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देवयानी पर संसद में हंगामा

१८ दिसम्बर २०१३

अमेरिका में भारतीय उप वाणिज्य दूत की गिरफ्तारी के बाद संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ. विदेश मंत्री ने कहा कि वह हर हाल में देवयानी खोबरागड़े को भारत लाएंगे. घटना के बाद आम लोगों में भी गुस्सा है.

Indien Neu-Delhi Protest US Botschaft
तस्वीर: UNI

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने संसद में कहा, "यह मेरा फर्ज है कि मैं उस महिला को वापस लाऊं और उसके सम्मान को फिर से स्थापित कर पाऊं. और मैं यह काम हर कीमत पर करूंगा."

खुर्शीद ने इस बात की पुष्टि की कि इस घटना के बाद अमेरिका के साथ राजनयिक रिश्तों पर असर पड़ा है और अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों के अधिकारियों से एयरपोर्ट पास वापस ले लिया गया है. इस पास के रहते एयरपोर्ट पर बुनियादी जांच से छूट मिल जाती है.

इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने अमेरिकी दूतावास के बाहर लगे बैरिकेडों को हटा दिया, जो सुरक्षा के लिहाज से लगाए गए थे. पुलिस का कहना है कि उन्होंने यातायात को बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया है.

अमेरिकी भी जानकारी दें

भारत ने बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए भारत में तैनात अमेरिकी अधिकारियों से उनके यहां काम करने वालों के कांट्रैक्ट और उनके बैंक खातों की जानकारी मांगी है. लगभग इसी तरह के मामले में न्यू यॉर्क में भारतीय उप वाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े पर आरोप लगे हैं. खोबरागड़े पर अपने यहां काम करने वाले कर्मचारी के वीजा दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा और उसे करार से काफी कम तनख्वाह देने का आरोप है.

संसद में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस देश में पहले कभी ऐसा किया गया है. आज हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य अपनी अधिकारी के सम्मान की रक्षा है."

भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ देवयानी खोबरागड़ेतस्वीर: Elsa Ruiz/Asia Society

पिछले गुरुवार को 39 साल की खोबरागड़े को न्यू यॉर्क में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने गई थीं. उन्हें हथकड़ी लगाई गई और कपड़े उतार कर तलाशी ली गई. देवयानी का दावा है कि उन्हें नशेड़ियों और सेक्स वर्करों के साथ हाजत में रखा गया. इस घटना के बाद भारत और अमेरिका के राजनयिक रिश्तों में दरार बढ़ती जा रही है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर रात कहा कि इस घटना से दोनों देशों के रिश्तों पर असर नहीं पड़ना चाहिए.

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मेरी हार्फ ने कहा, "हमें पता है कि यह भारत में कई लोगों के लिए संवेदनशील मामला हो सकता है. हम देख रहे हैं कि सभी कार्यवाहियां सही ढंग से हो रही हों."

संसद में हंगामा

हालांकि सभी पार्टी के नेताओं ने अमेरिका की इस कार्रवाई पर तीखी नाराजगी जताई है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "हम सिर्फ उन देशों के साथ सहयोग कर सकते हैं, जो हमें बराबरी की नजर से देखें. हमें तय करना है कि हमारी विदेश नीति किधर जा रही है."

सीपीएम के नेता और विदेश मामलों के अच्छे जानकार सीताराम येचुरी ने कहा, "यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यह सभी मानकों और अंतरराष्ट्रीय संधियों के खिलाफ है."

इस बीच खोबरागड़े ने भारतीय विदेश सेवा के साथियों को ईमेल लिख कर अपनी बात बताई है. उन्होंने कहा है कि उन्हें कई बार हथकड़ी लगाई गई और इसकी वजह से वह टूट गईं, "मैं कई बार रो पड़ी क्योंकि मुझे बार बार हथकड़ी लगाई गई, कपड़े उतारे गए और तलाशी ली गई. मुझे आम अपराधियों और नशेड़ियों के बीच रखा गया. जबकि मेरे पास राजनयिक छूट है."

एजेए/एमजे (पीटीआई, एपी, डीपीए)

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