दिवालिया होने से बचा अमेरिका
१७ अक्टूबर २०१३गुरुवार की समय सीमा खत्म होने से महज कुछ ही घंटे पहले रिपब्लिकन सांसदों ने अपना विरोध वापस लिया. देर रात दोनों सदनों में वोटिंग के बाद ओबामा ने नए कानून पर दस्तखत किए और दुनिया ने राहत की सांस ली.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बिना कोई प्रतिक्रिया दिए बिल पर दस्तखत कर दिए. इत्तफाक से ठीक वही वक्त था जब एशियाई वित्तीय बाजार खुलते हैं. इससे पहले उन्होंने संकेत दे दिया था कि संसद के निचले सदन से पास होने के तुरंत बाद वो इस पर दस्तखत कर देंगे और संघीय कर्मचारियों को 16 दिन की कामबंदी के बाद वापस काम पर बुला लिया जाएगा. ओबामा ने कहा, "हमारे आगे बहुत काम है, इसमें अमेरिकी जनता का विश्वास हासिल करना भी शामिल है जो पिछले कुछ दिनों में खो गया है. गुरुवार सुबह से कर्मचारियों के काम पर लौटने की उम्मीद है.
बिल के पास होने में रिपब्लिकन सांसदों का सहयोग सबसे अहम था क्योंकि निचले सदन में बहुमत उन्हीं के पास है. सीनेट में पास होने के बाद निचले सदन में बिल 144 के मुकाबले 285 मतों से पारित हुआ. बिल पास कराने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 87 सांसद डेमोक्रेट सांसदों के साथ आए. उन्होंने थोड़े समय के लिए कर्ज की सीमा बढ़ाने और बजट बिल पास करने के लिए ओबामा के स्वास्थ्य सेवा योजना में बड़े परिवर्तन करने की अपनी मांग छोड़ दी. इसी मांग के कारण अमेरिका दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया था.
समझौते का मतलब है कि अमेरिकी वित्त विभाग अब अगले साल 15 जनवरी तक इतना कर्ज ले सकता है कि 7 फरवरी तक के लिए जरूरी खर्चों को निपटाया जा सके. सीनेट में डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता हैरी रीड ने कहा, "इस समय में हम लंबे समय के बजट पर सहमति बनाने के लिए काम कर सकते है जिससे कि बार बार आ रही दिक्कतों को टाला जा सके." रीड और सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिश मैक्कोनेल ने सहमति पर मुहर लगाई और सीनेट में इसका एलान किया. सीनेट ने 18 के मुकाबले 81 मतों से इसे पारित किया.
समझौते में दोनों सदनों से एक सर्वदलीय कमेटी बनाने पर भी सहमति हुई है जो 13 दिसंबर तक आपस में चर्चा कर नए बजट का प्रस्ताव तैयार करेगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा के प्रस्तावों में एक मामूली बदलाव की भी बात की गई है. इसके तहत हेल्थ इंश्योरेंस का भुगतान करने के लिए सरकारी मदद पाने वालों को अपनी आय की पुष्टि करानी होगी. हालांकि डेमोक्रैट और रिपब्लिकन सांसदों के बीच खर्च और घाटे को लेकर कायम आपसी विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है. आशंका है कि अगले साल के शुरूआत में एक और अमेरिकी कामबंदी देखने को मिले.
बहरहाल शेयर बाजारों ने सावधानी के साथ ही लेकिन तेजी का रुख अपनाया है. गुरुवार सुबह, जापान, ताइवान, हॉन्गकॉन्ग, फिलिपींस और ऑस्ट्रेलिया के शेयर बाजारों ने इस फैसले का स्वागत किया है. वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा है, "वैश्विक अर्थव्यवस्था एक आशंकित भूचाल से बच निकली है. यह विकासशील देशों और गरीबों और दुनिया के गरीबों के लिए अच्छी खबर है."
एनआर/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)