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दिमित्री मेदवेदेव रूस के नए राष्ट्रपति

३ मार्च २००८

बेशक, रूसी राष्ट्रपति का चुनाव अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव की तरह दिलचस्प नहीं रहा है, क्योंकि जीतने वाले का नाम पहले से ही तय था. निवर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा मनोनीत दिमित्री मेदवेदेव अपेक्षा के अनुरूप जीत गए हैं।

दोनों अपनी कुर्सियाँ बदलेंगे
दोनों अपनी कुर्सियाँ बदलेंगेतस्वीर: AP

मेदवेदेव को 69 प्रतिशत से अधिक वोट मिले हैं. क्रेमलिन की और से उन्हें विजयी मान लिया गया है. दूसरे स्थान पर रहने वाले कम्युनिस्ट उम्मीदवार गेन्नादी ज़्युगानोव को लगभग 19 प्रतिशत मत मिले हैं. उन्होंने चुनाव में अनियमितताओं की शिकायत की है. मतदान 60 प्रतिशत के बराबर रहा. कई स्थानों में कुछ मतदाताओं ने शिकायत की है कि उन्हें मतदान के लिए मजबूर किया गया है. ज्ञातव्य है कि यूरोपीय सुरक्षा व सहयोग संगठन ओ ई सी डी ने इस चुनाव में प्रेक्षक भेजने से इंकार कर दिया था, क्योंकि उनका कहना था कि मास्को की और से चुनाव प्रक्रिया के पर्यवेक्षण की पर्याप्त सुविधा नहीं दी जा रही है.

चुनाव परिणामों पर टिप्पणी करते हुए जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के विदेश नीतिक प्रवक्ता गेर्ट वाइसकिर्षेन ने दॉएचे वेले से कहा कि इससे स्पष्ट हो जाता है कि लोकतंत्र के स्तर के हमारे मापदंडों से इस चुनाव को नापा नहीं जा सकता. लेकिन साथ ही यह भी कहना पड़ेगा कि रूस की एक दूसरी परंपरा है, उसका एक जटिल इतिहास है, और शायद हम देखेंगे कि राष्ट्रपति का चुनाव रूस के विकास में एक मोड़ का सूचक होगा.

कौन हैं दिमित्री मेदवेदेव, और इस चुनाव का भारत-रूस संबंधों के लिए क्या महत्व है. प्रस्तुत है इन सवालों पर मेधा की एक रिपोर्ट.

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