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दिमाग से खिलवाड़ की तकनीक

२८ सितम्बर २०१२

पुर्तगाल में नया सॉफ्टवेयर तैयार हुआ है, जिसकी मदद से सर्जन बिना किसी चीज को छुए ही दिमाग के अलग अलग हिस्सों पर बारीक नजर डाल सकेंगे. किसी हिस्से को सेलेक्ट करके उसे जूम कर सकेंगे, जो इलाज में मददगार होगा.

तस्वीर: IRDC Leipzig

ऑपरेशन के वक्त सर्जनों को एक खास नियम का ध्यान रखना होता है. उन्हें अपने हाथ बिलकुल साफ रखने होते हैं, ताकि किसी तरह का जीवाणु ऑपरेशन के वक्त मरीज के संपर्क में न आए. पुर्तगाल के न्यूरोसर्जन एलेक्जेंडर कैमपॉस इस नियम को अच्छी तरह जानते हैं. ऑपरेशन थियेटर में जाने से पहले वह किसी दूसरे सर्जन की तरह अच्छी तरह हाथ साफ करते हैं. पूरी प्रक्रिया में 20 मिनट लगते हैं.

लेकिन ऑपरेशन के दौरान इस बात की संभावना बनी रहती है कि उन्हें दोबारा हाथ साफ करना पड़े. हो सकता है कि उन्हें सीटी स्कैन देखना पड़े या एमआरआई पर नजर मारनी हो. इन चीजों को छूने का मतलब है जीवाणु के संपर्क में आने की संभावना.

मुश्किल है ऑपरेशन

डॉक्टर कैमपॉस का कहना है, "इन्हें समझने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इन्हें मैप से मिलाया जाए. मान लीजिए कि आप जर्मनी से फ्रांस जा रहे हैं. तो ऐसे में आप अपने दिमाग में हर गली, हर मोड़ को नहीं रख सकते हैं. आपको बार बार मैप देखना होगा."

ऑपरेशन के दौरान ऐसी जरूरत पड़ी तो डॉक्टर कैमपॉस को कंप्यूटर और माउस का इस्तेमाल करना पड़ता है. लेकिन वे हमेशा जीवाणु रहित नहीं होते हैं. कई बार तो वह किसी और से कंप्यूटर चलाने को कहते हैं ताकि उनके हाथ में जीवाणु के संपर्क की गुंजाइश न बने. लेकिन, "यह संभव नहीं है कि हर बार ऐसा किया जाए. दूसरा शख्स कई बार नहीं समझता है कि मैं क्या चाह रहा हूं. अगर आप खुद कुछ कर रहे हों तो काम बहुत आसान हो जाता है." इसके बाद उन्होंने वाईड्रीम्स कंपनी को अपनी परेशानी बताई.

तकनीक का इस्तेमाल

वाईड्रीम्स एक पुर्तगाली कंपनी है, जो इंटरएक्टिव तकनीक में महारथ रखती है. उन्होंने वाईस्कोप नाम का नया सॉफ्टवेयर तैयार कर दिया है. यह डॉक्टरों को उन चित्रों के साथ छेड़छाड़ की इजाजत देता है, जो ऑपरेशन के दौरान जरूरी होते हैं. इसके लिए उन्हें सिर्फ अपना हाथ हिलाना पड़ता है. कुछ वैसा ही प्रभाव पैदा होता है, जैसा टॉम क्रूज की फिल्म माइनोरिटी रिपोर्ट में होता था.

बिना छुए ऑपरेशन के दौरान तस्वीर देखने के लिए नई तकनीकतस्वीर: picture alliance/dpa

दस महीने पहले वाईड्रीम्स ने सॉफ्टवेयर डेवलप करना शुरू किया. यह हमारे साइंस फिक्शन को सच करता दिख रहा है. लिसबन के पास ही कंपनी के मुख्यालय में कंप्यूटर इंजीनियर नई तकनीक पर प्रयोग कर रहे हैं.

वीडियो गेम से मदद

कमरे के एक कोने में बड़ी स्क्रीन वाला टीवी है. इसके पास ही काइनेक्ट है, ऐसा सेंसर सिस्टम जो आम तौर पर एक्सबॉक्स कंप्यूटर गेम में इस्तेमाल होता है. लेकिन वे कोई गेम नहीं खेलने जा रहे हैं, बल्कि इसका उपयोग वाईस्कोप के लिए करने जा रहे हैं.

जूम इन करने के लिए एक इंजीनियर हवा में हाथ उठाता है और मुट्ठी भींच लेता है. ऐसा लगता है कि वह किसी अदृश्य चीज को पकड़ रहा है. इसी स्थिति में वह अपने हाथ को नीचे लाता है, जैसे किसी करसर को पकड़ कर नीचे खींचा जा रहा हो.

प्रोजेक्ट मैनेजर फर्नांडो नाबियास का कहना है कि उनकी टीम ऐसे प्रयोग पर काम कर रहे हैं, जो सर्जन माउस के जरिए करते हैं, "मैं यह नहीं कहूंगा कि यह माउस से तेज होता है लेकिन इससे समय जरूर बचता है, क्योंकि डॉक्टरों को बार बार हाथ साफ करने की जरूरत नहीं होती." यह पहला मौका नहीं है कि काइनेक्ट का इस्तेमाल मेडिकल साइंस के लिए किया जा रहा हो लेकिन नाबियास का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर ऐसा काम पहले नहीं हुआ.

जल्द बाजारों में

वाईस्कोप अभी टेस्ट के दौर से गुजर रहा है. लेकिन नाबियास का कहना है कि परीक्षणों के दौरान शानदार नतीजे आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी से बहुत से लोग इसमें रुचि लेने लगे हैं. नाबियास का कहना है, "मुझे हर रोज ईमेल मिल रहे हैं. मेरे जानने वाले एक न्यूरोसर्जन ने मुझे मेल लिख कर पूछा है कि उन्हें यह कब तक मिल सकता है."

कंपनी का कहना है कि इस साल के आखिर तक यह सॉफ्टवेयर बाजार में आ सकता है. शुरू में यह पुर्तगाल के बाजार में मिलेगा और बाद में दूसरे देशों में भी बेचा जाएगा.

रिपोर्टः गुइलहेरमे कोरिया दा सिल्वा/एजेए

संपादनः महेश झा

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