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दक्षिण की ओर खिसक रही है जर्मन आबादी

१ मई २०११

जर्मनी की आबादी उत्तर से दक्षिण की ओर जा रही है. जर्मनी में इस महीने शुरू हो रही जनगणना से पहले नए आकलनों का कहना है कि उत्तर में रहने वाले लोग दक्षिणी इलाकों में रहने जा रहे हैं.

Ein junges Maedchen, im Dirndl gekleidet, schaut am Samstag, 19. September 2009, vor der traditionellen Eroeffnung des 176. Oktoberfestes in Muenchen, Bayern, in ein noch geschlossenes Festzelt. Das groesste Volksfest der Welt, das am Samstag eroeffnet wurde, dauert bis zum Sonntag, 4. Oktober 2009 an. Es werden bis zu sechs Millionen Besucher erwartet. (AP Photo/Christof Stache) --- A young girl, dressed in a Dirndl, watches in a closed Oktoberfest festival tent prior the opening ceremony of the 176. Oktoberfest in Munich, southern Germany, on Saturday, Sept. 19, 2009. The worlds largest beer-festival lasts until Oct. 4, 2009. (AP Photo/Christof Stache)
तस्वीर: AP

20 साल पहले जर्मनी के एकीकरण के बाद से अकेले दक्षिणवर्ती प्रांत बवेरिया ने देश के दूसरे इलाकों से पौने सात लाख लोगों को आकर्षित किया है. आबादी विकास संस्थान के ताजा आंकड़ों के हवाले से वेल्ट अम जोंटाग अखबार ने खबर दी है कि इसी अवधि में राष्ट्रपति क्रिश्टियान वुल्फ के प्रांत लोवर सेक्सनी ने पांच लाख लोग खो दिए हैं.

बर्लिन को भी नुकसान

आबादी के इधर उधर जाने से राजधानी बर्लिन को 1 लाख लोगों का नुकसान हुआ है. पूरब के प्रातों मैक्लेनबुर्ग वेस्ट पोमेरेनिया और सेक्सनी अनहाल्ट के अलावा गोदी नगर ब्रेमेन से लोग दूसरे प्रांतों में जा रहे हैं.

तस्वीर: AP

लोगों के अपना प्रांत छोड़कर जाने की वजह शिक्षा और नौकरी की संभावना का अभाव है. आबादी विकास संस्थान बिब के शोधकर्ता श्टेफान कुइनटॉफ का कहना है कि अपने प्रांत को अलविदा कहने वाले अधिकांश लोग 18 से 30 साल के युवा हैं जो नौकरी करने या पढ़ाई करने दूसरे प्रांतों में जा रहे हैं.

गंभीर असर होगा

बर्लिन के आबादी और विकास संस्थान के प्रमुख राइनर क्लिंगहोल्त्स का कहना है कि इसका कुछ क्षेत्रों पर गंभीर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि भविष्य में समृद्धि को बनाए रखने के लिए प्रशिक्षित कामगारों की कमी के खतरे और आबादी में गिरावट को दूर करने का एकमात्र रास्ता आप्रवासन है.

विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक बवेरिया के निवासियों की संख्या बढ़ती रहेगी. दूसरे इलाकों से वहां लोगों का जाना जारी रहेगा. लोगों के इस प्रवाह का लाभ दक्षिण के दूसरे प्रांतों को भी मिलेगा और इस तरह वे देश के दूसरे प्रांतों के विपरीत अपनी आबादी को कायम रख सकेंगे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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