इंडियन सुपर लीग 12 अक्टूबर से शुरू होने वाली है. आठ टीमों की इस लीग में दुनिया के कुछ बेहतरीन फुटबॉलर भारतीय खिलाड़ियों के साथ देश में फुटबॉल के नए युग की शुरुआत करेंगे. जर्मन फुटबॉलर मानुएल फ्रीडरिष और न्यू कासल यूनाइटेड के स्ट्राइकर माइकल चोपड़ा के बाद अब एक और जाना माना नाम इंडियन लीग से जुड़ गया है.
इटली के स्टार स्ट्राइकर अलेसांद्रो डेल पियेरो दिल्ली डायनामोज की टीम के साथ जुड़ गए हैं. डेल पियेरो आईएसएल के ब्रांड एमबैस्डर भी होंगे. इटली के क्लब युवेंटस के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, "मुझे यह बताने में बहुत खुशी हो रही है कि मैंने दिल्ली डायनामोज टीम और इंडियन सुपर लीग से जुड़ने का करार किया है. मैं आईएसएल में शामिल होनी वाली टीम का सदस्य रहूंगा. लीग के ब्रांड एम्बैस्डर के तौर पर मेरी जिम्मादारी देश में फुटबॉल की छवि और लोकप्रियता बढ़ाने की होगी."
डेल पियेरो ने ऑस्ट्रेलियाई क्लब सिडनी एफसी का इसी साल अप्रैल में साथ छोड़ा है, पिछले दो साल से वे इस क्लब के साथ जुड़े थे. उम्मीद है कि डेल पियेरो अपने हुनर का इस्तेमाल आठ टीम वाली इस लीग में बखूबी करेंगे. नवंबर में 40 साल के होने जा रहे इतालवी स्टार कहते हैं, "मैं हमेशा से ही अलग करने के बारे सोचता हूं. फुटबॉल की सड़क पर मैं खुद को यात्री के तौर पर देखता हूं. मेरे लिए सिर्फ फुटबॉल का मैदान अहमियत नहीं रखता, खेल के चारों ओर होने वाली चीजें भी मेरे लिए मायने रखती हैं. यही वजह है कि मैं ऑस्ट्रेलिया गया. दो साल ऑस्ट्रेलिया में रहने से जो परिणाम ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल में आए और उस देश ने मेरे लिए जो कुछ किया, उससे मैं खुश हूं. यही कारण है कि मैं भारत जा रहा हूं. यह इस शानदार यात्रा का एक और पड़ाव है." डेल पियेरो 2006 में फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाली इटली की टीम के सदस्य रह चुके हैं.
एए/एजेए (रॉयटर्स)
फुटबॉल के कुछ बड़े खिलाड़ी, ड्रामेबाजी में भी अव्वल होते हैं. विरोधी टीमों को उनके ड्रामेबाजी के हुनर से भी निपटना पड़ता है. तस्वीरों में वर्ल्ड कप के टॉप-7 ड्रामेबाज.
तस्वीर: Reutersनीदरलैंड्स के स्टार स्ट्राइकर आर्यन रोबेन, जितने मशहूर अपने खेल के लिए हैं, उतनी ही शोहरत उन्होंने ड्रामेबाजी में भी हासिल की है. मैच के दौरान उन्हें विपक्षी खिलाड़ी ने अगर छू भी दिया तो रोबेन चीखते हुए गिर पड़ते हैं और पेनल्टी मांगने लगते हैं. मेक्सिको के खिलाफ उन्हें ऐसे ही पेनल्टी मिली.
तस्वीर: Reutersसुआरेस को लोग अब उरुग्वे के स्टार स्ट्राइकर के साथ साथ स्टार बाइटर यानी काटने वाला भी कह रहे हैं. विपक्षी खिलाड़ियों को दांत गड़ाने वाले सुआरेस ऐसा दिखावा करते हैं जैसे विपक्षी टीम मैदान पर उनका शोषण कर रही हो.
तस्वीर: JAVIER SORIANO/AFP/Getty Imagesस्पेन के स्ट्राकर डियागो कोस्टा, हुनर के बजाए ड्रामे से खेल को ज्यादा प्रभावित करते हैं. वो बिना किसी के छुए भी गिर पड़ते हैं और पेनल्टी, पेनल्टी कहने लगते हैं. ड्रामे की ही बदौलत वो नीदरलैंड्स के खिलाफ एक पेनल्टी पाने में सफल हुए.
तस्वीर: Reutersजर्मनी के स्टार स्ट्राइकर भी हाल के बरसों में मैदान पर बहुत ड्रामा करने लगे हैं. हल्की सी छुअन छुआई में मुलर भी चीख उठते हैं. उनके ड्रामे से तंग आकर पुर्तगाल के पेपे ने म्यूलर से सिर लड़ा दिया, नतीजा हुआ रेड कार्ड.
तस्वीर: picture-alliance/dpaखुद फाउल करना लेकिन ऐसा दिखाना जैसे गलती सामने वाले खिलाड़ी ने की हो, इस कला में बिजली जैसी रफ्तार वाले इटली के स्टार स्ट्राइकर मारियो बालोटेली काफी आगे हैं. तस्वीर में नौ नंबर की जर्सी पहने बालोटेली.
तस्वीर: Reutersहॉलैंड के गोलकीपर टिम कुर्ल पेनाल्टी जैसे मौकों पर साइकोटेरर का सहारा लेते हैं. वो विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को लगातार बरगलाते हैं. कोस्टा रिका के खिलाफ कुर्ल लगातार कहते रहे, "मुझे पता है, तुम कहां मारोगे."
तस्वीर: picture-alliance/dpaब्राजील के नेमार जूनियर भी मैदान पर जरूरत से ज्यादा नाटक करते हैं. यही वजह रही कि कोलंबिया के खिलाफ जब नेमार को गंभीर चोट लगी तो रेफरी ने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया.
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