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नत्था बोला, अब बच्चों की परवरिश ठीक होगी

२२ अगस्त २०१०

जितनी हिट फिल्म पीपली लाइव हो रही है, उससे भी ज्यादा हिट है फिल्म का हीरो नत्था किसान. इस किरदार को थिएटर एक्टर ओंकार दास माणिकपुरी ने निभाया है. गरीबी से लड़ते नत्था कहते हैं कि फिल्म से बच्चों का भला होगा. खास बातचीत.

आमिर, अनुष्का और ओंकारतस्वीर: picture alliance/dpa

डॉयचे वेले: ओंकार जी बधाई हो. आपकी पहली फिल्म हिट रही. और हर तरफ आपकी ही चर्चा है. कैसा लग रहा है.

ओंकार: मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा है और खुशी हो रही है. मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मेरी पहली फिल्म हिट हो गई है और मेरा इतना नाम हो रहा है. मेरे पास इस सबको जाहिर करने के लिए शब्द ही नहीं हैं.

डॉयचे वेले: कभी सोचा था कि जब फिल्मों में काम करेंगे तो पहली फिल्म से ही छा जाएंगे.

ओंकार: ऐसा तो कभी मैंने सोचा नहीं था. यह तो भगवान की कृपा है और बुजुर्गों का आशीर्वाद रहा, जो इतना बड़ा नाम मिल रहा है मुझे.

डॉयचे वेले: ओंकार जी, अपने बारे में थोड़ा सा बताइए. फिल्म में काम करने से पहले आप थिएटर से जुड़े रहे.

आमिर खान की फिल्मतस्वीर: AP

ओंकार: हां, मैं हबीब तनवीर जी थिएटर में काम करता था और अब भी करता हूं. थिएटर में काम करते हुए मुझे यह फिल्म मिली पीपली लाइव.

डॉयचे वेले: शुरू से ही सोचा था कि कलाकार बनेंगे, एक्टर बनेंगे.

ओंकार: देखिए, मैं बचपन में जरा चुलबुला सा था. घर में रहता था तो जो भी डिब्बा मिलता उसे बजाने लगता. या फिर थाली मिलती तो उसे भी बजाने लग जाता. यानी गाने बजाने का शौक शुरू से रहा है.

डॉयचे वेले: हां, तो यह बताइए कि कुछ पढ़ाई लिखाई की या फिर शुरू से कलाकारी में ही रम गए.

ओंकार: आर्थिक स्थिति के कारण मेरी पढ़ाई बहुत कमजोर ही रही. मैं पांचवी तक ही पढ़ पाया हूं. ज्यादा पढ़ाई कर नहीं पाया हूं.

डॉयचे वेले: कोई बात नहीं, बिना पढ़े ही अब आप हीरो हैं. यह बताइए कि इस फिल्म को करने के बाद आपकी जिंदगी में कुछ बदलाव आया है.

ओंकार: हां. आर्थिक पारावारिक स्थिति में बदलाव आया है. जैसे पहले थिएटर में था तो मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. ढंग से अपने बच्चों को पढ़ाई नहीं करा सकता था. सोचना पड़ता था उनके खिलाने पिलाने के लिए, उनके कपड़ों, लत्तों के लिए. अब मुझे लग रहा है कि फिल्म लाइन में आने के बाद मैं आगे कुछ कर सकूंगा अपने बच्चों के लिए, अपने बच्चों के लिए.

डॉयचे वेले: आपको एक खास पहचान भी मिली है. मतलब, काम पहले भी करते थे, लेकिन अब आपको ज्यादा लोग जानते हैं. कैसा लगता है.

बेहाल किसानों की कहानीतस्वीर: Aamir Khan Productions

ओंकार: यह तो बहुत अच्छा लगता है मुझे. मैं थिएटर में था तो लोग यही समझते थे कि पता नहीं क्या करता है, क्या नहीं. थिएटर में एक निश्चित ऑडियंस होती है. आम आदमी तक पहुंच भी नहीं पाते हैं. लेकिन अब सब जगह मुझे पहचान मिली है, इस बात की मुझे बहुत खुशी हो रही है. लेकिन सबसे पहले उन लोगों को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने मुझे इतना बड़ा प्लेटफार्म दिया. अनुषा रिजवी जी ने मेरा ऑडिशन लिया और मुझे अपनी फिल्म में काम दिया. आमिर खान को सबसे ज्यादा धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने अपना रोल छोड़ कर मुझे दिया. पहले वह नत्था का रोल करना चाहते थे. लेकिन जब मुझे देखा, तो बोले इससे बेहतर कोई नहीं कर सकता.

डॉयचे वेले: आमिर खान तो यह कहते हैं कि ओंकार ने मेरा पत्ता काट दिया.

ओंकार: नहीं, नहीं. अरे मैं क्या पत्ता काटूंगा. यह तो उनका बड़ड़प्पन है कि उन्होंने अपना रोल छोड़कर मुझे दिया. उनकी वजह से देश विदेश में मेरा नाम हो रहा है. सब लोग मुझे नत्था के नाम से जानने लगे हैं.

डॉयचे वेले: ओंकार यह बताइए कि अब आगे क्या करने का इरादा है. थिएटर में वापस जाना है या फिल्मों में ही रहना है.

ओंकार: अगर मुझे फिल्म का ऑफर मिलेगा तो मैं जरूर फिल्म करूंगा. मुंबई में भी रहना चाहूंगा मैं, ताकि आगे के लिए मुझे कोई अच्छा काम मिले. बाकी थिएटर से तो मेरा जमीर जुड़ा हुआ है. मैं थिएटर भी नहीं छोड़ूंगा.

डॉयचे वेले: तो आगे के लिए आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं. जैसा काम चाहें वह आपको मिले.

ओंकार: बहुत बहुत धन्यवाद.

इंटरव्यूः अशोक कुमार

संपादनः ओ सिंह

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