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दादा के घर में सचिन का सम्मान

१२ मई २०१२

शतकों का महाशतक बनाने के बाद सचिन का ईडेन गार्डन में सम्मान. मिला सोने की गेंद, बल्ला और साथ ही रसगुल्ला भी. दर्शकों ने भी किया सचिन का खड़े हो कर अभिवादन.

सोने का बल्ला सोने की गेंद....तस्वीर: DW/Prabhakar Mani Tewari

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में क्रिकेट का जिक्र छिड़ते ही दादा यानी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का नाम जेहन में आता है. ईडेन गार्डेन को सौरव का घरेलू मैदान कहा जाता है. लेकिन शनिवार को इसका नजारा पूरी तरह बदला हुआ था. इस मैदान में जुटे हजारों दर्शक सौरव नहीं बल्कि सचिन जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. और हो भी क्यों न? आखिर शतकों का महाशतक बनाने के बाद पहली बार ईडेन में आए मास्टर ब्लास्टर का सम्मान जो होना था. इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियंस के बीचे खेले जाने वाले मुकाबले से पहले यहां राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सचिन तेंदुलकर को सोने का बल्ला,गेंद, सोने के सौ सिक्कों और बंगाल की मशहूर मिठाइयों-महाराजभोग,दही और रसगुल्लों से सम्मानित किया. ममता ने इसके अलावा भी उनको कई उपहार दिए. इस समारोह का आयोजन राज्य सरकार और क्रिकेट एसोसिएशन आफ बंगाल ने मिल कर किया था. इस ऐतिहासक क्षण का गवाह बनने के लिए तय समय से घंटो पहले ही पूरा स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भर गया था.

सम्मान समारोह में उन्होंने अपना भाषण ही बांग्ला में शुरू किया और लोगों का दिल जीत लिया. उन्होंने कहा, ‘आपनि केमन आछेन? आमि भालो आछि. (आप लोग कैसे हैं. मैं बढ़िया हूं.)' सचिन ने महानगर के लोगों के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा, ‘ईडेन में खेलना हमेशा आनंददायक रहा है. मुझे यह क्षण जीवन भर याद रहेगा. कोलकाता में आकर मुझे हमेशा खुशी होती है.'

स्टेडियम के एक किनारे आयोजित इस सम्मान समारोह के लिए ममता भी तय समय से पहले ही वहां पहुंच गई थी. स्टेडियम की ज्यादातर गैलरियां तो दो बजे ही भर गई थीं. महानगर के अलावा राज्य के दूसरे हिस्सों से आए लोग तेज धूप और गर्मी की परवाह किए बिना दोपहर बाद एक बजे से ही ईडेन पहुंचने लगे थे. दर्शकों में से किसी ने हाथों में सचिन की तस्वीर ले रखी थी तो किसी के हाथ में बैनर था. इन बैनरों और पोस्टरों पर लिखा था—‘सचिन क्रिकेट के भगवान हैं,' ‘लांग लिव सचिन तेंदुलकर', ‘सचिन अभी लंबे समय तक खेलते रहो.' दोपहर के बाद तो महानगर की हर सड़क ईडेन गार्डेन की ओर ही जाती नजर आ रही थी.

हुगली जिले से आए दर्शक स्वपन बारूई ने कहा, ‘मेरी कोलकाता बनाम मुंबई मैच में तो दिलचस्पी नहीं थी. लेकिन जब मैंने सुना कि सचिन को यहां सम्मानित किया जाएगा तो मैंने मैच के टिकट खरीद लिए. मैं तय समय से दो घंटे पहले ही मैदान में पहुंच गया था.' कालेज छात्र धीरेन दासगप्ता तो इस अहम मौके का गवाह बनने के लिए कोई छह सौ किलोमीटर दूर दार्जिलिंग से यहां पहुंचे थे. धीरेन ने कहा, टआईपीएल मैच तो टीवी पर भी देख सकता था. लेकिन अपनी आंखों के सामने सचिन को सम्मानित होते देखने का यह दुर्लभ मौका मैं भला कैसे चूक सकता था?'

ममता ने जब एक-एक कर उनके हाथों में उपहार सौंपना शुरू किया तो दर्शकों की सीटियों, वुवुजेला, तालियों और नारों का समवेत स्वर लंबे समय तक मैदान में गूंजता रहा. इस मौके पर ममता ने सचिन की तारीफ करते हुए कहा, ‘अपने लंबे सफर में सचिन तेंदुलकर ने उपलब्धियों और रिकार्डों का जो पहाड़ खड़ा कर दिया है उसकी बराबरी मुश्किल है.' मुख्यमंत्री ने सचिन के स्वस्थ रहने और लंबे समय तक क्रिकेट खेलते रहने की कामना की. ममता ने कहा, ‘सचिन सोनार छेले यानी सचिन सोने के बने हैं. इसलिए हमने सोने का बल्ला और गेंद देकर उनको सम्मानित किया है.'

इस मौके पर सचिन ने कहा, ‘मैं खुद को काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं. ईडेन में मुझे दर्शकों का भारी समर्थ मिलता रहा है. यहां के लोगों ने पिछले 22 साल के सफर के दौरान मेरा समर्थन किया है. मैं आप सबका बेहद आभारी हूं.' उन्होंने उम्मीद जताई कि महानगर के लोग हमेशा उनका और भारतीय किक्रेट टीम का समर्थन करते रहेंगे.

ईडेन में मौजूद पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा, ‘क्रिकेटर ही नहीं बल्कि हर खिलाड़ी की इच्छा होती है कि ईडेन गार्डन में दर्शक खड़े होकर उसका सम्मान करें. सचिन के लिए यह निश्चित ही गौरवशाली क्षण है.'

रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः आभा मोंढे

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