दक्षिण अफ्रीका में चर्चित गुप्ता परिवार के घर पर पुलिस ने छापे मारे हैं. गुप्ता परिवार राष्ट्रपति जैकब जूमा के करीब समझा जाता है, जिनसे सत्ताधारी एएनसी पार्टी ने पद छोड़ देने को कहा है.
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पुलिस का कहना है कि उसने जोहानेसबर्ग में गुप्ता परिवार के घर पर छापे के दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में गुप्ता परिवार का नाम आ रहा है और माना जाता है इसी मामले के चलते राष्ट्रपति जूमा की मुश्किलें बढ़ी हैं.
अपराध जांच शाखा के प्रवक्ता हंगवानी मुलाउदजी ने गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सार्वजनिक नहीं की है. उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि दो लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट थे जिन्हें अपने आपको पुलिस को सौंपना था.
गुप्ता परिवार दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर कारोबारी परिवारों में से एक है. उस पर आरोप लगता है कि उसने राष्ट्रपति जूमा के शासनकाल में "देश पर कब्जा" कर लिया. यहां तक कहा जाता है कि उसने अपनी पसंद के लोगों को जूमा की सरकार में मंत्री बनवाया.
गुप्ता परिवार के घर पर छापे से एक दिन पहले ही एएनसी पार्टी ने जूमा से पद छोड़ने को कहा था. इस बारे में जूमा बुधवार को कोई घोषणा कर सकते हैं. एएनसी के महासचिव ऐस मागाशुले का कहना है कि जूमा सैद्धांतिक रूप से इस्तीफा देने को तैयार हो गए हैं. उनके बाद एएनसी के मुखिया सिरील रामाफोसा राष्ट्रपति बन सकते हैं.
भारत के महाघोटाले
भारत में भ्रष्टाचार का मुद्दा राजनीति के केंद्र में है. यूपीए सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी रही. फिर भ्रष्टाचार मुक्त शासन के वादे के साथ मोदी सरकार सत्ता में आयी. एक नजर भारत के अब तक के महाघोटालों पर.
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कोलगेट स्कैम
यूपीए टू के समय सामने आया कोलगेट घोटाला 1993 से 2008 के बीच सार्वजनिक और निजी कंपनियों को कम दामों में कोयले की खदानों के आवंटन का था. कैग (सीएजी) की ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया था कि गलत आवंटन कर इन कंपनियों को 10,673 अरब का फायदा पहुंचाया गया था. इस घोटाले ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की छवि पर नकारात्मक असर डाला. हालांकि अदालत में यह घोटाला साबित नहीं हुआ.
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टूजी स्कैम
कंपनियों को गलत तरह से टूजी स्पैक्ट्रम आवंटित करने का यह महाघोटाला भी यूपीए सरकार के समय का है. कैग के एक अनुमान के मुताबिक जिस कीमत में इन स्पैक्ट्रमों को बेचा गया और जिसमें इसे बेचा जा सकता था उसमें 17.6 खरब रूपये का अंतर था. यानि देश को लगा कई खरब का चूना लगा. लेकिन अदालत में सीबीआई इसको साबित नहीं कर सकी. अदालत ने कहा कि कोई घोटाला ही नहीं हुआ.
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व्यापमं घोटाला
भाजपा शासित मध्यप्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से मेडिकल समेत अन्य सरकारी क्षेत्रों की भर्ती परीक्षा में धांधली से जुड़ा 'व्यापमं घोटाला' अब तक का सबसे जानलेवा घोटाला है. अब तक इससे जुड़े, इसकी जांच कर रहे या इस की खबर लिख रहे पत्रकारों समेत दर्जनों लोगों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो चुकी है.
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बोफोर्स घोटाला
स्वीडन की हथियार निर्माता कंपनी बोफोर्स के साथ राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के तोपों की खरीद के सौदे में घूसखोरी का ये घोटाला भारतीय राजनीति का सबसे चर्चित घोटाला है. 410 तोपों के लिए कंपनी के साथ 1.4 अरब डॉलर का सौदा किया गया जो कि इसकी असल कीमतों का दोगुना था. अदालत ने राजीव गांधी को इस मामले से बरी कर दिया था.
