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दुनिया के पहले वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक विमान ने भरी उड़ान

११ दिसम्बर २०१९

अब वह दिन दूर नहीं जब हम और आप इलेक्ट्रिक विमान में सफर करेंगे. कनाडा में दुनिया के पहले कर्मशियल इलेक्ट्रिक विमान ने सफल उड़ान भरी है.

Harbour Air ePlane
तस्वीर: picture-alliance/Ap Photo/J. Hayward

कनाडा की सीप्लेन कंपनी ने मंगलवार को सफलतापूर्वक इलेक्ट्रिक विमान का परीक्षण किया. कंपनी का कहना है कि इस तरह से उसने 'स्वच्छ एविएशन' की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. खुद को उत्तरी अमेरिका की सबसे बड़ी सीप्लेन कंपनी बताने वाली वैंकूवर स्थित हार्बर एयर और सिएटल स्थित मैग्नी एक्स ने 62 साल पुराने डीएचसी-2 दी हावीलैंड बीवर विमान में 750 हॉर्सपॉवर का इलेक्ट्रिक मोटर लगाकर इसका परीक्षण किया. "ई-विमान” का परीक्षण ब्रिटिश कोलंबिया की फ्रेजर नदी पर किया गया. हार्बर एयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संस्थापक ग्रेग मैकडॉगल ने कहा, "आज हमने इतिहास रच दिया है.”

मैग्नी एक्स के सीईओ रोए गांजार्स्की ने कहा, "दिसंबर 1903 में राइट भाइयों ने परिवहन युग की नई शुरुआत की थी. जिसे एविएशन युग कहा जाता है, आज 116 साल बाद पूरी तरह से इलेक्ट्रिक उड़ान के साथ हमने एविएशन सेक्टर में इलेक्ट्रिक युग की शुरुआत की है.” मैग्नी एक्स ने विमान के मोटर को डिजाइन किया है और हार्बर एयर के साथ मिलकर इस पर काम किया है.

इलेक्ट्रिक विमान ने तीन मिनट तक उड़ान भरी.तस्वीर: AFP/D. Mackinnon

वैश्विक एविएशन सेक्टर को कार्बन उत्सर्जन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ठहराया जाता है. गांजार्स्की का कहना है कि ई-प्लेन के कारण कार्बन उत्सर्जन शून्य होगा, लागत कम होगी और ईंधन की बचत होगी. हार्बर एयर की योजना है कि उसके बेड़े में शामिल सभी 40 विमान को ई-विमान में तब्दील कर दिया जाए. हालांकि पूरी तरह से व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए ऐसे विमान को दो साल के सर्टिफिकेशन प्रक्रिया और मंजूरी का इंतजार करना होगा. गांजार्स्की ने बताया कि जिस विमान ने उड़ान भरी है उसकी गति सीमित है और वह लीथियम बैटरी से 160 किलोमीटर तक ही उड़ान भर सकता है. विश्व की कई अन्य कंपनी भी "ई-विमान" पर काम कर रही है जिसमें बोइंग और एयरबस भी शामिल है.

धरती के बढ़ते तापमान और कार्बन उत्सर्जन को लेकर दुनिया के कई देश सकारात्मक कदम उठा रहे हैं. जर्मनी जैसे देशों में भी कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं भारत में भी स्वच्छ ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदमों का एलान किया है, जिसमें इलेक्ट्रिक कारों पर सरकार खास रिआयतें दे रही हैं.

एए/आरपी (एएफपी,डीपीए)

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