धोनी ने टॉस जीता, टीम इंडिया की बैटिंग
२५ अगस्त २०१०सीरीज में बेहद लचर प्रदर्शन करने के बाद भारतीय टीम के पास जीत के अलावा कोई चारा नहीं है. शुरुआत अच्छी हुई है और सिक्के ने कप्तान महेंद्र धोनी का साथ दिया है. लेकिन बल्लेबाजों को भी अपना सिक्का जमाना होगा, जो इस सीरीज में अब तक नाकाम रहे हैं.
वीरेंद्र सहवाग और थोड़ बहुत युवराज सिंह को छोड़ कर दुनिया की सबसे ताकतवर बल्लेबाजी फेल होती दिखी है और इसे संभालने के लिए करो या मरो के इस मैच में रोहित शर्मा को हटा कर तेज तर्रार क्रिकेटर विराट कोहली को टीम में जगह मिली है.
भारत के लिए बेहद खराब साबित हुई इस सीरीज में अब तक सिर्फ विवाद और नाकामी रहे हैं. सबसे पहले कप्तान धोनी ने विकेट को भला बुरा कहा और यहां तक कि प्रैक्टिस करने से भी इनकार कर दिया. फिर सूरज रणदीव के नो बॉल का प्रकरण शुरू हुआ, जो बेहद खराब मोड़ पर जाकर खत्म हुआ. इस दौरान मीडिया से भी अनबन हुई. इन बातों को दरकिनार करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम को अब अहम कामयाबी की तलाशी है.
जहां तक गेंदबाजी का सवाल है, भारत के पास जहीर खान या हरभजन सिंह जैसे बड़े नाम नहीं हैं लेकिन औसत गेंदबाजों ने ठीक ठाक प्रदर्शन किया है. आशीष नेहरा और प्रवीण कुमार जैसे मध्यम गति के गेंदबाजों ने बॉल को सही दिशा दी है और बाद के क्रम में इशांत शर्मा ने भी सधी हुई गेंदबाजी की है.
बहरहाल, 15 साल बाद इसी श्रीलंका में खेले गए एशिया कप को जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम को रॉस टेलर की कम अनुभवी टीम से पार पाना होगा, तभी फाइनल के दरवाजे खुलेंगे. हालांकि इस टूर्नामेंट के पहले मैच में टीम इंडिया न्यूजीलैंड के हाथों 200 रन की शर्मनाक हार झेल चुका है.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ
संपादनः आभा एम