भारत में घरेलू हवाई यात्रा शुरू हो गई है. अकेले दिल्ली एयरपोर्ट से ही पूरे दिन में 150 से भी ज्यादा उड़ान तय की गई हैं. पहले यात्रियों में अर्ध-सैनिक बलों और सेना के जवान, छात्र, फंसे हुए पर्यटक और प्रवासी शामिल हैं.
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दो महीने बंद रहने के बाद भारत में 25 मई से घरेलू विमान यात्रा शुरू हो गई. सैकड़ों लोग देश के अलग अलग हवाई अड्डों पर पहुंचे और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए हवाई यात्रा की. अकेले दिल्ली एयरपोर्ट से ही पूरे दिन में 150 से भी ज्यादा विमानों का उड़ान भरना निर्धारत है. कई निर्धारित उड़ानें रद्द भी हुई हैं.
सुबह 4.30 बजे इंडिगो एयरलाइंस की पोर्ट ब्लेयर जाने वाली उड़ान के रद्द होने के बाद, 4.45 पर इंडिगो की ही पुणे जाने वाली उड़ान दिल्ली हवाई अड्डे से जाने वाली पहली उड़ान बनी. आखिरी उड़ान रात के 11.30 बजे निर्धारित है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार हवाई अड्डों के बहार लंबी कतारों और कई उड़ानें रद्द हो जाने की वजह से हुई असुविधा के अलावा अधिकतर उड़ानें सुचारू रहीं.
कोविड-19 से बचाव की जरूरतों को देखते हुए, हवाई यात्रा के नियम व्यापक रूप से बदल गए हैं. यात्रियों के लिए कई बातों का ध्यान रखना अनिवार्य कर दिया गया है. यात्रियों को उड़ान से दो घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचना है, मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना और उसे खोल के रखना जरूरी है. इसके अलावा यात्रियों के लिए हवाई अड्डे के अंदर घुसने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग से हो कर गुजरना, सामान की अल्ट्रा-वायलेट स्क्रीनिंग करवाना जरूरी है.
जनवरी में नई दिल्ली हवाई अड्डे पर थर्मोग्राफिक कैमरों के जरिये यात्रियों की होती स्क्रीनिंग.तस्वीर: AFP/Ministry of Civil Aviation
हवाई अड्डों के अंदर सामान चेक-इन करने की व्यवस्था फिलहाल रद्द है और इंटरनेट पर चेक-इन को अनिवार्य बना दिया गया है. यभी यात्रियों को विमान में बिठाने से पहले सुरक्षा किट दी जा रही है, जिसमें फेस मास्क, सैनिटाइजर और फेस शील्ड शामिल है. उड़ान के दौरान भोजन नहीं दिया जाएगा और फिलहाल यात्रियों को अपना भोजन भी लाने की अनुमति नहीं है. हवाई जहाज के अंदर एयरलाइन्स कर्मचारी पीपीई किट पहन कर काम कर रहे हैं.
कई राज्य विमान यात्रा के कारण संक्रमण फैलने को लेकर चिंतित हैं. केंद्र ने हवाई यात्रियों के लिए क्वारंटीन का कोई निर्देश नहीं दिया है लेकिन कई राज्य अनिवार्य रूप से क्वारंटीन लागू करवा कर रहे हैं. इनमें असम, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्य शामिल हैं. कुछ राज्य संस्थागत क्वारंटीन लागू कर रहे हैं तो कुछ घरों पर क्वारंटाइन के लिए कह रहे हैं.
दिल्ली में क्वारंटीन अनिवार्य नहीं है और यात्रियों को 14 दिनों तक खुद ही अपनी अवस्था पर ध्यान रखने के लिए और कोविड-19 का कोई भी लक्षण आते ही अधिकारियों से संपर्क करने को कहा गया है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पूरी पहले ही कह चुके हैं कि विमानों की अंतर्राष्ट्रीय उड़ान अगस्त से पहले शुरू करने की कोशिश की जाएगी.
यह तो तय है कि हवाई जहाज से यात्रा कोरोना संकट के पहले के दिनों से काफी अलग होने और दिखने वाली है. देखिए एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से लेकर सीटों का डिजाइन कैसे बदलने वाला है.
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बजट एयरलाइंस
दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा का मौका और सुविधा देने वाली बजट एयरलाइंस खास तौर पर कोरोना महामारी के लॉकडाउन के बाद के हालातों को लेकर चिंता में हैं. ये पूरी तरह भर के चलने वाली एयरलाइंस होतीं थीं जो बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए जमीन पर ठहरती थीं और फिर से यात्रियों से भरा विमान लेकर हवा में उड़ जाती थीं.
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जमीन पर ज्यादा वक्त
जब से भी ऐसे कमर्शियल प्लेन उड़ना शुरु करेंगे, उन्हें एक उड़ान से दूसरे के बीच काफी देर तक जमीन पर रहना होगा. उड़ानों के बीच इस लंबे ‘ब्रेक’ के दौरान विमान की अच्छी तरह सफाई और उसे सैनिटाइज करना (जैसे तस्वीर में अस्पताल को किया जा रहा है) अनिवार्य होगा. हालांकि कोविड संकट के दौरान किसी विमान में वायरस संक्रमण होने का कोई मामला सामने नहीं आया है.
