धोनी कप्तानी छोड़ने को तैयार
३१ जनवरी २०१२इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में बुरी तरह टेस्ट सीरीज हारने के बाद दबाव में भारतीय कप्तान ने अटकलों को रोकते हुए खुद ही टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने की पेशकश कर दी है. धोनी ने कहा, "यह (कप्तानी) किसी की जागीर नहीं है. यह एक पद है जो फिलहाल मेरे पास है, यह एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है. मैं जो भी करता हूं उसे मैं अच्छे ढंग से करने की कोशिश करता हूं. लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं इससे चिपके रहना चाहता हूं. अगर कोई अच्छा विकल्प है तो वह सामने आ सकता है."
30 साल के धोनी पहले ही टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के संकेत दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा है कि वह 2013 के आखिर तक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं. भारत को टी-20 वर्ल्ड कप और वनडे वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान के मुताबिक अगर वह 2015 का वर्ल्ड कप खेलने की सोचते हैं तो उन्हें जल्द ही टेस्ट क्रिकेट से नाता तोड़ना होगा.
लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में मिली करारी हार और टीम के भीतर हो रही गुटबाजी की खबरें सामने आने के बाद धोनी बीसीसीआई के सामने टेस्ट मैचों की कप्तानी छोड़ने का प्रस्ताव रख दिया. ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने कहा, "अंत में आप भारतीय टीम को अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना चाहते हैं. अगर कोई ऐसा है जो यह काम बेहतर तरीके से कर सकता है तो उसे कप्तानी दी जानी चाहिए."
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में धोनी बल्ले से भी नाकाम रहे हैं. इसकी वजह से भी उन पर काफी दबाव है. इंग्लैंड में वह चार टेस्ट मैचों में सिर्फ 220 रन बना सके. ऑस्ट्रेलिया में तीन टेस्ट मैचों में धोनी सिर्फ 100 रन के आस पास ही बना पाए.
भारतीय मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि धोनी और उप कप्तान वीरेंद्र सहवाग के बीच गहरे मतभेद हैं. इनकी वजह से टीम में गुटबाजी हो रही है. सहवाग धोनी के टीम चयन और फील्ड प्लेसमेंट जैसे फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं. ऐसी भी रिपोर्टें हैं कि वीरू मैदान पर कप्तान की रणनीति को अमल में लाने में भी सहयोग नहीं कर रहे हैं.
यह बात बीसीसीआई को भी पता है. बीसीसीआई चाहती है कि शांति से मामला हल हो जाए. अब सवाल अगले कप्तान का है. अगर बीसीसीआई सहवाग को यह जिम्मा देती है, तो ऐसे भी संकेत जा सकते हैं कि कप्तान का विरोध फायदेमंद होता है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल