1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दृष्टिहीनों का साइंस सॉफ्टवेयर

Zulfikar Abbany३ फ़रवरी २०१४

स्कूल में जिस विषय से बच्चे सबसे ज्यादा भागते हैं वह है विज्ञान. दृष्टिहीन छात्रों के लिए यह और भी मुश्किल है. जर्मनी में एक सॉफ्टवेयर की मदद से इसका उपाय ढूंढ निकाला गया है.

Indien Blinder ließt in Hyderabad Blindenschrift
तस्वीर: AP

कार्ल्सरूहे शहर में दृष्टिहीन या नजर से कमजोर छात्रों को खास हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मदद की जा रही है. इसकी मदद से लिखाई को बड़ा करके देखा जा सकता है. हालांकि हालांकि समीकरणों और ग्राफ से निपटने में सॉफ्टवेयर को कई बार मुश्किल होती है.

दक्षिणी जर्मनी के कार्ल्सरूहे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी) में पढ़ने वाले माक्स कोर्डेल को देखने में दिक्कत होती है. वह कक्षा में सबसे आगे बैठते हैं. प्रोफेसर ने ब्लैकबोर्ड पर एक लंबा चौड़ा फॉर्मूला लिखा. कोर्डेल की नजर सिर्फ सात फीसदी है. इसके बावजूद वह फॉर्मूला साफ देख सकते हैं. यह सब एक कैमरे की मदद से हो रहा है.

जो कुछ भी ब्लैकबोर्ड पर लिखा जा रहा है कैमरा उसे कोर्डेल के लैपटॉप में दिखा देता है. कोर्डेन ने बताया कि उन्हें हर चीज को बड़ा करके देखने की जरूरत होती है, "कैमरे को शुक्रिया. मैं शब्दों को बड़ा करके पढ़ सकता हूं."

सॉफ्टवेयर फेल होने पर

लेकिन एक समस्या है. कोर्डेल ने अपना लैपटॉप बाहर निकाला. उन्होंने माउस की मदद से पीडीएफ फाइल खोली, जो उनके प्रोफेसर ने भेजी है. वह फार्मूले को बड़ा करके पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह ऐसे फॉन्ट में लिखा है कि बड़ा होने पर स्पष्ट नहीं दिख रहा है. पूरी तरह से दृष्टिहीन छात्रों के लिए एक अन्य कार्यक्रम है. वे लैपटॉप में स्क्रीन रीडिंग सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते हैं. इसकी मदद से स्क्रीन पर जो लिखा है, उसे सुना जा सकता हैं. लेकिन अगर फॉन्ट सही नहीं होगा तो सॉफ्टवेयर को दिक्कत होगी. ठीक ऐसा ही फॉर्मूले, ग्राफ और चार्ट के साथ भी होता है, जिसका उपाय सॉफ्टवेयर के पास नहीं है.

समीकरणों को ऐसी भाषा में लिखा जाता है जो स्क्रीन रीडर आसानी से पढ़ लेतस्वीर: DW/K. Hairsine

केआईटी में पढ़ाई कर रहे करीब 30 छात्र नजर से कमजोर हैं, जिनकी मदद यूनिवर्सिटी का दृष्टिहीन शोधकेंद्र (एसजेडएस) विभाग कर रहा है. एसजेडएस उनके लिए सेलेबस की सामग्री को जरूरत के अनुसार तैयार करता है. जर्मनी में इस तरह के कई अन्य विभाग हैं. लेकिन एसजेडएस विज्ञान के क्षेत्र में ऐसा करने वाला इकलौता है.

शब्द एक दिशा और सीधे लिखे होते हैं, लेकिन गणित में ऐसा नहीं होता. जैसे 1/4 के दो हिस्से हैं एक ऊपरी हिस्सा और एक निचला. ऐसे में भिन्न को पढ़ने में स्क्रीन रीडर को दिक्कत होती है. टॉस्टन श्वार्ज छात्रों की टीम के साथ मिलकर सेंटर में कोशिश करते हैं कि इन समीकरणों को ज्यादा ऐसी भाषा में लिखा जा सके जो स्क्रीन रीडर के लिए पढ़ने में आसान हो और दृष्टिहीन छात्रों की मदद हो सके.

इस सबके बावजूद सामाजिक शास्त्र जैसे किसी विषय के मुकाबले इन छात्रों के लिए विज्ञान विषय पढ़ना कहीं ज्यादा चुनौती भरा है क्योंकि इसमें प्रयोग भी शामिल होते हैं जिन्हें देखे बगैर नहीं किया जा सकता.

नौकरी की संभावना

केआईटी से कुछ ही दूर व्लादीस्लाव कुत्सेंको अपने कंप्यूटर पर टाइपिंग कर रहे हैं. उनके हेडफोन से हल्की हल्की स्क्रीन रीडर की आवाज छन कर बाहर आ रही है. इसे सुनने के साथ ही वह अपने ब्रेल डिस्प्ले पर हाथ फेरते हैं. इस मशीन की मदद से वह जो भी सुन रहे हैं उसे ब्रेल भाषा में लिखते जा रहे हैं.

कुत्सेंको कार्ल्सरूहे की एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर हैंतस्वीर: DW/Kate Hairsine

कुत्सेंको जब 15 साल के थे तो एक हादसे में उनकी आंखें चली गईं. उन्होंने केआईटी से विज्ञान की पढ़ाई की. वहां से निकलने के सात हफ्तों के अंदर उन्हें नौकरी मिल गई. अब वह कार्ल्सरूहे की एक आईटी कंपनी के लिए बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर काम करते हैं. कुत्सेंको मानते हैं कि दृष्टिहीन छात्रों को विज्ञान विषय चुनते समय कंप्यूटर साइंस को प्राथमिकता देनी चाहिए.

रिपोर्ट: केट हायरजीने/एसएफ

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें