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नरेंद्र मोदी ने कहा, उनका काम पूरा हुआ

२७ मार्च २०१०

गुजरात दंगों के सिलसिले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से शनिवार को दो बार एसआईटी ने पूछताछ की जो कई घंटे चली. मोदी ने कहा है कि उनका काम पूरा हुआ और वह संविधान से बंधे हैं और भारत का कोई भी व्यक्ति इससे ऊपर नहीं हो सकता.

तस्वीर: AP

पहले चरण की पूछताछ के बाद मोदी को शनिवार रात 9 बजे दोबारा बुलाया गया था. रात लगभग एक बजे मोदी एसआईटी
ऑफ़िस से बाहर आए और कहा कि उन्हें बताया गया है कि उनसे पूछताछ पूरी हो गई है. मोदी ने कहा कि आठ सालों में पहली बार उनसे कोई पूछताछ करना चाहता था और उन्होंने इसमें सहयोग किया. मुख्यमंत्री ने उन सवालों को बताने से इनकार कर दिया जिन्हें एसआईटी ने उनसे पूछा था. मोदी ने कहा कि एसआईटी को रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देनी है.

रिपोर्टों के मुताबिक़ मोदी से 68 सवाल पूछे गए थे जिसमें से उन्होंने 62 सवालों का जवाब दे दिया था और बाक़ी के सवालों का जवाब उन्होंने दोबारा आकर देने की बात कही थी. मोदी ने कहा कि पूछताछ एक ही दिन में पूरी कर ली जाए तो अच्छा होगा. भारतीय इतिहास में नरेंद्र मोदी पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनके पद पर रहते हुए उनसे नरसंहार जैसे आपराधिक मामलों में पूछताछ की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल यानी एसआईटी बनाई है. इसी एसआईटी में शनिवार को लगभग पांच घंटे तक सवालों के जवाब देने के बाद मोदी मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा, "मैंने उनके सवालों का जवाब दे दिया है. भारत का संविधान सबसे ऊपर है. एक नागरिक और मुख्यमंत्री होने के नाते मैं भारत के संविधान और कानून से बंधा हुआ हूं. कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं हो सकता है."

मोदी पर आरोप लग रहे थे कि वह एसआईटी की पूछताछ से बचना चाह रहे थे. लेकिन मुख्यमंत्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "आज मेरे व्यवहार ने, मेरे आचरण ने भांति भांति की बातें फैलाने वालों को करारा जवाब दे दिया है. मैं आशा करता हूं कि निजी स्वार्थ हासिल करने वाले लोग इस तरह की बातें बंद करेंगे." मोदी ने जोर देकर कहा कि एसआईटी ने उन्हें 27 मार्च यानि शनिवार को ही पूछताछ के लिए बुलाया था, न कि 21 मार्च को, जैसा कि पहले रिपोर्ट थी.

कैबिनेट भी घेरे में

2002 में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात में भीषण दंगे हुए, जिनमें 1,000 से ज्यादा लोगों की जान गई. मुख्यमंत्री मोदी और उनके कैबिनेट मंत्रियों पर आरोप है कि उन्होंने दंगे रोकने के लिए कुछ नहीं किया, बल्कि उसे और हवा दी. उन्हीं दंगों में कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी को जिन्दा जला दिया गया था. बदनाम गुलबर्ग सोसाइटी कांड में जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने नरेंद्र मोदी को आरोपी बनाते हुए मुकदमा किया था. इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. गुलबर्ग सोसाइटी में कांग्रेस सांसद जाफरी के अलावा 68 लोग और मारे गए थे. जाफरी की पत्नी जकिया का आरोप है कि मोदी और उनके मंत्रियों ने दंगों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया और हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहे.

तस्वीर: AP

नरेंद्र मोदी ने लंबी पूछताछ के बाद सफाई दी कि वे जांच में किसी तरह की बाधा पहुंचाने का काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "अभी भी अगर कुछ लोगों को भ्रम रहता है तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि एसआईटी सुप्रीम कोर्ट ने बनाई है. एसआईटी का जांच करने वाला जो दल है, जिसने आज मुझसे पूछताछ की है, इस पूरी व्यवस्था में गुजरात का कोई भी अफसर नहीं है." मोदी ने कहा कि इसमें सुप्रीम कोर्ट के "पसंद किए हुए," नियुक्त किए हुए अफसर हैं, इसलिए एसआईटी सीधा सीधा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर काम कर रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः आभा मोंढे

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