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दुनिया के शिखर पर बच्चों जैसे फेटल

Priya Esselborn९ अक्टूबर २०११

सेबास्टियान फेटल को कभी लोग क्रैश किड कहते थे. आज ये आलोचनाएं उनकी कार की रफ्तार के सामने पीछे छूट चुकी हैं और वह फॉर्मूला वन की दुनिया के सरताज हैं. दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन जीतने वाले फेटल सबसे कम उम्र के ड्राइवर हैं.

तस्वीर: dapd

रेड बुल के लिए गाड़ी चलाने वाले सेबास्टियान फेटल जापान में रेस जीत तो नहीं पाए, लेकिन इससे कुछ फर्क नहीं पड़ा. क्योंकि इस साल में उनका प्रदर्शन ऐसा गजब का रहा है कि कोई उनकी खिताबी दावेदारी के आसपास भी नहीं पहुंच पाया है. लगातार दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले फेटल इतिहास के सिर्फ नौवें ड्राइवर हैं.

तस्वीर: dapd

वही मासूमियत

क्रैश किड के तमगे को उतार फेंकने के बाद ऐतिहासिक ड्राइवर बनने तक फेटल में ज्यादा कुछ नहीं बदला है. उनके चेहरे पर वही मासूमियत है जो पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के बाद थी. लेकिन फेटल के मुकाबले में खड़े होने वाले लोग बताते हैं कि इस एक साल में उनका खेल बहुत बदला है. उसमें बहुत ज्यादा परिपक्वता आ गई है. मिषाएल शूमाखर के बाद फेटल जर्मनी के दूसरे वर्ल्ड चैंपियन हैं.

पिछले साल अगस्त में जब बेल्जियन ग्रां प्री में फेटल की कार जेन्सन बटन से टकरा गई, तब मैक्लॉरेन के बॉस मार्टिन विटमार्श ने उन्हें क्रैश किड कहा था. रेड बुल के प्रमुख क्रिस्टियान होर्नर विटमार्श की उस बात का जवाब मुस्कुराहट के साथ देते हैं. वह कहते हैं, "विटमार्श को अब अपने शब्द वापस लेने होंगे."

पिछली 17 रेस के दौरान फेटल एक बार भी पहले 10 में आने से नहीं चूके. और इस साल हर रेस पूरी करने वाले वह एकमात्र ड्राइवर हैं. इनमें से नौ रेस तो उन्होंने जीती हैं. इस साल की कुल 15 रेस में से 12 में वह पोल पोजीशन पर रहे हैं. सिर्फ एक बार ऐसा हुआ जब वह पहले तीन में नहीं आ सके. तब भी वह चौथे नंबर पर थे. होर्नर कहते हैं, "सेबास्टियान ने ज्यादा अनुभव का पूरा फायदा उठाया है. इस साल उन्होंने जिस स्तर पर खेल दिखाया है, वह बेहतरीन है. उन्होंने अपने प्रदर्शन का स्तर बहुत ऊपर उठा दिया है. उन्होंने एक सच्चे वर्ल्ड चैंपियन जैसा प्रदर्शन किया है."

तस्वीर: dapd

शूमाखर जैसे फेटल

सबसे कम उम्र का वर्ल्ड चैंपियन, हर रेस का विजेता, हर बार पॉइंट्स जुटाने वाला, पोल पोजीशन का प्रेमी और हर बार पोडीयम पर खड़ा दिखाई देने वाला यह 24 साल का लड़का ठीक वैसा ही लगता है जैसे अपने करियर की शुरुआत में मिषाएल शूमाखर लगा करते थे. पिछले साल आखिर तक भी नहीं पता था कि वर्ल्ड चैंपियन कौन बनेगा. लेकिन इस साल तो फेटल ने शुरू से ही बता दिया कि उन्हें हराना आसान नहीं होगा. होर्नर कहते हैं, "यह भूलना आसान है कि वह सिर्फ 24 साल के हैं. उनकी उपलब्धियों को कम करके आंकना भी आसान है. लेकिन उन्होंने अपना गियर बदल लिया है. अब वह अलग स्तर पर जाकर प्रदर्शन करते हैं."

फेटल अगर इस साल की बाकी बचीं चार रेस में भी अपना प्रदर्शन जारी रखते हैं तो उनके रिकॉर्ड बढ़ते जाएंगे और शायद वह फॉर्मूला वन के इतिहास को ही बदल दें. ट्रैक पर उनका प्रदर्शन भले ही शूमाखर जैसा दिखाई देता हो. एक बार तो जर्मन मीडिया ने उन्हें बेबी शुमी भी कहा था. लेकिन फेटल नया करने को बेचैन दिखते हैं.

तस्वीर: dapd

लड़कपन बाकी है

हेपेनहाइस के एक बढ़ई का बेटा बीटल्स का फैन है. फेटल ने अपनी हर कार का नाम लड़कियों के नाम पर रखा है. उनकी एक कार का नाम था केट. फिर आईं केट्स डर्टी सिस्टर, लुशियस लिज, रैंडी मैंडी और इस साल किंगी काइली.

अपना सारा काम फेटल खुद करते हैं. अपने कॉन्ट्रैक्ट पर बातचीत खुद करते हैं. और वह फॉर्मूला वन के प्रमुख बर्नी एकलेस्टन के बड़े अच्छे दोस्त हैं. एकलेस्टन जर्मनी में पैदा हुए ऑस्ट्रियाई चैंपियन योखेन रिंट के 1970 में निधन तक मैनेजर और दोस्त रहे. वह फेटल और रिंट में कई समानाताएं देखते हैं. 80 साल के एक्लेस्टन ने इस साल की शुरुआत में कहा, "वह मुझे योखेन की याद दिलाता है. वह कितनी भी सफलता हासिल कर ले, सेबी के पांव हमेशा जमीन पर रहेंगे. यही असली चैंपियन की पहचान होती है. योखेन की भी यही ताकत थी."

रेड बुल से फेटल का रिश्ता भी अनोखा है. फेटल का जन्म 1987 में हुआ. उसी साल रेड बुल ने अपना पहला एनर्जी ड्रिंक बेचा था. ऑस्ट्रिया की कंपनी रेड बुल को उसकी पहली जीत फेटल ने 2008 में इटली में दिलाई. उसके बाद 2009 में पहली पोल पोजीशन भी फेटल के साथ ही आई.

इस रिश्ते ने रेड बुल और फेटल की नजदीकियां तो बढ़ाई हैं लेकिन इससे उनके ही टीम के साथी मार्क वेबर को परेशानी भी होती है. ऑस्ट्रेलिया के मार्क वेबर ने रेड बुल पर फेटल की तरफदारी का आरोप भी लगाया. हालांकि फेटल का प्रदर्शन उनकी सारी आलोचनाओं को ठंडा कर देता है.

फेटल इस वक्त दुनिया के शिखर पर हैं. लेकिन उनके सपने बच्चों जैसे ही हैं. शूमाखर लड़कपन से ही उनके हीरो हैं. वह तीन माइकल के फैन रहे हैं. माइकल शूमाखर, माइकल जॉर्डन और माइकल जैक्सन. वह कहते हैं, "मैं जब छोटा था तो माइकल जैक्सन बनना चाहता था. और मुझे बड़ी तकलीफ हुई जब मुझे अहसास हुआ कि मेरी आवाज अच्छी नहीं."

रिपोर्टः रॉयटर्स/एएफपी/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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