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कफन घोटाला
2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौर में सामने आया यह घोटाला कारगिल युद्ध के शहीदों के ताबूतों से जुड़ा था. शहीदों के लिए अमेरीकी कंपनी ब्यूट्रॉन और बैजा से तकरीबन 13 गुना अधिक दामों में ताबूत खरीदे गए थे. हर एक ताबूत के लिए 2,500 डॉलर दिए गए.
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हवाला कांड
एलके आडवानी, शरद यादव, मदन लाल खुराना, बलराम जाखड़ और वीसी शुक्ला समेत भारत के अधिकतर राजनीतिक दलों के नेताओं का नाम इस घोटाले में सामने आया. इस घोटाले में हवाला दलाल जैन बंधुओं के जरिए इन राजनेताओं को घूस दिए जाने का मामला था. इसकी जांच में सीबीआई पर कोताही बरतने के आरोप लगे और धीरे-धीरे तकरीबन सभी आरोपी बरी होते गए.
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शारदा चिट फंड
200 निजी कंपनियों की ओर से साझे तौर पर निवेश करने के लिए बनाए गए शारदा ग्रुप में हुआ वित्तीय घोटाला भी महाघोटालों में शामिल है. चिट फंड के बतौर जमा राशि को लौटाने के समय में कंपनी को बंद कर दिया गया. इस घोटाले में त्रिणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कुणाल घोष जेल भजे गए. साथ ही बीजू जनता दल, बीजेपी और त्रिणमूल कांग्रेस के कई अन्य नेताओं की भी गिरफ्तारियां हुई हैं.
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ऑगस्टा वेस्टलैंड डील
इटली की हेलीकॉप्टर निर्माता फर्म ऑगस्टा वेस्टलैंड से 12, एडब्लू101 हेलीकॉप्टर्स की खरीददारी के इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कुछ भारतीय राजनीतिज्ञों और सेना के अधिकारियों पर घूस लेने के आरोप हैं. ऑगस्टा वेस्टलैंड के साथ इन 12 हेलीकॉप्टर्स के लिए ये सौदा 36 अरब रूपये में हुआ था.
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चारा घोटाला
करीब 9.4 अरब के गबन का चारा घोटाला भारत के मशहूर घोटालों में से एक है. यह घोटाला राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक अवसान की वजह बना. वहीं इस घोटाले से पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और शिवानंद तिवारी का भी नाम जुड़ा था.
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कॉमनवेल्थ
2010 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ खेल, भारत में खेल जगत का सबसे बड़ा घोटाला साबित हुए. इस खेल में अनुमानित तौर पर 70 हजार करोड़ रूपये खर्च किए गए. गलत तरीके से ठेके देकर, जानबूझ कर निर्माण में देरी, गैर वाजिब कीमतों में चीजें खरीद कर इस पैसे का दुरूपयोग किया गया था. इन अनियमितताओं के केंद्र में मुख्य आयोजनकर्ता सुरेश कल्माड़ी का नाम था.
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जूमा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामलों के तार गुप्ता परिवार से जुड़े हैं. परिवार पर आरोप है कि उसने सरकार से कई बड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए हैं जिनमें काफी घालमेल है. दक्षिण अफ्रीका की स्टेलेनबॉश यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र की प्रोफेसर सुजैन बूयसेन जूमा के बारे में कहती हैं कि खींचतान के बावजूद वह इस्तीफा दे देंगे. उनके मुताबिक, "मुझे लगता है कि वह बहुत गुस्से वाले व्यक्ति हैं और पद से नहीं हटना चाहते हैं. उनकी ताकत पृष्ठभूमि में कहीं न कहीं मंडराती रहेगी."
गुप्ता परिवार के खिलाफ ताजा मामला छोटे स्तर पर चलने वाले डेयरी फार्म से जुड़ा है. गुप्ता परिवार की एक कंपनी ने जैसे ही डेरी फार्म का प्रबंधन संभाला, तो उसे प्रांतीय कृषि विभाग की तरफ से 28.5 लाख डॉलर की राशि मिली. जनवरी में हाई कोर्ट ने फार्म की सारी संपत्ति को सील करने का आदेश दिया. दूसरी तरफ, जूमा और तीन गुप्ता भाई अजय, अतुल, और राजेश इस मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार करते हैं.