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देर से सही पर फिलीपींस पहुंची मदद

१४ नवम्बर २०१३

देर से ही सही लेकिन आखिरकार अमेरिकी राहत एजेंसियों के दरवाजे तूफान से प्रभावित फिलीपींस की मदद के लिए गुरुवार को खुल गए. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने माना है कि वह पीड़ितों की मदद के लिए सही वक्त पर सक्रिय नहीं हुआ.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फिलीपींस की मदद के लिए गहराई तक जाने की बात कही है तो दूसरे देशों ने अपनी मदद बढ़ा दी है. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता प्रमुख वैलेरी अमोस ने कहा है कि भयानक आपदा और उसके बाद की चुनौतियों में छह दिन लग गए, इस बीच कई इलाकों तक मदद नहीं पहुंच सकी. वैलेरी अमोस ने मनीला में पत्रकारों से कहा, "मुझे उम्मीद है कि अगले 48 घंटों में स्थिति बहुत हद तक बदल जाएगी. मैं महसूस करती हूं कि हमने लोगों की उम्मीद तोड़ी है." महज एक लाख डॉलर की मदद देने पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेलने के बाद फिलीपींस में चीनी दूतावास ने कहा है कि उनकी ओर से 16 लाख डॉलर की अतिरिक्त मदद कंबल, टेंट और दूसरे रूप में दी जा रही है.

राहत में मुश्किलें

राहत के कामों के लिए मालवाहक जहाज, हैलीकॉप्टर, पानी के जहाज एशिया प्रशांत और यूरोप के कई देशों से आ रहे है. ऑस्ट्रेलिया ने अपनी मदद बढ़ा कर 2.8 करोड़ डॉलर कर दी है. फिलीपींस में तूफान से तहस नहस हुए ताकलोबान शहर और मध्य फिलीपींस के दूसरे प्रभावित इलाकों में आपदा से प्रभावित लोग जीवन की बुनियादी जरूरतों भोजन, पानी, कपड़ा और दवाइयों के लिए जूझ रहे हैं. इसके अलावा सुरक्षा की भी बड़ी समस्या है क्योंकि राहत का जो कुछ भी सामान पहुंच पा रहा है उसकी लूटमार शुरू हो जा रही है.

राहत के सामान की सुरक्षातस्वीर: Nicolas Asfouri/AFP/Getty Images

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि राहत पहुंचाने का काम धीरे धीरे हो रहा है, बंद हुए बंदरगाह, सड़कें और संचार की सुविधाओँ की चुनौती के बीच राह बनाई जा रही है. विमानवाहक पोत, यूएसएस जॉर्ज वॉशिंगटन के अलावा दो क्रूजर और एक डेस्ट्रॉयर गुरुवार को फिलीपींस पहुंच रहे हैं. अमेरिका ने महातूफान हैयान की आपदा के छह दिन बाद दो करोड़ डॉलर की मदद का वादा किया है. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने संदेश में कहा है, "हम दोनों देशों की दोस्ती गहरी है और जब भी हमारे दोस्त मुसीबत में हों अमेरिका मदद करता है." एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि राहतकर्मी अब ताकलोबान एयरपोर्ट से आसानी के साथ राहत का सामान बांट पा रहे हैं. इसके अलावा सड़कों के साफ हो जाने के बाद इससे जुड़े बंदरगाह से भी सहायता पहुंचने का रास्ता मिलेगा.

दुनिया भर से मदद

हाल फिलहाल पहुंची सहायता में अमेरिका अपने एमवी-22 ओस्प्रे रोटर जहाजों की संख्या दुगुनी कर रहा है जो हैलीकॉप्टर की तरह उड़ान भरने और उतरने में सक्षम हैं. अब ऐसे आठ विमान तैनात किए जा रहे हैं जो वहां मौजूद मैरीन के साथ काम करेंगे. मैरीन के पास पहले से पानी और जमीन दोनों पर चलने वाले दो वाहनों समेत 12 मालवाहक जहाज हैं. इनके जरिए भोजन, पानी और दूसरी जरूरी चीजें पहुंचाई जा रही हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने 30.1 करोड़ डॉलर के तुरंत सहायता की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि हादसे में 10 हजार लोगों की जान जाने का अनुमान है हालांकि फिलिपींस सरकार का कहना है कि संख्या इससे कम ही रहेगी. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन संयुक्त, आईएलओ राष्ट्र की अपील पर आपात रोजगार पर काम कर रहा है. आईएलओ का अनुमान है कि कम से कम 30 लाख लोगों ने अपनी जीविका खोई है, भले ही अस्थायी रूप से.

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एक और सी-130 हर्क्यूलिस मालवाहक जहाज भेजा है जो वहां राहत के काम के लिए मौजूद रहेगा. इसके अलावा एचएमएस तोब्रुक को भी फिलीपींस की तरफ रवाना किया जा रहा है जो जमीन और पानी दोनों पर लैंड कर सकता है. न्यूजीलैंड भी एक सी-130 हर्क्यूलिस भेज रहा है जिसमें राहत का सामान है.

मदद के लिए कतारतस्वीर: Reuters

स्वीडन ने एक विमान भेजा है जो संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत केंद्र के रूप में काम करेगा. इसके साथ संचार और पानी की सफाई से जुड़े विशेषज्ञों की 21 सदस्यों वाली एक टीम भी भेजी गई है. नॉर्वे ने अपनी तरफ से राहत को बढ़ा कर 1.05 करोड़ डॉलर कर दिया है. दक्षिण कोरिया ने आठ लाख डॉलर की आपात सहायता का वचन दिया है. उसने दो सी-130 हर्क्यूलिस विमान राहत के सामान के साथ भेजे हैं जो अगले 10 दिन तक वहीं रहेंगे. यह जहाज गुरुवार को फिलीपींस पहुंच रहे हैं.

जापान ने कहा है कि वह सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के 1000 जवानों को वहां भेज रहा है. इसके साथ तीन पानी के जहाज और कई विमान भी भेजे जा रहे हैं. उसने एक करोड़ डॉलर की सहायता देने का वचन दिया है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान की सेना देश के बाहर अब तक के सबसे बड़े राहत कार्य में लग रही है. फ्रांस ने 10 टन राहत का सामान पहुंचा दिया है. मलेशिया राहत के सामान और सैन्य चिकित्सा दल भेज रहा है. इंडोनेशिया से लगातार राहत का सामान पहुंच रहा है. भारत ने कहा है कि वह 15 टन राहत सामग्री फिलीपींस भेज रहा है.

इनके अलावा दुनिया भर के सामाजिक संगठनों और कंपनियों मदद के लिए दान दे रही हैं. गैर सरकारी सहायता में डॉक्टर विदाउड बॉर्डर्स ने आठ जहाज भर कर राहत का सामान भेजा है जिसमें टीके, टेंट और सैनिटेशन के उपकरण भी शामिल हैं.

एनआर/एमजी (एएफपी)

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