बच्चों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था 'सेव द चिल्ड्रन' का कहना है कि दुनिया के बच्चों का "बचपन अचानक खत्म हो रहा है". कहीं गरीबी उनके बचपन को लील रही है तो कहीं बाल विवाह.
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सेव द चिल्ड्रन की ताजा रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में लगभग 1.2 अरब बच्चे संकट, गरीबी और लैंगिक भेदभाव के गंभीर जोखिम झेल रहे हैं. बचपन को सबसे ज्यादा खतरा बाल मजदूरी, शिक्षा से महरूमी, कम उम्र में गर्भवती होने और बाल विवाह से है. संकट वाले क्षेत्रों में ये जोखिम और ज्यादा बढ़ जाते हैं.
रिपोर्ट कहती है, "दुनिया भर में, संकटों के कारण बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा, डर से सुरक्षा और आजादी का अधिकार नहीं मिल रहा है जिसके चलते उनका बचवन अचानक से खत्म हो रहा है." जर्मनी में सेव द चिल्ड्रन की प्रबंधन निदेशक सुजाना क्रूगर का कहना है, "बाल विवाह, बाल श्रम और कुपोषण उन खतरनाक परिस्थितियों में शामिल हैं जो बच्चों से उनका बचपन छीन रही हैं."
जापान के भीमकाय बच्चे
जापान के भीमकाय बच्चे
जापान में सूमो पहलवान सुपरस्टार माने जाते हैं. लेकिन सूमो फाइटर बनने के लिए बचपन से ही मेहनत करनी पड़ती है, यानी रात दिन खाने में जुटे रहना पड़ता है.
तस्वीर: Reuters/K. Kyung-Hoon
चमकदार भविष्य
ज्यादातर जापानी अब भले ही बेसबॉल और फुटबॉल देखने लगे हों, लेकिन सूमो फाइटिंग अब भी देश का राष्ट्रीय खेल है. बच्चे भी इसमें दिलचस्पी लेते हैं. सूमो फाइटर बनने के लिए ट्रेनिंग छह साल की उम्र से ही शुरू हो जाती है. बेस्ट बच्चों का मुकाबला टोक्यो में होता है.
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बेहतरीन बनाम सर्वश्रेष्ठ
जापान के प्राइमरी स्कूलों के 40,000 बच्चे सूमो फाइटिंग के शुरुआती मुकाबलों में हिस्सा लेते हैं. कई दौर के मुकाबलों के बाद 40,000 में से सिर्फ 400 बच्चे टोक्यो के बड़े मुकाबले के लिए चुने जाते हैं.
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दृढ़ता और लचकता
सेफ शिको, यह सूमो फाइटिंग का मूल मंत्र है. सूमो फाइटर बनने के लिए पैरों का मजबूत होने बेहद जरूरी है. भारी भरकम शरीर भी स्थिरता में मदद करता है. लेकिन मुकाबला जीतने के लिए शरीर में लचक भी होनी चाहिए.
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ताकत का प्रवाह
धक्का, उठाना और पटकना, सूमो फाइटिंग में 82 दांव होते हैं. नियमों के मुताबिक फाइट के दौरान अगर पैर रिंग से बाहर निकले तो भी हार होती है.
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लंगोट की अहमियत
हार और जीत में सूमो फाइटरों की लंगोट भी अहम भूमिका निभाती है. छह मीटर लंबी लंगोट इतनी कसकर बांधी जाती है कि प्रतिद्ंवद्वी उसे पकड़ न पाए.
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एकतरफा मुकाबले
स्कूल में होने वाले मुकाबले वजन के हिसाब से नहीं होते, बल्कि वहां उम्र देखी जाती है. ऐसे में अक्सर हल्के फुल्के बच्चे भारी भरकम पहलवान के सामने फंस जाते हैं और मुकाबला एकतरफा सा हो जाता है.
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अखाड़े का आकार
सूमो फाइटिंग के अखाड़े को दोह्यो कहा जाता है. गोल घेरे वाला अखाड़े का व्यास साढ़े चार मीटर होता है. रेत के शरीर पर चिपकने से भी रेफरी को पता चल जाता है कि कौन हारा.
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बीमार करने वाला खेल
बचपन में ही सूमो फाइटिंग की दुनिया कदम रखने वाले बच्चे मोटापे का शिकार होते हैं. 12-14 साल की उम्र तक आते आते उनका वजन 100 किलो के आसपास हो जाता है. यह वजन देर सबेर उन्हें बीमार करता है. जोड़ों में समस्याएं, डायबिटीज और दिल संबंधी रोग भी सामने आते हैं.
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पल भर का मुकाबला
सूमो फाइटिंग में हार जीत का फैसला चुटकियों में हो जाता है. ज्यादातर मुकाबले कुछ ही सेकेंड चलते हैं.
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अखाड़े के नन्हे सितारे
जीत के बाद जश्न मनाते बच्चे. स्कूलों के मुकाबले जीतने के बाद यह बच्चे बड़े टूर्नामेंट के लिए टोक्यो पहुंचे हैं. इनके बीच से जो विजेता निकलेगा वो भविष्य का सूमो स्टार होगा. (रिपोर्ट: सबरीना पाब्स्ट/ओएसजे)
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सेव द चिल्ड्रन की रिपोर्ट कहती है कि बच्चों के लिए सबसे बुरे देश मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में है. निजेर को इस सूची में सबसे निचले पायदान पर रखा गया है. लेकिन माली और सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक भी उससे ज्यादा पीछे नहीं हैं. रिपोर्ट कहती है, "इन देशों में बच्चों के पास अपने बचपन को पूरी तरह अनुभव करने की सबसे कम संभावनाएं हैं." रिपोर्ट के मुताबिक इनके अलावा दुनिया में और भी कई ऐसे इलाके हैं जहां बच्चों के बचपन पर डांका डाला जा रहा है.
बच्चों के लिए सबसे अच्छे देशों में सिंगापुर और स्लोवेनिया शामिल हैं. जर्मनी इस रैंकिंग में 12वें नंबर पर है जबकि अमेरिका 36वें और रूस 37वें स्थान पर हैं. भारत 113वें पायदान पर है जबकि चीन को 40वीं और श्रीलंका को 60वीं रैंकिंग दी गई है. पाकिस्तान में भी बच्चों के लिए हालात बेहद खराब बताए गए हैं और उसे इस सूची में 149वें स्थान पर रखा गया है.
रिपोर्ट कहती है, "टॉप 10 में सात पश्चिमी यूरोपीय देश हैं. बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सरंक्षण के मामले में इन देशों का प्रदर्शन बहुत अच्छा है."
एके/आईबी (एएफपी, डीपीए)
यूट्यूब पर धमाल मचा रहे हैं ये बच्चे
यूट्यूब पर धमाल मचा रहे हैं ये बच्चे
यूट्यूब पर बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चे भी कमाल कर रहे हैं. लाखों करोड़ों सब्स्क्राइबर और अरबों व्यूज के साथ ये नन्हे मुन्ने बच्चे शोहरत और कमाई के रिकॉर्ड बना रहे हैं. चलिए इनसे मिलते हैं.
तस्वीर: YouTube/EvanTubeHD
रयान'स टॉयज रिव्यू
रयान अब सात साल का है लेकिन चार साल की उम्र से वह यूट्यूब पर खिलौनों का रिव्यू करता है. उसकी मां कैमरा और डायरेक्शन संभालती हैं. रयान के यूट्यूब पर 1.3 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. अपने वीडियो में वह कार, ट्रक, सुपरहीरो और दूसरे खिलौनों से खेलता नजर आता है. उसके सबसे पॉपुलर वीडियो पर 1.2 अरब व्यूज हैं.
तस्वीर: YouTube/Ryan ToysReview
इवान ट्यूब एचडी
इवान ने आठ साल की उम्र में एक स्टॉप मोशन एंग्री बर्ड वीडियो से शुरुआत की थी. अब 12 साल के इवान को आप अपनी वीडियो में अनबॉक्सिंग, खिलौनों का रिव्यू और फूड चैलेंज लेते हुए देखते हैं. उसके 52 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और उसके वीडियो अरबों बार देखे गए हैं, जिनसे यह बच्चा सालाना लाखों डॉलर कमाता है.
तस्वीर: YouTube/EvanTubeHD
किड प्रेसिडेंट
रॉबी नोवाक सोल पैनकेक नाम के यूट्यूब चैनल पर आपको नन्हे राष्ट्रपति की भूमिका में नजर आता है. वह ऐसी बातें करता है कि आप सोचने के लिए मजबूर हो जाएं. मिसाल के तौर पर वह पूछेगा कि कोई अच्छा नेता कैसे बनता है? रॉबी इतना मशहूर है कि उसे व्हाइट हाउस में भी बुलाया जा चुका है.
तस्वीर: YouTube/Kid President
इथनगेमर
इथन को यूं तो ज्यादातर गेमर के तौर पर ही जाना जाता है. लेकिन यह ब्रिटिश बच्चा अब अपने वीडियोज में अनबॉक्सिंग, कैंडी रिव्यू और टॉयज रिव्यू भी कर रहा है. उसके यूट्यूब पर 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. इथन के किसी भी वीडियो पर तीन से चार मिलियन व्यूज आना सामान्य सी बात है.
तस्वीर: YouTube/EthanGamer
जैकब सारटोरियस
14 साल का जैकब गाता भी है और गीत भी लिखता है. अपने संगीत के जरिए वह दुनिया के लाखों लोगों तक पहुंचता है. उसके गीत "लास्ट टेक्स्ट" को 40 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. उसमें दूसरा जस्टिन बीबर बनने के सारे लक्षण नजर आते हैं. यूट्यूब पर उसके सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा 30 लाख को छूने वाला है.
तस्वीर: YouTube/Jacob Sartorius
मार्क थॉमस
यह टीनएज इंटरटेनर यूट्यूब ही नहीं, बल्कि ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी Duhitzmark नाम से धूम मचाए हुए है. यूट्यूब पर उसके 7.7 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. उसके यूट्यूब चैनल पर अभी चंद ही वीडियो हैं, लेकिन व्यूज में वह 1.7 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है.
तस्वीर: YouTube/Mark Thomas
ब्रूकलीन और बेली
इन दो जुड़वा बहनों ने अपनी मां के ब्यूटी व्लॉग क्यूट गर्ल्स हेयरस्टाइल से शुरुआत की थी. अब यूट्यूब पर उनका अपना खुद का चैनल है जिसे अब तक 50 लाख से ज्यादा लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं. अपने वीडियो में वे डेटिंग से लेकर फैशन तक अलग अलग मुद्दों पर बात करती नजर आती हैं.
तस्वीर: YouTube/Brooklyn and Bailey
मैटी बी रैप्स
14 साल के इस सिंगर और सॉन्गराइटर के गीत यूट्यूब पर खूब पसंद किए जाते हैं. साथ ही वह कभी कभी अपने वीडियो में हंसी मजा करता है. उसके चैनल को अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं. उसका सबसे पॉपुलर वीडियो चार साल पुराना है जिसे अब तक 23.4 करोड़ बार देखा जा चुका है.
तस्वीर: YouTube/MattyBRaps
एलटीकॉरबिस
एलटीकॉरबिज का असली नाम सोफिया है. वह अभी स्कूल जाती है, लेकिन व्लॉगिंग, ट्वीट और गेमिंग साइट्स पर वीडियो भी बनाती है. उसके कुछ वीडियो में आपको नस्लभेदी बातें और बेकार का शोर शराबा भी सुनाई देगा. फिर भी, वह बहुत से लोगों का ध्यान खींचती है. उसके चैनल पर लगभग आठ लाख सब्सक्राइबर हैं.
तस्वीर: YouTube/LtCorbis
ब्रैटमैन रॉक
अपने काले बालों, नीली आंखों और जिंदगी पर मजाकिया कमेंट्स करते हुए यह लड़का यूट्यूब पर मेकअप टिप्स देता है और हिट है. हवाई में रहने वाला ब्रैटमैन रॉक अलग अलग ब्यूटी टेक्नीक सिखाता है. लगभग 31 लाख सब्सक्राइबर के साथ उसके चैनल पर 10.9 करोड़ से ज्यादा व्यूज हैं.
तस्वीर: YouTube/Bretman Rock
जे वरसाची
अपने वीडियो में यह टीनएजर आपको हंसाने के लिए कुछ भी कर सकता है. वह आपको घटिया से घटिया सलाह दे सकता है, विग पहन सकता है, झूठमूठ रो कर दिखाएगा या फिर अपने व्यूवर्स के साथ ही प्रैंक कर सकता है. उसके चैनल पर सात लाख सब्सक्राइबर दिखाते हैं कि वह खासा हिट है.