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धर्म में हंसी मजाक का मसाला

१५ जुलाई २०१३

बहुत से लोगों के लिए आस्था गंभीर मामला होता है. लेकिन क्या धर्म के बारे में मजाक हो सकता है? हैम्बर्ग के धर्मशास्त्री हिनरिष वेस्टफाल का कहना है कि आप ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने धार्मिक चुटकुले जमा किए हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

क्या आपने यह चुटकुला सुना है? दो कैथोलिक पादरी बात कर रहे हैं. क्या हमारे जीते जी ब्रह्मचर्य की प्रथा खत्म हो जाएगी? दूसरे ने जवाब दिया, हम नहीं देख पाएंगे, लेकिन हमारे बच्चे.कुछ लोग इस चुटकुले पर ठहाका लगाकर हंसेंगे, लेकिन दूसरे पूछेंगे कि क्या धर्म पर मजाक करने का हक होना चाहिए?

हिनरिष वेस्टफाल ने हाल में एक किताब लिखी है, "हास्य से आस्था तक". इसमें उन्होंने उम्दा धार्मिक चुटकुले इकट्ठा किए हैं. उनका कहना है कि लोगों को धर्म के बारे में मजाक करने का हक है. 19 वीं सदी के मशहूर बैप्टिस्ट पादरी चार्ल्स हैडन स्परगन के हवाले से उन्होंने लिखा, "ईसाई पादरी को प्रसन्नचित्त होना चाहिए." हास्य और चुटकुले जिंदगी को हल्का बनाते हैं और लोगों को धार्मिक पहलुओं के करीब लाते हैं. खास कर मौत, जिसे वेस्टफाल ने एक उदाहरण में दिखाया है, "पादरी वाइगेल्ट भयभीत हो जाते हैं जब वे अखबार में अपनी मौत का विज्ञापन देखते हैं. वे बिशप को फोन करते हैं, उनका ध्यान इसकी ओर दिलाते हैं. वे क्षोभ व्यक्त करते हैं और पूछते हैं, मेरे भाई, ये तो बताएं कि आप कहां से फोन कर रहे हैं?"

हिनरिष वेस्टफालतस्वीर: Brunnen Verlag

बाइबल में हास्य

किसी को यह पता नहीं कि बाइबल के किरदार ईसा मसीह क्या कभी हंसे थे. न्यू टेस्टामेंट इस पर चुप है. ईसा मसीह बार बार दुख और खुशी जैसी भावना दिखाते हैं, लेकिन हंसने की चर्चा नहीं है. ईसाइयों की पवित्र पुस्तक में जो हंसी और हास्य खोजेगा उसे ओल्ड टेस्टामेंट में सफलता मिलेगी. यहां कबीले के सरदार अब्राहम की पत्नी सारा हैं. वह अचानक हंसने लगती हैं, जब उन्हें बताया जाता है कि वह 90 साल की उम्र में एक बच्चे को जन्म देंगी, हालांकि बाद में वह इससे इनकार करती हैं.

कुल मिलाकर बाइबल ऐसी किताब है, जो लोगों के साथ भगवान की कहानी कहता है. इसमें हास्य की कोई अहम भूमिका नहीं है, यह साफ है. लेकिन पाठक कई जगहों पर मजाकिया स्थिति की कल्पना कर सकते हैं. लोग प्रोफेट बिलियाम के चेहरे की कल्पना कर सकते हैं, वो जिस गधी पर बैठते हैं, वह अचानक बोलने लगती है.

चर्च में हंसी

काफी समय तक चर्चों में चुटकुले और हास्य को अच्छा नहीं समझा जाता था, हालांकि प्रवचन के दौरान एक तरह से परंपरा थी. वेस्टफाल कहते हैं कि ईसाई हास्य का बसेरा ईस्टर में है. मध्ययुग में ईस्टर में हंसने की प्रथा थी. जब ईस्टर की प्रार्थना में कहा जाता, प्रभु जाग उठे तो सब लोग ठहाका लगाने लगते. वजह यह थी कि ईशु के जीवित होने पर लोग खुशी का इजहार करते.

