एक बना हुआ है, यहां मां की मृत्यु दुनिया भर में दूसरे नंबर है. बहुत सारे बच्चों की शादी हो जाती है और बहुत सारी लड़कियां कभी पैदा ही नहीं हो पाती."
लड़के की चाहत
यूनिसेफ का कहना है कि दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों और भारत में खासकर यह अब भी प्रचलित है कि जब माता पिता को यह पता चलता है कि गर्भ में पलने वाला बच्चा लड़की है तो वह गर्भावस्था समाप्त करने का विकल्प चुनते हैं. भारत में लिंग परीक्षण अपराध है. रिपोर्ट के मुताबिक लड़कों के पक्ष में लिंग आधारित चयन लड़कियों और महिलाओं के प्रति भेदभाव को बढ़ावा देता है. इस तरह की परंपरा देह व्यापार के लिए लड़कियों की तस्करी और जबरन विवाह को बढ़ावा दे सकती है. रिपोर्ट कहती है पांच में से एक लड़की की शादी 15 साल से कम उम्र में हो जाती है. जिस वजह से बाल विवाह के मामले में यह क्षेत्र दूसरे नंबर पर आता है. बांग्लादेश में तीन में से दो लड़कियों की शादी वयस्क होने से पहले हो जाती है. इस वजह से बांग्लादेश इलाके में बाल विवाह के मामले में अव्वल है. कम उम्र में शादी से लड़कियां यौन शोषण और घरेलू हिंसा की जोखिम में रहती हैं.
दक्षिण एशिया में बच्चों के कुपोषण का भी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है. पांच साल से कम उम्र के करीब 40 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. दुनिया भर में हर साल कम शारीरिक विकास होने की वजह से दस लाख बच्चों की मौत होती है. यह दर 1990 में 60 फीसदी थी जो अब घटकर 40 फीसदी हो गई है.
बच्चों की जिंदगी बेहतर बनाने, भविष्य बदलने और दक्षिण एशिया में बच्चों के अधिकारों के बारे में बनाई गई इस रिपोर्ट में यूनिसेफ ने एक खास अवधि में उन प्रमुख मुद्दों पर हुई प्रगति का विश्लेषण किया है, जिसने सीधे तौर पर दक्षिण एशिया के देशों में रहने वाले के बच्चों के जीवन को प्रभावित किया है.
एए/एएम (एएफपी)
दुनिया भर में शादियां
अलग अलग संस्कृतियों, धर्मों और रीति रिवाजों के बावजूद कई देशों में दो लोगों की शादी में अक्सर कई सारे लोग शामिल होते हैं. कहीं गांव के गांव बनते हैं बाराती, तो कहीं केवल करीबी घर वाले.
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ताइवानः प्यार का नगमा
पारंपरिक शादी में दूल्हा एक गाड़ी खींचता है, जिसमें उसकी दुल्हन बैठी होती है. फिर ये नवेला जोड़ा बग्घी में बैठकर सिटी सेंटर का चक्कर लगाता है और जमा लोगों को चॉकलेट बांटता है कि ताकि उनका ये रिश्ता हमेशा बना रहे.
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ट्यूनीशियाः महंगी शादी
राजधानी ट्यूनिस में शादी के दौरान पारंपरिक पोशाक किसवा पहने दूल्हन. मोतियों और नगों के कसीदे वाली ये ड्रेस महीन कपड़े से बनती है. अक्सर ये ड्रेस एक रात के लिए किराये पर ली जाती है. इसकी कीमत 20 हजार से 75 हजार रुपये तक हो सकती है.
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स्वीडन का खास
दुनिया के अलग अलग देशों में शादी की कुछ खास परंपराएं होती हैं. स्वीडन में भी एक ऐसी ही परंपरा है, जिसे लिसनिंग कहा जाता है. इसमें होने वाली शादी की घोषणा की जाती है. ऐसे ही समारोह में शादी से पहले शामिल स्वीडन की राजकुमारी मेडलेन और उनके पति क्रिस ओ नील.
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दक्षिण कोरियाः परंपरा और आधुनिकता
दक्षिण कोरियाई शादी में परंपरा की अहम भूमिका है लेकिन कई युवा पश्चिमी तरीके से व्हाइट गाउन और ब्लैक सूट में शादी करना पसंद करते हैं. शादी के समारोह से पहले दूल्हा दुल्हन के परिवारों के बीच बहुत लेन देन होता है.
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इथियोपियाः सादी शादी
यहां शादियां जाति के रीति रिवाजों पर निर्भर करती हैं. अक्सर लड़का अपने रिश्तेदार के जरिए लड़की के यहां शादी का पैगाम भिजवाता है. फिर शादी के दिन दूल्हा और उसके साथी दुल्हन के घर गाते बजाते जाते हैं और दुल्हन ब्याह लाते हैं.
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नीदरलैंड्सः अति आधुनिक
देशों के साथ रिवाज भी बदलते हैं. जैसे यहां एम्सटरडम में गे परेड में अमेरिकी पैट्रिक डेकर और डच स्टेफान हेंग्स्ट ने शादी की है.
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ईरानः कई दिन समारोह
ईरान में रहने वाले तुर्कमेन लोग. वहां करीब 20 लाख तुर्कमेनी रहते हैं लेकिन उनकी परंपरा के बारे में बहुत कम ईरानी जानते हैं. खानाबदोश तुर्कमेन सुन्नी मुसलमान होते हैं. इनकी शादियां तीन या चार दिन चलती हैं.
तस्वीर: Jamonline
भारतः सामूहिक विवाह भी
सामाजिक संगठन अक्सर सामूहिक विवाह का आयोजन करते हैं ताकि जो परिवार शादी का खर्च उठाने में असमर्थ हैं, उनके लड़के या लड़की की शादी अच्छे से हो सके. ये तस्वीर कोलकाता के समारोह की है.
तस्वीर: DW/P.M.Tewari
जर्मनीः चर्च और मैरिज ब्यूरो
जर्मनी में शादियां अक्सर छोटी ही होती हैं, या तो चर्च में या मैरिज ब्यूरो में. शादी की एक रात पहले दुल्हन और दूल्हे के घर वाले पार्टी करते हैं और सिरामिक के बर्तन तोड़ते हैं, इसे अच्छा शगुन माना जाता है. फिर इसकी सफाई दूल्हा दुल्हन मिलकर करते हैं.