दबाव में वर्ल्ड कप नहीं खेलूंगाः यूसुफ पठान
२८ जनवरी २०११यूसुफ का कहना है, "आप किसी टूर्नामेंट के दबाव को ध्यान में रख कर उसमें शामिल नहीं होते हैं. हम लोग अपने घर पर वर्ल्ड कप खेल रहे हैं और यह बात बड़ी स्वाभाविक है कि लोगों को हमसे बहुत उम्मीदें होंगी."
वडोदरा के यूसुफ पठान ने कहा, "हमारी तैयारी अच्छी है और पिछले कुछ महीनों में हमने अच्छा क्रिकेट खेला है. हम उम्मीद करते हैं कि वर्ल्ड कप में भी हमारा प्रदर्शन अच्छा रहे." यूसुफ के सौतेले भाई इरफान पठान को इस बार के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम में नहीं रखा गया है.
पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में आतिशी शतक बनाने वाले यूसुफ पठान को अपनी फॉर्म से खुशी है. उनका कहना है, "मुझे इस बात की खुशी है कि मैं अपने प्रदर्शन से टीम के लिए कुछ कर पाया. मुझे एक खास काम दिया गया और मैंने उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की."
शतकों की तुलना नहीं:
यूसुफ के नाम एकदिवसीय मैचों में दो शतक हैं, जिनमें से दक्षिण अफ्रीका में बनाया गया 68 गेंदों वाला शतक भी शामिल है. लेकिन यूसुफ तुलना नहीं करना चाहते. उनका कहना है, "आप उन दोनों पारियों की तुलना नहीं कर सकते, जो दो बिलकुल अलग अलग परिस्थितियों में बनाई गई हों. जहां तक आप संतुष्टि की बात करते हैं, अगर आप अपने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करें, तो आप जरूर संतुष्ट होंगे."
दक्षिण अफ्रीका में 70 गेंदों में 105 रन बनाने से पहले यूसुफ पठान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत में 96 गेंदों में 123 रन की विस्फोटक पारी खेली थी. हालांकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी पारी ऐसे समय में आई, जब भारत के आठ विकेट 119 पर गिर गए थे. उनका कहना है, "ऐसा नहीं है कि मैं जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेल रहा था तो मुझ पर ज्यादा दबाव था और न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में खेल रहा था तो कम था. दोनों परिस्थितियां एक दूसरे से बिलकुल अलग थीं और मैं सौभाग्यशाली रहा कि दोनों में ही स्कोर कर पाया."
बॉलिंग पर ध्यान:
यूसुफ पठान का एकदिवसीय मैचों में स्ट्राइक रेट 115 का है. वह ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के अलावा अच्छी सधी हुई स्पिन गेंदबाजी में भी महारथ रखते हैं. उनका कहना है कि वह लगातार अपनी गेंदबाजी पर ध्यान दे रहे हैं. यूसुफ कहते हैं, "मैंने हमेशा अपनी गेंदबाजी को गंभीरता से लिया है. मैं लगातार नेट पर प्रैक्टिस करता हूं ताकि मेरी बॉलिंग की फाइन ट्यूनिंग होती रहे." उन्होंने 45 वनडे मैचों में 30 विकेट लिए हैं.
कर्स्टन इज बेस्ट:
ऑल राउंडर पठान टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन की भी जम कर तारीफ करते हैं. उनका कहना है, "मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे कर्स्टन जैसे किसी शख्स से कोचिंग पाने का मौका मिला. वह ऐसे कोच हैं, जिनके पास नियमित अभ्यास के बाद भी हमेशा किसी भी खिलाड़ी के लिए वक्त रहता है. उनके सिखाने का तरीका अद्भुत है. उनकी वजह से भी मेरा खेल बहुत बेहतर हुआ."
यह पूछे जाने पर कि जब वर्ल्ड कप के बाद कर्स्टन भारतीय टीम की जिम्मेदारी छोड़ देंगे, तो क्या वे उन्हें मिस करेंगे. यूसुफ पठान का कहना है, "वह अभी हमारे साथ हैं. यह ज्यादा अहम है. यह नहीं सोचना चाहता कि उनके जाने के बाद क्या होगा."
भारतीय क्रिकेट टीम में तीन विदेशी कोच (जॉन राइट, ग्रेग चैपल और गैरी कर्स्टन) रहे हैं, जिनमें कर्स्टन सबसे लोकप्रिय हुए.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ए कुमार