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दुनिया में जश्न, भारत में जागृति

३१ दिसम्बर २०१२

पूरब से सूरज उगता है, लेकिन 31 दिसंबर की रात वहीं से नया साल भी उगा. समोआ में जैसे ही 12 बजे, तारीख बदली और आकाश आतिशबाजी से नहा उठा. धीरे धीरे बाकी देश भी इस खुमार में डूबते चले गए, लेकिन भारत खामोश ही रहा.

तस्वीर: Reuters

आ गई वह सुबह जिसके स्वागत की तैयारी दिसम्बर महीने के पहले दिन से ही शुरू हो जाती है. दुनिया के अलग अलग कोनों में आधी रात होते ही जोरदार आतिशबाजी के साथ लोगों ने 2013 का स्वागत किया. आतिशबाजी, संगीत और थिरकते पैरों के साथ कुछ ने पुरानी बुरी आदतें छोड़ने की एक बार फिर कसम खाई तो कुछ ने संजोए नए सपने. 2012 में माया कैलेंडर की माया से बाहर निकले लोगों ने भी नई सुबह का बिगुल बजाकर स्वागत किया.

भारत में खामोशी

बाकी दुनिया से हटकर भारत में नए साल की पूर्व संध्या शांत ही रही. दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड की वजह से युवाओं, आम लोगों, नेताओं, हस्तियों और भारतीय सेना ने नए साल का जश्न नहीं मनाया.

दिल्ली में बड़ी संख्या में युवा इंडिया गेट पर पहुंचे. सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 23 साल की छात्रा को बस से जहां फेंका गया था, वहां भी मोमबत्तियां जलाईं गई, श्रद्धाजंलि दी गई. तारीख तो बदली लेकिन जख्म खाए देश ने भारी मन के साथ नए साल में प्रवेश किया. महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ हिंसा के लिए कानून में फेरबदल की मांग पर देश अड़ा हुआ है. नए साल में लोगों को सरकार से ठोस कदमों की उम्मीद है.

भारत को बदलाव की उम्मीदेंतस्वीर: Reuters

बावला हुआ बर्लिन

बर्लिन के ऐतिहासिक ब्रांडनबुर्ग गेट पर स्वीडन की पॉप गायिका लोरीन और मशहूर रॉक कलाकार बोनी टेलर की मौजूदगी में करीब 10 लाख लोगों ने झूमते नाचते हुए बीते साल को अलविदा कहा. साल 2013 के स्वागत में बच्चों ने दिन से ही पटाखे फोड़ने शुरू कर दिए थे. शहर के पर्यटन विभाग के मुख्य कार्यकर्ता विली काउश ने बताया कि 12 बजते ही 6,000 से ज्यादा रॉकेट आसमान में छोड़े गए. इस कार्यक्रम में दुनिया भर में धूम मचा चुके कोरियाई गाने गंगनम स्टाइल पर भी लोग खूब थिरके. जो बर्लिन न जा पाए या किसी तरह घर पर रहे उन्होंने टीवी पर भी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निजी तौर पर आतिशबाजी पर सख्ती रही. रविवार को आतिशबाजी के चलते कुछ छोटी मोटी दुर्घटनाएं सामने आई थीं. 1,200 पुलिसकर्मी आपातकालीन सहायता के लिए भी तैयार थे.

काइली के सुरों से सिडनी में खुमार

ऑस्ट्रेलिया के हार्बर शहर सिंडनी में पॉप गायिका काइली मिनोग के संगीत पर लोग थिरके. 12 बजते ही काइली ने जैसे ही बटन दबाया आसमान में रंगों की बैछार करती आतिशबाजी की छतरी सी खुल गई. सिडनी के मेयर क्लोवर मूर ने कहा, "सिडनी ने जिस तरह नए साल का स्वागत किया है, उसकी दुनिया चर्चा करेगी."

अधिकारियों ने लगभग 15 लाख लोगों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा संबंधी इंतजाम किए. हालांकि हार्बर ब्रिज और आसपास के सभी प्रमुख स्थलों पर सात टन की आतिशबाजी देखने के लिए लोगों का ऐसा जमावड़ा लगा कि रास्ते जाम हो गए. जर्मनी की सिल्विया होंट भी सिडनी में इस आतिशबाजी का मजा लेने पहुंची. उन्होंने कहा, "मैं यह यादगार लम्हा देखना चाहती थी. सिडनी की आतिशबाजी दुनिया भर में मशहूर है, हम इसे अब तक टीवी पर ही देखते आए थे."

चगमगा उठा सिडनीतस्वीर: Getty Images

लंदन, पैरिस और बाकी दुनिया

लंदन की थेम्स नदी के किनारे भी मंजर ऐसा ही दिल में उतर जाने वाला रहा. मॉस्को के रेड स्क्वायर, हॉन्ग कॉन्ग के विक्टोरिया हार्बर, क्वालालमपुर, ताइपे, स्टॉकहोम, एम्सटरडैम और चीन के शहरों की रौनक देखने लायक रही. हालांकि पैरिस में आतिशबाजी पर पाबंदी रही. खूबसूरती की मिसाल एलिसीस और आइफिल टावर के आसपास भी लोगों ने नए साल की शुरुआत शांतिपूर्ण ढंग से की.

वामपंथी देश वेनेजुएला की राजधानी काराकास में बोलीवार स्क्वायर पर हर साल होने वाले जश्न को इस बार रद्द कर दिया गया है. कैंसर से जूझ रहे राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज के लिए लोगों से प्रार्थना करने की अपील की गई. दुनिया भर में कई देशों में श्रद्धालुओं ने पूजाघरों में प्रार्थना के साथ भी नए साल की शुरुआत की.

एसएफ/ओएसजे (एएफपी, डीपीए)

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