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दलाई लामा की जान को खतरा: रिपोर्ट

७ जनवरी २०१२

भारतीय मीडिया के मुताबिक तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की जान को खतरा है. इन रिपोर्टों के बाद उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. दलाई लामा इस वक्त बोध गया में प्रार्थना सभाओं की अगुवाई कर रहे हैं.

तस्वीर: Nicole Graaf

भारतीय अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मुंबई पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि चीन से आतंकवादी भारत आकर दलाई लामा को मारने की कोशिश कर सकते हैं. भारतीय पुलिस को सूचना मिली है कि चीन की खुफिया एजेंसी के कुछ जासूस भी इस साजिश में शामिल हो सकते हैं. वे भारत आ कर तिब्बती नेता पर जानकारी जमा करना चाहते हैं और हो सकता है कि वे उनकी जान भी ले लें.

एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि चीन के कई नागरिक बिजनेस वीजा लेकर भारत आते हैं. चीन के नागरिकों का तिब्बती प्रदर्शनों में जाना प्रतिबंधित है लेकिन वे इनमें घुसने की कोशिश कर सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि अगर चीनी नागरिक का पासपोर्ट गुम जाता है तो उसकी रिपोर्ट तुरंत पुलिस के साथ दर्ज करवानी होगी. भारतीय एजेंसियों को ऐसे मामलों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी. रिपोर्ट में दलाई लामा का विरोध करने वाले शुगदेन गुट के सदस्यों पर शक जताया गया है.

तस्वीर: dapd

हालांकि दलाई लामा के प्रवक्ता चिमी च्योकपा ने इस बारे में कोई भी प्रक्रिया देने से मना किया है. उन्होंने कहा, "अब तक ऐसी कोई पेरशानी नहीं हुई है. माननीय दलाई लामा अब प्रवचन दे रहे हैं." दलाई लामा इस वक्त बिहार के बोध गया में हैं. भारत में रह रहे निर्वासित तिब्बती प्रधानमंत्री लोबसांग सांगे के मुताबिक वहां भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. सुरक्षा अधिकारियों को शक है कि चीन से आ रहे आतंकवादी छिपकर इन सभाओं में घुस सकते हैं.

1959 में चीन में सांस्कृतिक क्रांति के नाम पर तिब्बतियों के दमन के बाद दलाई लामा भारत आए थे. तब से धर्मशाला के पास का पर्वतीय शहर मैकलोडगंज तिब्बत की प्रवासी सरकार की राजधानी बन गया है. चीन ने कई बार दलाई लामा पर आरोप लगाए हैं कि वह अलगाववादी हैं और तिब्बत में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. दलाई लामा का कहना है कि वह चीन से अलग नहीं होना चाहते हैं. लेकिन वह केवल तिब्बत के प्रशासन में और स्वायत्तता के लिए आवाज उठा रहे हैं.

रिपोर्टः डीपीए/एमजी

संपादनः ओ सिंह

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