1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

धोनी ने फिर किया पीयूष चावला का बचाव

१० मार्च २०११

पीयूष चावला के बेरंग प्रदर्शन से हर कोई परेशान है लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उनके साथ खड़े हैं. नीदरलैंड्स के खिलाफ ढीले प्रदर्शन के बावजूद धोनी ने चावला का बचाव किया.

तस्वीर: UNI

धोनी को लगता है कि आने वाले मुश्किल मैचों के लिए चावला को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी है. चावला ने नीदरलैंड्स के खिलाफ दो विकेट तो लिए लेकिन रन भी खूब दिए. इससे पहले के मैचों में भी उनका प्रदर्शन प्रभावहीन रहा है. लिहाजा उन्हें इस मैच में टीम में रखने पर ही सवाल उठाए जा रहे थे. इस बारे में धोनी ने कहा कि उन्हें लय वापस पाने के लिए टीम में रखा गया.

मैच के बाद धोनी ने कहा, "हमें यह देखना था कि इस मैच की ज्यादा जरूरत किस खिलाड़ी को है. पीयुष हाल में कुछ दबाव में रहे हैं. आप चाहते हैं कि आपके गेंदबाज मानसिक तौर पर मजबूत रहें. इसीलिए हमने उन्हें मौका दिया."

तस्वीर: AP

चावला को लेकर धोनी ज्यादा परेशान नहीं हैं. उन्होंने कहा, "वह ज्यादा खुलकर गेंदबाजी कर रहे थे. यह उनके लिए अहम मैच था. उन्होंने शुरुआत अच्छी की थी पर इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें थोड़ा संघर्ष करना पड़ा. लेकिन मैं उनके प्रदर्शन से खुश हूं."

अश्विन को मौका कब

चावला को खिलाने की वजह से आर अश्विन को मौका नहीं मिल पाया है. धोनी ने कहा कि बाकी दो लीग मैचों में अश्विन को खिलाया जाएगा. कप्तान मानते हैं कि तमिलनाडु का यह स्पिनर मानसिक रूप से बहुत मजबूत है. उन्होंने कहा, "मुझे अभी अश्विन को एक मौका देना है. मेरे ख्याल से वह बाकी बचे मैचों में से किसी एक में खेलेंगे. वह बेहद मजबूत हैं और जब भी उन्हें मौका मिलेगा वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे."

भारत को नीदरलैंड्स के खिलाफ जीत के लिए भी खासा पसीना बहाना पड़ा. धोनी मानते हैं कि यह कोई महान जीत नहीं थी लेकिन इसकी वजह वह प्रयोगों को बताते हैं. वह कहते हैं, "जीतना जरूरी है. जीत जाना तो कोई बुरी बात नहीं. बेशक मैच देखने में खराब लग सकता है लेकिन रिकॉर्ड टेबल में लिखा जाएगा कि हम पांच विकेट से जीते. बीच के ओवरों में हम कुछ दबाव में थे लेकिन कुल मिलाकर यह अच्छा अनुभव रहा."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें