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दो जज कनिमोड़ी पर सुनवाई से अलग हुए

१७ जून २०११

डीएमके सांसद कनिमोड़ी की जमानत याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने खुद को अलग किया. सोमवार को कनिमोड़ी की याचिका पर सुनवाई होनी है. हाई कोर्ट से जमानत न मिलने के बाद कनिमोड़ी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

हितों का टकराव होने की वजह से दो जज कनिमोड़ी की जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई से अलग हुए हैं. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में जस्टिस जीएस सिंघवी की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है. अब सोमवार को जस्टिस बीएस चौहान के साथ वह कनिमोड़ी और कलइग्नार टीवी के एमडी शरद कुमार की याचिका पर सुनवाई करेंगे.

सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जस्टिस पी सतशिवम और एके पटनायक ने सुनवाई से अलग होने की जानकारी भारत के मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया को दे दी है. इसके बाद नई बेंच बनाने का फैसला किया है.

तस्वीर: UNI

इससे पहले, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर कनिमोड़ी और शरद कुमार की जमानत याचिका का विरोध किया. सीबीआई के मुताबिक अगर दोनों आरोपियों को छोड़ा जाता है तो वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं. सीबीआई का कहना है कि कनिमोड़ी और शरद कुमार ने रिश्वत के 200 करोड़ रुपयों को कलइग्नार टीवी में लगाया.

सीबीआई के अनुसार 2जी मामले की जांच काफी आगे बढ़ चुकी है और ऐसे में आरोपियों को जमानत दिया जाना सही फैसला नहीं होगा. सीबीआई की विशेष अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट में पेश किए गए सबूतों को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा और यह बताने का प्रयास किया कि किस आधार पर कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज हुई हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 13 जून को सीबीआई से पूछा था कि कलइग्नार टीवी में कथित रूप से लगाए जाने वाले 200 करोड़ रुपयों के बारे में जानकारी दे और बताए कि वह धन कहां है. कनिमोडी़ और शरद कुमार की कलइग्नार टीवी में 20-20 फीसदी की हिस्सेदारी है जबकि 60 फीसदी हिस्सेदारी तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अमल के पास है. 2जी मामले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोड़ी और कई अन्य व्यवसायी तिहाड़ जेल में बंद हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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