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दर-ब-दर विशालकाय व्हेल्स

२५ मार्च २००९

एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में 70 से 80 व्हेल मछलियां किनारे पर आने के कारण मारी गईं. ज़िंदा व्हेल मछलियों को बचाव दल ने क्रेन्स की मदद से बड़े बड़े ट्रकों में रखा गया और समुन्दर में भेजा गया.

समुद्र किनारे मरी पड़ी कई व्हेल्सतस्वीर: picture-alliance/dpa

ऑस्ट्रेलिया में मंगलवार को समुद्र किनारों पर फंसे दस व्हेल मछलियों को सफलता पूर्वक वापस सागर में पहुंचा दिया गया है. लेकिन इस दौरान वन अधिकारियों ने एक घायल व्हेल को गोली मार कर ख़त्म कर दिया क्योंकि उसकी आवाज़ सुन कर दूसरी व्हेल मछलियों का एक बार फिर किनारे पर लौट आने का ख़तरा बढ़ जाता क्योंकि व्हेल मछलियां झुंड में रहती हैं.

व्हेल और डॉल्फिन मछलियों को बचाने आए लोग.तस्वीर: dpa-Report

वन विभाग ने अपने बयान में बताया कि घायल व्हेल बहुत देर से पानी के बाहर थी और उसकी हालत लगातार ख़राब होती जा रही थी.

इससे पहले हेमिलिन की खाड़ी के पास इन विशालकाय मछलियों को वैसे ही विशालकाय ट्रकों में लाद कर किनारों तक ले जाया गया.

ऑस्ट्रेलिया में व्हेल मछलियों की मदद के लिये कई स्कूली बच्चों सहित 200 लोगों को जुटाया गया जो लगातार इन मछलियों पर पानी डालते रहे. कुछ लोग तो रात भर इस काम में लगे रहे. मदद करने वाली एक महिला व्हेल मछलियों की हालत देख कर रो पड़ी. उसने बताया कि "एक व्हेल मछली को मैने देखा जिसके पखने अभी भी हिल रहे थे लेकिन जब मैं उसके पास गई तो वो लहरों के कारण हिल रहे थे. ये देख कर मेरी आंखों से आंसू आ गए".

व्हेल्स हमेशा झुंड में रहना पसंद करती हैं.तस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण विभाग के प्रेस प्रवक्ता ने बताया कि "हमारी नीति होती है कि किनारे पर पहुंची ऐसी मछलियों को साथ में खाड़ी में एक साथ रखा जाए, उसके बाद उनको बड़े-बड़े ट्रकों में भरकर समुद्र में वापिस छोड़ा जाता है".

क्यों होता है ये

किनारे पर चारे के साथ आने वाली मछलियों में सिर्फ़ व्हेल ही नहीं बल्कि डॉल्फिन भी होती हैं. ऑस्ट्रेलिया में भी डॉल्फिन भी समुद्र किनारे पर पहुंच गई थीं उन्हें तो अपना रस्ता मिल गया लेकिन व्हेल भटक गईँ और 70-80 व्हेल्स में से केवल 10 को ही बचाया जा सका.

आमतौर पर एक व्हेल मछली छह मीटर लंबी होती है और इसका वज़न साढ़े तीन टन होता है.

अधिकतर समुद्री मामलों के जानकारों के लिये ये विशालकाय व्हेल और डॉल्फिन मछलियों का इस तरह किनारे पर आना एक पहेली है. लेकिन विज्ञान समाचारों के इंटरनेट पोर्टल "आउस सीएमएस" में समुद्र विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में पछुआ और दक्षिण की तरफ़ चलने वाली हवाओं के कारण मछलियों का चारा समुद्र तटों की तरफ़ पहुंच जाता है और इसकी तलाश में मछलियां भी पानी से बाहर निकल आती हैं. जानकारों का मानना है कि हर दस साल में मछलियों के किनारे पर आने की प्रवृत्ति बढ़ती है.

मार्च के शुरुआत में भी 194 व्हेल मछलियां ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी किनारे पर फंस गई थी जिसमें से सिर्फ़ 54 को ही बचाया जा सका था.

रिपोर्ट- डीपीए, एफपीई

संपादन- ए जमाल

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