क्या नेपाल तोड़ना चाहता है भारत से 'रोटी-बेटी' का रिश्ता
चारु कार्तिकेय
२२ जून २०२०
नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने देश के नागरिकता कानून में एक प्रस्तावित संशोधन का समर्थन किया है, जिसके तहत नेपाली पुरुषों से विवाह करने वाली 'गैर-नेपाली' मूल की महिलाओं को सात साल तक नेपाल की नागरिकता नहीं मिलेगी.
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नेपाल के नए नक्शे को लेकर भारत और नेपाल के बीच विवाद के बाद अब दोनों देशों के बीच एक नए मुद्दे पर विवाद खड़ा होता नजर आ रहा है. नेपाल के नागरिकता कानून में एक प्रस्तावित संशोधन पर देश में चर्चा शुरू हो गई है, जिसके तहत नेपाली पुरुषों से विवाह करने वाली 'गैर-नेपाली' मूल की महिलाओं को सात साल तक नेपाल की नागरिकता नहीं मिलेगी.
यह प्रस्ताव नया नहीं है और पहले से ही यह नेपाली संसद के सामने लंबित था. लेकिन पिछले सप्ताह संसद की स्टेट अफेयर्स एंड गुड गवर्नेंस कमिटी ने सभी दलों को पांच दिनों में प्रस्ताव पर निर्णय लेने को कहा. सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने घोषणा कर दी है कि वो प्रस्तावित संशोधन का समर्थन करती है, लेकिन सरकार और विपक्ष में इस प्रस्ताव को लेकर सहमति नहीं है. प्रमुख विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस प्रस्ताव का विरोध कर रही है.
फिलहाल कैसा है प्रावधान
नेपाल के मौजूदा नागरिकता कानून के तहत नेपाली पुरुषों से विवाह करने वाली गैर-नेपाली महिलाओं को तुरंत नेपाली नागरिकता मिल जाती है. मधेस नाम से जाने जाने वाले नेपाल के तराई के इलाके में ऐसे कई परिवार हैं जिनके सीमा के उस पार बसे भारतीय परिवारों के साथ पारिवारिक रिश्ते हैं. जब कुछ ही दिन पहले भारत के रक्षा-मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि दोनों देशों के बीच 'रोटी-बेटी' का रिश्ता है, तब वो इन्हीं रिश्तों की बात कर रहे थे.
अगर यह संशोधन पारित हो जाएगा तो इस से इन मधेसी परिवारों के सीमा-पार रिश्तों पर असर पड़ेगा. यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. कई मधेसी नेताओं ने इस प्रस्ताव को नस्लीय भेदभाव की प्रवृत्ति से प्रेरित भी बताया है. मधेसी अकसर यह शिकायत करते हैं कि नेपाल की राजनीतिक-सामाजिक व्यवस्था में उनके साथ भेद-भाव किया जाता है.
क्या भारत पर निशाना साधने की है कोशिश
कई जानकारों का यह मानना है कि यह कदम भारत को ही ध्यान में रख कर लिया गया है. कुछ ही दिनों पहले नेपाली संसद ने देश को एक नया नक्शा देने वाला कानून भी पास किया था जिसमें कई ऐसे इलाकों को नेपाल का हिस्सा बताया गया है जो अभी तक विवादित थे और जिन पर भारत भी अपने स्वामित्व का दावा करता है. वरिष्ठ पत्रकार संजय कपूर का कहना है कि नेपाल अब अपनी अलग पहचान पर जोर देने की कोशिश कर रहा है और भारत को यह संदेश देना चाह रहा है कि वो भारत को ऐसा कोई भी विशेषाधिकार नहीं देगा जो नेपाली नागरिकों को भारत में नहीं मिलता.
दोनों मुद्दों में अंतर यह है कि नक्शे वाले मुद्दे पर सभी राजनीतिक दल एकजुट थे लेकिन नागरिकता के सवाल पर दलों में मतभेद है. अब देखना यह है कि नागरिकता कानून में इस प्रस्तावित संशोधन के भविष्य का संसद में क्या फैसला होता है.
पड़ोसी देश मतलब वो देश जिनसे किसी देश की सीमा लगती है. भारत की सीमा सात देशों से लगती है. ये पड़ोसी देश बांग्लादेश, चीन, पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, भूटान और अफगानिस्तान हैं. देखिए सबसे ज्यादा पड़ोसी किन देशों के हैं.
जाम्बिया
अफ्रीकी देश जाम्बिया 11वां सबसे ज्यादा पड़ोसियों वाला देश है. जाम्बिया की सीमा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, अंगोला, मलावी, मोजांबिक, तंजानिया, नामीबिया, जिम्बाब्वे और बोतस्वाना से मिलती है.
तस्वीर: DW/C.Mwakideu
तुर्की
तुर्की 10वां सबसे ज्यादा पड़ोसियों वाला देश है. तुर्की की सीमा अर्मेनिया, जॉर्जिया, ईरान, इराक, सीरिया, अजरबैजान, बुल्गारिया और ग्रीस से लगती है. तुर्की के आठ पड़ोसी देश हैं जिनके साथ 2,648 किलोमीटर की सीमा लगती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Altan
तंजानिया
अफ्रीकी देश तंजानिया नवां सबसे ज्यादा पड़ोसियों वाला देश है. तंजानिया की सीमा केन्या, बुरुंडी, युगांडा, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, जांबिया, मलावी, मोजांबिक और रवांडा से लगती है. आठ पड़ोसी देशों से तंजानिया की 3,861 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है.
तस्वीर: DW/N. Quarmyne
सर्बिया
सर्बिया की सीमा रोमानिया, हंगरी, क्रोएशिया, बोस्निया और हरजेगोवनिया, मेसेडोनिया, बुल्गारिया, कोसोवो, और मॉन्टेनेग्रो से लगती है. नौ पड़ोसी देशों वाले सर्बिया की सीमा 2,027 किलोमीटर लंबी है. सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ये आठवें नंबर पर है.
तस्वीर: Reuters/M. Djurica
फ्रांस
फ्रांस के पड़ोसी देशों में बेल्जियम, जर्मनी, स्विटजरलैंड, इटली, स्पेन, अंडोरा, लक्जमबर्ग, मोनाको और ब्रिटेन में शामिल हैं. इन आठ पड़ोसी देशों के साथ फ्रांस की 623 किलोमीटर लंबी सीमा है. ब्रिटेन के साथ फ्रांस की जल सीमा है. सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ये सातवें नंबर पर है.
तस्वीर: Reuters/B. Tessier
ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया के भी आठ पड़ोसी देश हैं. इनमें हंगरी, स्लोवाकिया, चेक रिपब्लिक, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, इटली, लिश्टेनश्टाइन और स्लोवेनिया शामिल हैं. ऑस्ट्रिया की सीमा 2,562 किलोमीटर की है. सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ये छठे नंबर पर है.
तस्वीर: Imago Images/Xinhua/Guo Chen
जर्मनी
जर्मनी के सभी नौ पड़ोसी देशों के नाम नीदरलैंड्स, बेल्जियम, फ्रांस, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, पोलैंड, डेनमार्क और लक्जमबर्ग हैं. जर्मनी की सबसे सीमा चेक रिपब्लिक के साथ लगी है, जो 815 किलोमीटर लंबी है.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/Y. Tang
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो
सबसे ज्यादा पड़ोसी देशों के मामले में चौथे स्थान पर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो है. इसके पड़ोसी बुरुंडी, रवांडा, युगांडा, दक्षिण सूडान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कॉन्गो रिपब्लिक, अंगोला, जाम्बिया और तंजानिया हैं. इसकी सीमा की लंबाई 2410 किलोमीटर है.
तस्वीर: AFP
ब्राजील
सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ब्राजील तीसरे स्थान पर है. ब्राजील के 10 पड़ोसी देश हैं जिनमें सूरीनाम, गुएना, फ्रेंच गुएना, वेनेजुएला, कोलंबिया, पेरू, बोलिविया, उरुग्वे, पैराग्वे और अर्जेंटीना शामिल हैं. ब्राजील की सीमा 14,691 किलोमीटर लंबी है.
तस्वीर: AFP/D. Ramalho
रूस
रूस के कुल 14 पड़ोसी हैं. इनमें 12 रूस की मुख्यभूमि और दो पड़ोसी मुख्यभूमि के दूर के एक इलाके के हैं. मुख्यभूमि के पड़ोसी फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अजरबैजान, कजाखस्तान, चीन, मंगोलिया, उत्तरी कोरिया और नॉर्वे हैं. वहीं दो और पड़ोसियों लिथुआनिया और पोलैंड के बीच रूस का कलिनिन्ग्राद का इलाका है. रूस की सीमा 20,241 किलोमीटर लंबी है.
तस्वीर: Reuters/S. Zhumatov
चीन
सबसे ज्यादा पड़ोसी देश चीन के हैं. चीन की सीमा 14 देशों से लगती है. इनमें भारत, मंगोलिया, कजाखस्तान, उत्तरी कोरिया, रूस, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार, लाओस और वियतनाम शामिल हैं. इसके अलावा चीन के दो स्वायत्त इलाके हांगकांग और मकाउ भी उसके पड़ोसी हैं. चीन की थल सीमा की कुल लंबाई 22,117 किलोमीटर है.