सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल का कहना है कि अगर बच्चा दो साल से कम उम्र का है तो मास्क पहनाने के कारण उसे घुटन हो सकती है. बड़ों की तरह बच्चों को भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा रहता है. छोटे बच्चों को घर पर रखना ही बेहतर है.
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कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में अभिभावक अपने बच्चों को लेकर विशेष तौर पर चिंतित हैं. बच्चों को वायरस से बचाने के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं और करोड़ों बच्चे घरों में बंद हैं. लेकिन नवजात और दो साल के बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष चिंता है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक जिस तरह से वयस्क को कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है उसी तरह से नवजात और कम उम्र के बच्चों को भी हो सकता है. सीडीसी का कहना है कि सामाजिक दूरी ही सबसे बेहतर विकल्प है कोरोना वायरस से बचाव के लिए लेकिन अगर दो वर्ष के आयु के ऊपर के बच्चों को बाहर ले जाया जा रहा है तो उन्हें मास्क पहनाया जा सकता है. नवजात और दो साल के उम्र के बच्चों को मास्क पहनाने से घुटन हो सकती है.
लंदन स्थित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.डैनियल एटकिंसन के मुताबिक नवजात और छोटे बच्चों को मास्क पहनाना खतरनाक हो सकता है. डॉ. एटकिंसन के मुताबिक, "शिशुओं को मास्क पहनाने से जोखिम हो सकता है. छोटे बच्चों की श्वास नलिका संकरी होती है जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. मास्क लगा होने से उन्हें और अधिक जोर लगाना पड़ सकता है." साथ ही डॉ. एटकिंसन कहते हैं कि अगर बच्चा चेहरे से मास्क हटाने की कोशिश करेगा तो उससे जख्मी होने का खतरा बना रहेगा. उनके मुताबिक कोरोना वायरस से बच्चों को बचाने के लिए सबसे बेहतर उन्हें घर पर ही रखना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मास्क को लेकर कई दिशा निर्देश जारी कर चुका है. दिशा-निर्देश में मास्क के इस्तेमाल से लेकर उसको नष्ट करने तक बताए गए हैं.
डॉ. एटकिंसन कहते हैं कि जोखिम लेने से अच्छा है कि घर पर रहकर इस बीमारी से बचें और व्यस्क सदस्य घर पर रहने के दौरान भी हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धोएं और हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें. विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. उनके मुताबिक अगर दो साल से कम उम्र के बच्चों को बाहर ले जाने की मजबूरी होती है तो उन्हें कंबल में अच्छी तरह से ढंककर ले जाएं इससे सांस लेने में तकलीफ नहीं होगी.
कोरोना वायरस से जुड़े कुछ अहम सवाल हैं, जो आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी है. ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब हम देने की कोशिश करते हैं.
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कितना गंभीर है कोरोना का खतरा?
कोरोना वायरस के संक्रमण और उससे होने वाली बीमारी कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया गया है. इसके बावजूद बहुत से लोगों को अब भी ऐसा लगता है कि एक छोटे से वायरस को बहुत बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है. मौजूदा दर के अनुसार हर व्यक्ति दो से तीन लोगों को संक्रमित कर रहा है. इस वक्त दुनिया भर में कुल पांच लाख लोग इस वायरस के संक्रमित हैं.
लक्षण कब दिखते हैं?
संक्रमण का शक होने पर कम से कम दो हफ्ते सेल्फ क्वॉरंटीन में रहने के लिए कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि लक्षण दिखने में 14 दिन तक लग सकते हैं. हो सकता है कि वायरस आपके शरीर में हो लेकिन अब तक आपको बीमार नहीं कर पाया हो.
कैसे होता है संक्रमण?
खांसते या छींकते वक्त मुंह से निकलने वाले ड्रॉप्लेट्स से यह वायरस फैलता है. लक्षण दिखने के बाद व्यक्ति को सबसे अलग कर दिया जाता है क्योंकि अगले 14 दिन तक वह दूसरों के लिए खतरा है. इसी वजह से दुनिया भर की सरकारें सोशल डिस्टैन्सिंग का आग्रह कर रही हैं. घर से बाहर मत निकलिए और संक्रमण के खतरे से बचिए.
कितनी तेजी से फैलता है ये वायरस?
कोरोना संक्रमण अगर एक बार कहीं शुरू हो जाए तो औसतन हर दिन मामले दोगुने हो जाते हैं. यानी अगर कहीं 100 मामले दर्ज हुए हैं, तो अगले दिन 200, फिर 400, 800.. इस तरह से बढ़ते चले जाते हैं. यही वजह है कि अब आंकड़ा पांच लाख को पार कर गया है. अगर अभी इसे नहीं रोका गया तो इस पर काबू करना नामुमकिन हो जाएगा.
आंकड़ों पर भरोसा किया जा सकता है?
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 80 फीसदी मामलों में लोगों को पता भी नहीं चलता कि वे वायरस के साथ जी रहे हैं. ऐसे में ये लोग दूसरों को संक्रमित कर देते हैं. कुछ देश बहुत तेजी से टेस्टिंग कर रहे हैं और ऐसे में आधिकारिक आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. लेकिन भारत में टेस्टिंग दर अब भी बहुत ही कम है. इसलिए असली संख्या काफी ज्यादा हो सकती है.
मृत्यु दर क्या है?
इस महामारी के बारे में जब पता चला तो शुरू में मृत्यु दर के सिर्फ 0.2 होने की बात कही गई थी. इस बीच यह दो फीसदी हो गई है. लेकिन इटली में एक दिन में करीब हजार लोगों के मरने के बाद यह बदल सकती है अगर जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण नहीं कर लिया गया. मरने वालों में अधिकतर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग हैं.
कोरोना से बचने के लिए क्या करें?
अगर आपके आस पड़ोस में कोई व्यक्ति संक्रमित है, तो उससे और उसके परिवार से दूर रहें. सब्जी अच्छी तरह पकाएं क्योंकि उच्च तापमान पर वायरस मर जाता है. साथ ही बाजार से लाए किसी भी पैकेट को खोलने से पहले अच्छी तरह धो लें.
कितनी बार हाथ धोएं?
जितना मुमकिन हो. खांसने या छींकने के बाद, बाहर से जब भी घर आएं, खाना पकाने से पहले और बाद में. साबुन से कम से कम बीस सेकंड तक हाथ धोएं. अगर बाहर हैं और हाथ धोना मुमकिन नहीं है, तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.