दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव शुरू
७ अप्रैल २०१४मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी ने चुनाव शुरू होने के बाद घोषणापत्र जारी किया. जानते हैं चुनाव से जुड़ी कुछ अहम बातें.
कितने हैं वोटर
लगभग 81.45 करोड़ लोग भारत में संसद के निचले सदन यानि लोकसभा के लिए वोट डाल रहे हैं. पिछली बार 2009 के चुनाव के बाद वोटर लिस्ट में 10 करोड़ नए लोग जुड़े हैं. यानि भारत में जर्मनी जैसे देश की कुल जनसंख्या से ज्यादा वोटर पिछले पांच साल में बढ़े हैं.
भारत में वयस्क मतदान है. 18 साल के ज्यादा उम्र के लोग वोटिंग में हिस्सा लेते हैं. इस बार 18 और 19 साल के बीच करीब 2.3 करोड़ मतदाता हैं. इस तरह पहली बार वोटिंग करने वालों का प्रतिशत 2.88 है.
वोटिंग की तारीख
जबरदस्त गर्मी, बारिश, त्योहार और स्कूलों में इम्तिहान को ध्यान में रख कर भारत में वोटिंग की तारीख तय की जाती है. सबसे अहम स्कूलों की उपलब्धता है क्योंकि ज्यादातर पोलिंग बूथ स्कूलों में ही होते हैं.
पांच हफ्ते में भारत में नौ चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. सुरक्षा की वजह से ऐसा किया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर सुरक्षा बलों को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सके.
सभी चरणों के मतदान के बाद 16 मई को वोटों की गिनती शुरू होगी और कुछ घंटों में नतीजा सामने आ जाएगा.
वोट नहीं देने का अधिकार
भारत में पहली बार लोकसभा चुनावों में वोटरों के सामने ऐसा विकल्प भी है, जिसमें वे किसी भी प्रत्याशी को नहीं चुनने का फैसला कर सकते हैं. इसके लिए नोटा यानि "इनमें से कोई नहीं" का बटन तैयार किया गया है. नोटा का विकल्प पिछले साल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के वक्त शुरू हुआ.
चुनाव आयोग के "फ्लाइंग स्क्वैड" चुनाव के वक्त प्रत्याशियों और उनके चुनाव प्रचार पर नजर रखते हैं. गलत तरीके से वोटरों को लुभाने पर कार्रवाई की जाती है.
इनकम टैक्स विभाग और सरकार की वित्तीय एजेंसियों को कहा गया है कि वे चुनाव के वक्त पैसों के लेन देन पर नजर रखें.
ट्रांसजेंडरों के लिए लिंग के खाते में "अन्य" का विकल्प दिया गया है. पिछली बार के चुनाव तक यह व्यवस्था नहीं थी. इस बार के चुनाव में सिर्फ 28,314 लोगों ने इस श्रेणी में खुद को दर्ज कराया है.
एजेए/एमजे (रॉयटर्स)