साथ ही ईस्टर की हंसी में शरारत भी झलकती थी. ईशु के जीवित होने का मतलब मृत्यु और शैतान पर विजय भी था, इसलिए लोग जमकर हंसते थे. वेस्टफाल कहते हैं कि यह मौत के ऊपर जीत के लिए विश्व की हंसी है. मध्य युग के पादरी ईस्टर के अपने प्रवचनों में चुटकुले और  मजेदार कहानियां सुनाते और लोग हंस हंस कर लोटपोट हो जाते. कुछ पादरियों ने सीमाएं पार करनी शुरू कर दी. जब चुटकुले भोंडे होने लगे तो अधिकारियों ने उस पर रोक लगानी शुरू कर दी. चर्चों में हंसी पूरी तरह बंद तो नहीं हुई लेकिन बहुत कम हो गई.

पोप फ्रांसिस्कुसतस्वीर: Getty Images

पोप का हास्य

"भगवान तुम्हें, उसके लिए माफ करे, जो तुमने किया है." हाल ही में चुने गए पोप फ्रांसिस्कुस को पता है कि चुनाव के कारण व्याप्त नर्वसनेस को कैसे खत्म किया जाए. कहते हैं कि ये शब्द उन्होंने अपने चुनाव के बाद कार्डिनलों से कहा था, जिसके बाद वे खूब हंसे. कैथोलिक धर्म की प्रथाओं पर ब्रह्मचर्य के अलावा भी बहुत सारे चुटकुले हैं. "एक धार्मिक स्थल पर एक युवक भीड़ में दौड़ा जा रहा है. वह जोर से चिल्ला रहा है, मैं अब चल सकता हूं. एक नन उससे उम्मीद भर कर पूछती है, क्या मां मेरी ने तुम पर भी कोई जादू किया है? नहीं, किसी ने मेरी साइकिल चुरा ली."

प्रोटेस्टेंट चर्च को भी चुटकुलों का निशाना बनाने से छोड़ा नहीं जाता. "प्रोटेस्टेंट किंडरगार्टन में एक नर्सरी टीचर पूछती है, प्यारे बच्चों, यह भूरा है, उसकी लंबी, घनी पूछें हैं और वह एक टहनी से दूसरी टहनी पर कूदता है. ये क्या है? बर्लिन का एक बच्चा खड़ा होता है और बोलता है, वैसे तो इसे गिलहरी होना चाहिए, लेकिन जैसा कि मैं इस जगह को जानता हूं, वह जरूर ही छोटा ईशु होगा." यह चुटकुला इस बात को दिखाता है कि कुछ ईसाई संस्थानों में पुरातन कथाओं को बढ़ चढ़ा कर पेश किया जाता है.

वेस्टफाल की किताब

ईश्वरीय हैं हंसना

हिनरिष वेस्टफाल अपनी किताब के जरिए इन पूर्वाग्रहों को मिटाना चाहते हैं कि भगवान के धरती वाले कर्मचारी यानी पादरी हास्यविहीन चरित्र होते हैं. वे बताते हैं, "मैं अक्सर देख रहा हूं कि मेरे साथी मुझे फोन करते हैं और पूछते हैं कि मेरे पास कोई नया चुटकुला है क्या?" इन चुटकुलों का इस्तेमाल प्रार्थना सभाओं में उपदेशों को चटपटा बनाने और लोगों को आकर्षित करने के लिए किया जाता है. लेकिन हास्य धर्म के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? वेस्टफाल कहते हैं, "ईसाई समय समय पर नैतिक या कानूनी होने लगते हैं." उनका मानना है कि एक अच्छा चुटकुला उन्हें आईना दिखाता है और हकीकत की जमीन पर वापस खींच लाता है.

अहम बात यह है कि धार्मिक चुटकुलों को ऐसा नहीं होना चाहिए कि वे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं. हिनरिष वेस्टफाल धर्मशास्त्री हेल्मुट थीलेके के हवाले से कहते हैं, "ईसाई सिर्फ अंतिम से पहले वाले के बारे में मजाक करता है, अंतिम उसके लिए पुणीत और पवित्र होता है." वे धर्म के हास्य में सक्षम होने का उदाहरण देते हुए अंग्रेज लेखक जीके चेस्टरटन के उपन्यास के लोकप्रिय किरदार पादरी ब्राउन का हवाला देते हैं, "हास्य कुछ और नहीं बल्कि धर्म का ही एक रूप है, जो चीजों के परे होता है वही उस पर हंस सकता है." इस लिहाज से हंसना अत्यंत ईश्वरीय है, खासकर जब आप धर्म को लेकर हंस रहे हों.

रिपोर्ट: मार्क लुपके-श्वार्त्स/एमजे

संपादन: ए जमाल

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