देश से माफी मांगे विपक्षः मुखर्जी
२३ दिसम्बर २०१०मुखर्जी ने पत्रकारों से बताया, "पूरे शीतकालीन सत्र में उन्होंने (विपक्ष) किसी मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होने दी. उन्होंने संसद में गतिरोध पैदा किया. उन्होंने संसद को बर्बाद कर दिया है. इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए."
मंगलवार को मुखर्जी ने विपक्ष के सामने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की पेशकश रखी ताकि गतिरोध को तोड़ा जा सके. लेकिन विपक्ष ने इसे ठुकरा दिया. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, "हम जेपीसी पर कोई बहस नहीं चाहते हैं. हम जेपीसी चाहते हैं."
बीजेपी की प्रवक्ता निर्मला सीतारामन ने कहा, "चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि चर्चा 2009 में पहले ही हो चुकी है. इस मुद्दे पर चर्चा करने से कोई फायदा नहीं. हम जेपीसी की मांग पर कायम हैं और इस बारे में कोई चर्चा नहीं चाहते. सरकार के लिए यह समय कदम उठाने का है."
वामपंथियों के रुख में भी कोई बदलाव नहीं आया है. सीपीआई के डी राजा का कहना है कि मुखर्जी के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है. वह कहते हैं, "मुझे लगता है कि जेपीसी की मांग बिल्कुल सही है. विपक्ष ऐसी कोई मांग नहीं कर रहा है, जो नहीं की जानी चाहिए. संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं में ऐसा संभव है. अगर प्रधानमंत्री लोक लेखा समिति के सामने पेश होने के तैयार हैं तो जेपीसी बनाने में क्या परेशानी है."
राजा ने कहा कि उनकी पार्टी को सरकार की तरफ से विशेष सत्र के लिए कोई संदेश नहीं मिला है. अगर ऐसी कोई बात होती है तो इस बारे में दूसरी वामपंथी पार्टियों से चर्चा की जाएगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन