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देश हित बड़ा या स्वाभिमान

१९ जून २०१२

खेल में प्रतिद्वंदिता कोई नई बात नहीं. लेकिन कई बार खिलाड़ी देश हित को पीछे रखकर अपने अहं के लिए खेलने लगते हैं. ताजा मामला है लंदन ओलंपिक के लिए टेनिस टीम के चयन का. डबल्स खेलने के लिए भारत के पास टीम ही नहीं है.

तस्वीर: dapd

महेश भूपति के बाद अब रोहन बोपन्ना ने भी लंदन ओलंपिक के लिए लिएंडर पेस के साथ जोड़ी बनाने से इनकार कर दिया है. एक बयान जारी कर बोपन्ना कहा है, '' सप्ताह के आखिर में टेनिस एसोसिएशन की ओर से मेरे पास एक प्रस्ताव आया जिसमें लिएडंर पेस के साथ जोड़ी बनाने के लिए कहा गया था. पूरी विनम्रता के साथ मैंने टेनिस एसोसिएशन को बता दिया है कि मैं यह जोड़ी नहीं बना पाऊंगा.''

खेल में राजनीति

बोपन्ना ने जैसे ही लिएंडर पेस के साथ जोड़ी बनाने से इनकार कर दिया खेल मंत्री अजय माकन ने ट्विटर पर एक संदेश लिखा, ''अगर भारत लंदन ओलंपिक के लिए दो टीमें भेज सकते हैं तो फिर एक क्यों भेजें.'' एक खेल मंत्री के तौर पर अजय माकन का यह बयान बहुत स्वाभाविक लगता है. लेकिन भारत में खेल या खेल संगठनों के फैसले अकसर राजनीति या राजनेताओं से प्रभावित होते हैं. चाहे हॉकी फेडरेशन की बात हो या फिर क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की, पदाधिकारियों के चुनाव के दैरान विरोधी दलों की खींचतान सामने आ जाती है. क्रिक्रेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष इस समय राजीव शुक्ला हैं जो कि कांग्रेस के नेता भी हैं. इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण जेटली दिल्ली क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं.

अहंकार या स्वाभिमान

इससे पहले महेश भूपति ने भी लिएडंर पेस के साथ जोड़ी बनाने से इंकार कर दिया था. महेश भूपति ने तो लिएंडर पेस के साथ जबरन जोड़ी बनाए जाने की स्थिति में लंदन ओलंपिक में भाग लेने से भी इनकार कर दिया है. बोपन्ना और भूपति का तर्क है कि वे पिछले एक साल से भूपति के साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं और टेनिस एसोसिएशन को इसके बारे में जानकारी भी है, फिर उन्हे अलग करने के प्रयास किया जा रहे हैं.

लेकिन बात इतनी आसान भी नहीं है. महेश भूपति और लिएंडर पेस की प्रतिस्पर्धा जगजाहिर है. कई बार दोनों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. दोनों ने मिलकर 3 बार ग्रैंड स्लैम खिताब जीता है. लेकिन तीखे मतभेद के बाद 2002 में दोनों ने अलग होने का ऐलान कर दिया. हालांकि इसके बाद भी उन्हें तीन बार देश के सम्मान के लिए खेलते देखा गया. अब इस प्रतिस्पर्धा में बोपन्ना भी शामिल हो गए हैं.

तस्वीर: dapd

क्रिकेट में भी दरार

केवल टेनिस ही नहीं क्रिकेट में भी खिलाड़ियों के मनमुटाव की खबरें आती रहती हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और उप कप्तान वीरेन्द्र सिंह सहवाग के बीच 2010 के वर्ल्ड कप के बाद से ही मतभेद की खबरें आती रही हैं. कहा जाता है कि इसी मनमुटाव के चलते सहवाग से भारतीय टीम की उपकप्तानी भी छीन ली गई. इसके बाद ही धोनी की रजामंदी से विराट कोहली को उपकप्तान बनाया गया. 2008 में आईपीएल में हुआ आईपीए का पहला सीजन ही दो खिलाड़ियों की प्रतिद्वंदिता के लिए ऐतिहासिक उदाहरण बन चुका है. मोहाली में मुंबई इंडियन और पंजाब इलेवन के मैच के बीच हरभजन सिंह और श्रीसंत के बीच बात इतनी बढ़ गई कि हरभजन से बीच मैदान में ही श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया.

वीडी,आईबी (रॉयटर्स,पीटीआई)

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