दुबले पतलों को भी है दिल की बीमारियों का खतरा
१९ मार्च २०१८
अमूमन ये कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति दुबला-पतला है तो वह बीमारियों से दूर रहता है. लेकिन साइंस पत्रिका, यूरोपियन हार्ट जनरल में छपा एक शोध इस बात को गलत साबित करता है. स्टडी में कहा गया है कि जिन लोगों का बॉ़डी मास इंडेक्स 18.5 से कम होता है और वे सिगरेट पीते हैं, तो उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक होता है. लेकिन अगर बीएमआई 22-23 के बीच में हैं तो दिल की बीमारियों की आशंका सबसे कम होती है.
बॉडी मास इंडेक्स, व्यक्ति की लंबाई और वजन के बीच का अनुपात होता है जिसका इस्तेमाल किसी की अच्छी सेहत का पता लगाने के लिए किया जाता है. ब्रिटेन में साल 2006-2010 के बीच इस रिसर्च के लिए 40-69 उम्र वर्ग के तकरीबन 2.96 लाख लोगों को शामिल किया गया. ये सभी लोग उस वक्त स्वस्थ्य थे जब इन्हें रिसर्च में शामिल किया गया था. इसके बाद लोगों की दिल से जुड़ी बीमारियों पर गौर किया गया. इसमें दिल के दौरे से लेकर उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं शामिल थीं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों मुताबिक, 18.5 से 25 तक के बीएमआई को स्वस्थ्य, 25-30 को अधिक वजन और 30 के बाद बीएमआई का होना मोटापे की श्रेणी में आता है. स्टडी में देखा गया कि 22-23 बीएमआई के बाद लोगों में बीमारियों का जोखिम बढ़ता है. लेकिन ये जोखिम भी उन लोगों में ज्यादा होता है जिनकी कमर के पास चर्बी अधिक जमा होती है.
रिसर्चर्स ने देखा कि 22 बीएमआई के बाद लोगों में दिल से जुड़े जोखिम 13 फीसदी तक बढ़ते हैं. हालांकि शोधकर्ता यह भी कह रहे हैं कि अगर किसी को पहले से कोई बीमारी हो तो संभव है कि तब प्रभाव अलग पड़े. लेकिन एक आम व्यक्ति में बीएमआई का स्तर 22-23 तक रहना बीमारियों को न्योता नहीं है. साथ ही कमर के पास चर्बी अगर कम रहती है तो इंसान दिल की बीमारियों से भी अधिक बचा रहता है.
इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने मोटापे को पांच तरीको से नापा है. पहला तरीका है बॉडी मास इंडेक्स, दूसरा कमर का आकार, तीसरा कमर से कूल्हों का अनुपात, चौथा कमर से लंबाई का अनुपात और पांचवां शरीर में जमा वसा का प्रतिशत.
एए/ओएसजे (एएफपी)