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धीमी बोर्डिंग प्रक्रिया
इसके अलावा एयरपोर्ट पर यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए उन्हें दूर दूर रहना होगा और बोर्डिंग की प्रक्रिया बहुत धीरे धीरे पूरी हो पाएगी. इस कारण भी विमानों को दूसरी उड़ान भरने के लिए तैयार होने में ज्यादा वक्त लगेगा.
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विमान की हवा गंदी?
एविएशन इंडस्ट्री के अनुसार, केबिन की हवा उतनी ही साफ होती है जितनी किसी ऑपरेशन थिएटर की. वहां हाई परफॉर्मेंस फिल्टर लगे होते हैं जो हवा के कणों को साफ करते रहते हैं. इसके अलावा केबिन की हवा का प्रवाह नीचे की ओर होने से भी सफाई में मदद मिलती है.
यह साबित नहीं हुआ है कि बीच वाली कतार की सीटें खाली छोड़ने से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा. फिर भी यूरोविंग्स चलाने वाला लुफ्थांजा समूह फिलहाल इन्हें बुक करने का विकल्प नहीं दे रहा. एक और बजट एयरलाइन ‘इजीजेट’ भी शुरु में यात्रियों से उनके बगल वाली सीट खाली रखने का वादा कर रही है.
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इम्युनिटी पासपोर्ट की जरूरत
एविएशन कंसलटेंसी ‘सिंप्लिफाइंग’ का मानना है कि सुरक्षा जांच के अलावा भविष्य में यात्रियों को सैनिटाइज करने का एक चरण भी जोड़ा जा सकता है. अपनी हाल की रिपोर्ट में कंपनी ने बताया कि चेक-इन से पहले यात्रियों से उनका इम्युनिटी पासपोर्ट अपलोड करने के लिए कहा जा सकता है.
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एयरपोर्ट पर लंबा समय
यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान से कम से चार घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना पड़ सकता है. चेक इन एरिया में पहुंचने से पहले भी लोगों को एक डिसइंफेक्टेंट टनेल और थर्मल स्कैनर से गुजरना पड़ सकता है. इस बारे में एक नवगठित ट्रांसपोर्ट हेल्थ एथॉरिटी विश्व भर के एयरपोर्टों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर नए मानक तय करने में लगी है.
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बैगेज की भी चिंता
ऐसा मुमकिन है कि यात्रियों के अलावा उनके चेक-इन और केबिन वाले बैग को भी अल्ट्रावायलेट किरणों से डिसइंफेक्ट किया जाएगा. लैंड करने के बाद एक बार फिर यात्रियों को थर्मल स्कैनर से गुजरना होगा, इम्युनिटी पासपोर्ट फिर से वैरिफाई होगा और बैग्स को कन्वेयर बेल्ट पर रखने से पहले एक बार फिर से सैनिटाइज किया जाएगा.
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विमान में भी मास्क
जर्मन एयरलाइन लॉबी बीडीएल ने अपने कॉन्सेप्ट पेपर में सलाह दी है कि विमान में सभी के लिए नाक और मुंह को ढकने वाला मास्क पहनना अनिवार्य किया जा सकता है. लुफ्थांजा ने भी इसे जरूरी कर दिया है. कनाडा और अमेरिका की जेटब्लू जैसी एयरलाइन ने इसे अनिवार्य कर भी दिया है.
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नई तरह की सीटें
विमान की सीटें बनाने वाले नए नए विकल्प पेश कर रहे हैं. इटली की ‘एविओइंटीरियर्स’ का “ग्लाससेफ" डिजायन ऐसा होगा जिसमें कंधों से लेकर सिर के हिस्से में प्लेक्सिग्लास हुड बने हों. इससे आसपास बैठे लोगों को एक दूसरे से उड़ान के दौरान भी अलग रखा जा सकेगा.
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कार्गो वाले केबिन का डिजायन
एशियाई कंपनी हायको का प्रस्ताव है कि केबिन में ही सीटों की एक कतार की जगह कार्गो का बक्सा लगाया जाए. अब तक किसी एयरलाइन ने ऐसी केबिन वाली सीटें ऑर्डर नहीं की हैं. इस समय यात्री सीटों से अधिक कार्गो की मांग देखने को मिल रही है.
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केबिन क्रू के साथ अलग अनुभव
क्रू प्रोटेक्टिव कपड़ों में होंगे, यात्री भी दस्ताने और मास्क पहनेंगे और क्रू हर आधे घंटे पर हैंड सैनिटाइजर बांटेगा. बिजनेस और फर्स्ट क्लास में पैकेज्ड और सील खाने के पैकेट मिलेंगे. फ्लाइट के दौरान भी स्टाफ टॉयलेट की सफाई का ख्याल रखेगा. कुल मिला कर हवाई यात्रा का अनुभव काफी बदलने वाला है. (रिपोर्ट: आंद्रेयास श्पेथ/आरपी)