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धमाकों में भगवा आतंकवादः चिदंबरम

२५ अगस्त २०१०

भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने चेतावनी दी है कि देश में युवाओं को उग्रवादी बनाने की कोशिशें हो रही हैं. उन्होंने कहा है कि कई बम धमाकों में 'भगवा आंतकवाद' नाम के नए चलन की भूमिका उजागर हुई है.

चिदंबरमतस्वीर: UNI

पी चिदंबरम देश में पुलिस बल के प्रमुखों की एक कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. यहां उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा पर खुलकर बात की. उन्होंने जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर भी चिंता जाहिर की. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही प्रदर्शनकारियों तक पहुंचने के लिए एक शुरुआती कदम खोज लिया जाएगा और बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा.

अलग अलग शहरों में धमाकेतस्वीर: AP

उन्होंने युवाओं को उग्र बनाने पर भी चिंता जताई. चिदंबरम ने कहा, "देश में नौजवान लड़के-लड़कियों को उग्र बनाने की कोशिशों की इजाजत नहीं दी जा सकती. इसके अलावा भगवा आतंकवाद का नया चलन उजागर हुआ है, जिसकी हाल ही में हुए कई बम धमाकों में भूमिका सामने आई है."

गौरतलब है कि देश में हुए कई बम धमाकों में कट्टर हिंदू संगठनों की भूमिका की बात जांच एजेंसियों ने कही है. मालेगांव में हुए बम धमाकों के सिलसिले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और उनके कुछ साथियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रज्ञा गुजरात में अपना हिंदू संगठन चला रही थीं. इस मामले में सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत कुछ और लोगों को भी गिरफ्त में लिया गया है. इन सभी के दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों से जुड़े होने की बात सामने आई है.

अजमेर की दरगाह पर 2007 में हुए एक बम धमाके के बारे में भी जांच एजेंसियों की शक की सुई दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों की ओर घूमती रही है. मई 2007 में हैदराबाद में और उसके बाद अजमेर में धमाके हुए थे. जांच एजेंसियों ने कहा है कि इन दोनों धमाकों में इस्तेमाल किए गए बम एक ही दिन बनाए गए. इस सिलसिले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं. हालांकि जांच में अभी तक कोई पुख्ता सबूत हासिल हुआ हो, ऐसा पुलिस ने नहीं बताया है.

धमाकों के तार दक्षिणपंथी ताकतों से जुड़े होने की खबरों ने देश में बहस छेड़ रखी है. और चिदंबरम का यह साफ साफ कहना कि देश में भगवा आतंकवाद मौजूद है, इस बहस को और हवा दे सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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