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नए तरीकों से खत्म करो गरीबीः ओबामा

२३ सितम्बर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गरीबी से निपटने के लिए नए कदमों पर जोर दिया है. यूएन के सम्मेलन में ओबामा ने कहा कि उनका प्रशासन आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने और आंतकवाद से लड़ने के लिए गरीबों पर अपनी मदद केंद्रित करेगा.

बराक ओबामातस्वीर: AP

गरीबी और भुखमरी पर बुलाए गए संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन में ओबामा ने कहा कि गरीबों को खाना और दवाइयां देने को ही अब तक गरीबी के खिलाफ लड़ाई समझा जाता है. इससे जिंदगियां तो बच जाती हैं, लेकिन गरीब देशों के विकास में कोई मदद नहीं मिलती. 192 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र आम सभा में ओबामा ने कहा, "बदलाव के लिए जरूरी है कि मदद से आगे बढ़ा जाए. हमें इसके लिए सभी उपाय करने होंगे जिसमें कूटनीति से लेकर व्यापार और निवेश नीतियां भी शामिल हैं."

तस्वीर: ap

तीन दिन के इस सम्मेलन के समापन पर बुधवार को एक घोषणापत्र जारी किया गया जिसमें 2015 तक संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कोशिशें तेज करने का वादा किया गया है. ओबामा के 20 मिनट के भाषण में भी उन्हीं बातों की झलक मिली जो पश्चिमी देशों के नेता पहले कह चुके हैं. ये सीधे सीधे मदद देने के बजाय परिणाम आधारित कार्यक्रमों पर जोर दे रहे हैं.

दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इन दिनों मंदी से उबर रही हैं और उनकी आर्थिक हालत अभी ज्यादा अच्छी नहीं है. इसीलिए उनके घरेलू मोर्चे पर विदेशों को दी जाने वाली मदद पर सवाल उठ रहे हैं. लेकिन अफ्रीकी पिता की संतान राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि अमेरिकी मदद में किसी तरह की कमी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका ऐसे देशों के साथ साझेदारी करेगा जो आर्थिक विकास और जवाबदेही बढ़ाने के साथ साथ भ्रष्टाचार से निपटने पर जोर दे रहे हैं.

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ओबामा ने कहा, "अतीत की बातों को पीछे छोड़िए. इस संकुचित बहस से आगे बढ़िए कि हम कितना पैसा खर्च कर रहे हैं. चलिए नतीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं." ओबामा ने कहा कि विकास के जरिए ऐसा माहौल बनाना होगा कि मदद की जरूरत ही न पड़े.

उधर ब्रिटेन के उपप्रधानमंत्री निक क्लेग ने कहा है कि विकासशील देशों को यह नहीं समझना चाहिए कि उन्हें खाली चेक पकड़ा दिया जाएगा, उन्हें ब्रिटेन की आर्थिक मुश्किलों को भी समझना होगा. वहीं चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने कहा कि विकसित देशों को अपने वादे पूरे करने चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र ने गरीबी से निपटने और अन्य सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों के मामले में हुई बेहद कम प्रगति की समीक्षा के लिए यह बैठक बुलाई. भारत और चीन की तेजी से तरक्की कर रही अर्थव्यवस्थाओं को देखते हुए गरीबी कम होने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन अन्य लक्ष्यों पर प्रगति की राह बहुत मुश्किल नजर आती है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने बुधवार को 40 अरब डॉलर की एक ऐसी योजना का एलान किया जिसके तहत अगले पांच साल में 1 करोड़ 60 लाख महिलाओं और बच्चों की जान बचाई जा सकेगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

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