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दलाई लामा की वापसी के लिए दरवाजे खुलेः चीन

१९ मई २०११

तिब्बत में चीन के सर्वोच्च अधिकारी ने कहा है कि भारत में निर्वासन में रह रहे दलाई लामा की वापसी के लिए दरवाजे खुले हैं, लेकिन इस आरोप को दोहराया गया है कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता एक अलगाववादी हैं.

Der Dalai Lama gibt am 10.3.2011 bekannt, dass er als politisches Oberhaupt der Tibeter Exilregierung zurücktreten wird. Als religiöser Führer bleibt der 76-jährige Friedensnobelpreisträger aber aktiv und wird sich weiter «für die gerechte Sache Tibets» einsetzen. Titel: Tempelrede des Dalai Lama 10.3. Wer hat das Bild gemacht?: Adrienne Woltersdorf Wann wurde das Bild gemacht?: 10.3.2011 Wo wurde das Bild aufgenommen?: McLeodganj
राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त दलाई लामातस्वीर: DW

मार्च में राजनीतिक जिम्मेदारियों से दलाई लामा के संन्यास लेने के बाद पहली बार चीन की तरफ से किसी उच्चस्तरीय अधिकारी ने बयान दिया है. पद्मा चोलिंग ने कहा कि दलाई लामा का तिब्बत में वापसी के लिए स्वागत हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अलगाववादी गतिविधियां छोड़नी होंगी. तिब्बत के लिए चीन सरकार के सर्वोच्च अधिकारी चोलिंग ने कहा, "अगर वह वापसी चाहते हैं, तो दरवाजा हमेशा खुला है. अगर दलाई लामा ने वाकई संन्यास ले लिया है जैसा कि उन्होंने कहा है, अगर वह अलगावादी गतिविधियां छोड़ दें और तिब्बत की स्थिरता में बाधा डालना बंद कर दें और बौद्ध धर्म पर ध्यान लगाएं, तो यह तिब्बत के लिए अच्छा होगा. सबसे बड़ी बात यह है कि क्या वह तिब्बत की आजादी की बात छोड़ेंगे."

वापसी मुश्किल

इससे पहले भी चीन की तरफ से ऐसी बातें कही जाती रही हैं लेकिन तिब्बत के घटनाक्रम पर नजर रखने वाले कहते हैं कि चीन सरकार कभी दलाई लामा को वापसी नहीं करने देगी क्योंकि इससे तनावग्रस्त तिब्बत में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ेगी. चीन बरसों से कहता रहा है कि दलाई लामा एक स्वतंत्र तिब्बत की स्थापना चाहते हैं. लेकिन 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दलाई लामा इस आरोप से इनकार करते हैं. वह कहते हैं कि उन्हें अपनी मातृभूमि के लिए सिर्फ सार्थक स्वायत्तता चाहिए.

निर्वासित तिब्बतियों के नए प्रधानमंत्रीतस्वीर: AP

दलाई लामा के संन्यास के बाद निर्वासित तिब्बतियों ने 43 साल के लोबसांग सांगे को प्रधानमंत्री चुना है जो हार्वर्ड में पढ़ाते हैं. उन्हें दलाई लामा की राजनीतिक जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. चीन सरकार का मानना है कि 75 वर्षीय दलाई लामा के मरने के बाद निर्वासित तिब्बती आंदोलन खत्म हो जाएगा.

दलाई लामा ने क्या किया

"तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति" की 60वीं वर्षगांठ पर चीन सरकार के एक कार्यक्रम में चोलिंग ने आरोप लगाया कि दलाई लामा धर्म आधारित तंत्र को बहाल करना चाहते हैं जो 1951 में से चीन का नियंत्रण कायम होने से पहले वहां चलता था. उन्होंने कहा, "जब से वह 1959 से निर्वासन में गए, तब से उन्होंने तिब्बत की भलाई के लिए कुछ नहीं किया है. वह सिर्फ सामंती दासता को बहाल करने के लिए संघर्ष करते रहे हैं."

चोलिंग ने चीन सरकार के इस रुख को भी दोहराया कि तिब्बतियों की निर्वासित सरकार एक गैरकानूनी संगठन है और भविष्य में दलाई लामा की वापसी पर अगर कोई बात होगी तो वह बौद्ध नेता के साथ होगी, न कि निर्वासित सरकार के साथ.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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