द किंग्स स्पीच को चार ऑस्कर
२८ फ़रवरी २०११'द किंग्स स्पीच' को पहले बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड मिला. फिर बेस्ट डायरेक्शन के लिए ब्रिटिश फिल्म डायरेक्टर टॉम हूपर को मंच पर आमंत्रित कर ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पुस्कार लेते वक्त हूपर ने कहा, ''मैं इसीलिए कहता हूं कि अपनी दादी की बात सुनो.'' हूपर के मुताबिक इस फिल्म का आइडिया उन्हें उनकी दादी ने दिया. फिल्म के मुख्य अभिनेता कोलिन फर्थ को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सम्मान मिला.
बेस्ट फिल्म:
समारोह के अंत में बारी आई सर्वश्रेष्ठ फिल्म के ऑस्कर पुरस्कार की. यहां होड़ इनसेप्शन, द किंग्स स्पीच, द फाइटर, द सोशल नेटवर्क, 127 ऑवर, विंटर्स बोन, ब्लैक स्वान, द किड्स आर ऑल राइट और ट्रू ग्रिट के बीच थी. लेकिन बाजी मारी द किंग्स स्पीच ने.
फिल्म सच्ची कहानी इंग्लैंड के राजा किंग जॉर्ज पंचम पर आधारित है. 28 फरवरी 1952 को 56 साल की उम्र में किंग जॉर्ज का निधन हुआ. मौत के बाद उनकी पत्नी ने राजा को बोलने में मदद करने वाले थेरेपिस्ट को एक पत्र लिखा. पत्र में लिखा, ''मैं शायद औरों से कहीं ज्यादा जानती हूं कि आपने राजा की कितनी मदद की. न सिर्फ भाषण को लेकर बल्कि उनकी पूरी जिंदगी और जीने के तरीके में. मैं हमेशा तहे दिल से आपकी शुक्रगुजार रहूंगी.''
फिल्म बताती हैं कि राजा को बोलने और सामान्य जिंदगी में कई तरह की मानसिक परेशानियां थीं. तभी एक ऑस्ट्रेलियाई मूल के स्पीच थेरेपिस्ट से उनकी मुलाकात हुई. लिओनेल लॉल नाम के इस थेरेपिस्ट ने अपने राजा दोस्त की अपार मदद की. जॉर्ज को हकलाने वाले शख्स से एक लोकप्रिय राजा बना दिया.
फिल्म में कोलिन फर्थ को राजा के रूप में दिखाया गया है.
बेस्ट एक्ट्रेस:
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड नैटाली पोर्टमैन की झोली में गिरा. इस्राएल में पैदा हुई 29 साल की पोर्टमैन को ब्लैक स्वान के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला. थ्रिलर फिल्म में पोर्टमैन एक बैले डांसर बनी हैं, जिसे एक प्ले करना है. प्ले में उन्हें दो तरह की भूमिकाएं निभानी होती हैं, एक सफेद हंस की और दूसरी काले हंस की. काले हंस की भूमिका में नृत्य करते हुए उन्हें पता चलता है कि उनके भीतर भी एक विकार छुपा हुआ है. फिर इस विकार की तलाश में उनका व्यक्तित्व ही बदलने लगता है.
हाथ में ऑस्कर और आंखों में आंसूओं के साथ पोर्टमैन ने कहा, ''शूटिंग के दौरान ऐसे कई मौके आए जब मुझे लगा कि मैं मर जाऊंगी. पहली बार मुझे लगा कि आखिर यह कौन सा रोल है जिसने मेरी इतनी हालत खराब कर दी है.'' लेकिन अब इसी मेहनत ने पोर्टमैन को ऑस्कर विजेता अभिनेत्रियों की स्वनिल दुनिया में ला खड़ा किया है, वह भी सिर्फ 29 साल की उम्र में.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया