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दलाई लामा जाएंगे जापान

१३ जून २०१०

तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा हफ्ते भर के दौरे पर जापान जा रहे हैं. वहां वह कई बौद्ध मंदिरों में जाएंगे और धार्मिक प्रवचन देंगे. आशंका है कि चीन दलाई लामा के इस दौरे का विरोध कर सकता है.

जापान से निमंत्रणतस्वीर: AP

भारत के धर्मशाला में तिब्बतियों की निर्वासन सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि जापान की नगानो शहर के एक बौद्ध मंदिर ने दलाई लामा को निमंत्रण भेजा है. नगानो में सातवीं सदी का जेनकोजी बौद्ध मंदिर है. उन्होंने 74 साल के दलाई लामा को 20 जून को होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है. दो साल पहले दलाई लामा ने जापान के इस मंदिर को बौद्ध की मूर्ति भेजी थी.

जापान में तोकेई जी बैद्ध मंदिरतस्वीर: picture-alliance / dpa

दलाई लामा जापान में करीब 7000 धर्मगुरुओं और स्थानीय लोगों को संबोधित करेंगे. दो साल पहले जेनकोजी मंदिर उस वक्त सुर्खियों में आ गया, जब उसने पेइचिंग ओलंपिक के दौरान अपने यहां ओलंपिक मशाल की रिले रेस कराने से इनकार कर दिया था. उसने तिब्बतियों पर कथित चीनी जुल्म की वजह से यह कदम उठाया था.

तिब्बती सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दलाई लामा याकोहामा शहर में 26 जून को धार्मिक प्रवचन देंगे. इसके अलावा वह भारत के मैकलोडगंज में भारत तिब्बत सहयोग के 50 साल पूरे होने पर भी एक विशेष समारोह में हिस्सा लेंगे.

1959 में भारत पहुंचे दलाई लामा. पंडित नेहरू के साथतस्वीर: AP

दलाई लामा 1960 से मैकलोडगंज में ही रह रहे हैं. यह स्थान धर्मशाला के नजदीक है. चीन सरकार की वजह से दलाई लामा ने 1959 में तिब्बत छोड़ दिया था. तिब्बतियों ने अप्रैल में भी दो दिनों का कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें धर्मशाला और हिमाचल प्रदेश को तिब्बतियों की मदद के लिए सराहा गया था.

चीन का कहना है कि दलाई लामा अलगाववादी हैं और तिब्बत को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं. दलाई लामा कई बार कह चुके हैं कि उन्हें स्वतंत्रता नहीं चाहिए. वह स्वायत्तता चाहते हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एम गोपालकृष्णन

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