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दुनिया से गायब हुई चिली की झील

२२ मार्च २०१९

विश्व के नक्शे से चिली की एक मशहूर झील गायब हो गयी है. बड़े इलाके में फैली झील ने आठ साल के भीतर पूरी तरह दम तोड़ दिया. जलवायु परिवर्तन का असर भयावह होता जा रहा है.

Chile Lagune Aculeo vollständig ausgetrocknet
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Bernetti

दक्षिण अमेरिकी देश चिली की राजधानी सेंटियागो. पुराने नक्शों और तस्वीरों के मुताबिक राजधानी से कुछ दूर नीले पानी वाली आकुलियो झील है. शहर के लोग अक्सर वीकेंड में वहां घूमने फिरने जाया करते थे. सर्दियों में वहां स्कीइंग होती थी और गर्मियों में सर्फिंग व तैराकी. लेकिन ये 2011 की बातें हैं. अब 2019 में लेक आकुलियो का कोई नामोनिशान नहीं है. जिस जगह पर 12 वर्गकिलोमीटर में फैली झील थी, वहां अब एक विशाल गड्ढा है. सूखी मिट्टी पर गायों और घोड़ों के कंकाल बिखरे हुए हैं. जानवरों से प्यास से तड़पने के बाद दम तोड़ा.

स्थानीय निवासी मार्कोस कोंत्रेरास कहते हैं, "हम बीते 10 साल से सूखे का सामना कर रहे हैं, अब झील गायब हो चुकी है, उसके साथ पर्यटन, कैंपिंग, कारोबार और सब कुछ खो चुका है." झील में गोता लगाने के लिए बनाए गए लकड़ी के रैंप वीरान हैं. नावें सूखी मिट्टी में धंसी हुई हैं.

2011 तक ऐसी दिखती थी आकुलियो झीलतस्वीर: Getty Images/AFP/C. Miranda

झील क्यों सूखी? इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं हैं. लेकिन जलवायु परिवर्तन को सबसे प्रबल कारण माना जा रहा है. स्थानीय निवासियों के मुताबिक 2011 से ही झील का जलस्तर गिरना शुरू हो गया था. एक रेस्तरां में काम करने वाली कामिला नुनेज कहती हैं, "मेरे दादा-दादी बताते हैं कि पहले सीजन के दौरान कम से कम एक हफ्ते तक मूसलाधार बारिश होती थी. आज अगर दो दिन भी ऐसी बरसात हो जाए तो हम खुद को भाग्यशाली समझते हैं."

1980 के दशक में चिली में सालाना 350 मिलीमीटर बरसात होती थी. 2018 में 175 मिलीमीटर से भी कम बरसात हुई. कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ चिली में जलवायु परिवर्तन रिसर्च के डायरेक्टर इदुआरादो बुस्तोस के मुताबिक, "हम देख रहे हैं कि भविष्य में और भी कम वर्षा होगी."

चिली की करीब 70 फीसदी आबादी सूखे से प्रभावित होने वाले इलाके में रहती है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक देश भर के जल संसाधनों में 30 फीसदी कम पानी होगा.

अब ऐसी दिखती है झीलतस्वीर: Getty Images/AFP/M. Bernetti

यह हाल सिर्फ चिली का नहीं है. दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के कई देशों में भी जल संसाधन तेजी से सूख रहे हैं. 2018 में यूरोप ने अभूतपूर्व सूखे का सामना किया. अमेरिका का कैलिफोर्निया प्रांत तो बीते दो दशकों से सूखे से खस्ताहाल हो रहा है. 2019 में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में बड़ी संख्या में वन्य जीव प्यासे मारे गए. प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने की वजह से उन्हें पानी नहीं मिला.

भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर की प्रमुख डल झील भी लगातार सिकुड़ती जा रही है. अफ्रीकी देश चाड की मशहूर झील 4,00,000 वर्गमील से सिमट कर 520 वर्गमील रह गई है. ऐसा ही हाल उज्बेकिस्तान और कजाखस्तान के बीच मौजूद अराल सागर का भी है. 26,000 वर्गमील में फैला यह सागर अब अपने पुराने आकार का 10 फीसदी बचा है.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)

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