1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दुर्लभ मादा कछुए की मौत

१५ अप्रैल २०१९

दुनिया में दुर्लभ माने जाने वाली प्रजाति के एक कछुए की चीन के चिड़ियाघर में मौत हो गई है. इस प्रजाति के सिर्फ चार कछुओं के जिंदा होने के बारे में ही जानकारी है अब इसमें भी एक कछुए की कमी हो गई.

China Chinesische Weichschildkröte in Zoo in der Provinz Jiangsu
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Chinatopix

यांग्त्से जायंट सॉफ्टशेल प्रजाति की यह मादा कछुआ चीन के सुझोउ जू में एक नर कछुए के साथ रहती थी. इस प्रजाति के दूसरे दो खछुए वियतनाम में हैं हालांकि उनके लिंग के बारे में जानकारी नहीं है.

मादा कछुए की मौत शनिवार दोपहर में हुई. सुझोउ के नगर प्रशासन ने चिड़ियाघर से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि मादा कछुए की मौत हो गई है. नगर प्रशासन ने बताया कि विशेषज्ञ तकनीक का इस्तेमाल कर कछुए के गर्भाशय के ऊतक जमा किए हैं ताकि भविष्य में उन पर रिसर्च की जा सके. चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने बताया कि मादा कछुए की उम्र 90 साल थी. कुछ ही समय पहले उसमें कृत्रिम तरीके से गर्भाधान कराने की कोशिश की गई थी लेकिन उसके बाद जल्दी ही उसकी मौत हो गई.

मेडिकल जांच में पता लगा कि कछुआ गर्भाधान की प्रक्रिया के पहले अच्छी स्थिति में था. पीपुल्स डेली के मुताबिक कृत्रिम गर्भाधान भी बहुत आराम से हुआ. हालांकि कछुआ उसके अगले ही दिन मर गया.

यांग्त्से जायंट सॉफ्टशेल कछुए की उत्पत्ति चीन में ही हुई. उन्होंने यांग्त्से नदी और ताइहु लेक को अपना घर बनया. कछुओँ की इस प्रजाति को दुनिया से लुप्त होने की कगार पर मौजूद जीवों में एक माना जाता है. शुझोउ के स्थानीय अधिकारियों और विदेशी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के और विदेशी विशेषज्ञ कछुए की मौत का कारण पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. 

रिपोर्ट: एनआर/ओएसजे (एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें