नवनाजियों के संबंध जर्मन जासूसी एजेंसी से?
१५ नवम्बर २०११![](https://static.dw.com/image/5659118_800.webp)
जर्मनी के पूर्व इंटेलिजेंस प्रमुख ने हालांकि इस बात से इनकार किया है. इन तीन लोगों पर एक पुलिस अफसर समेत दस लोगों के कत्ल के आरोप हैं. इस खुलासे के बाद इस संदेह को बल मिल रहा है कि तीनों लोगों को पिछले एक दशक में गिरफ्तारी से इन एजेंसियों ने ही बचाया. लेकिन थुरिंगिया राज्य में तोड़-फोड़ निरोधी विभाग के पूर्व निदेशक हेल्मुट रोएवर कहते हैं कि ये तीनों कभी भी खबरी नहीं रहे. उन्होंने कहा, "ऐसा होता तो यह पूरी तरह अक्षम और बेमतलब होते." रोएवर साल 2000 में ही रियाटर हो गए.
उवे बोएनहार्ट और उवे मुंडलोस ने 4 नवंबर को खुदकुशी कर ली जबकि बीटे शाएपे हिरासत में हैं. हाल ही में एक विडियो टेप मिला है जिसमें इन तीनों ने कथित तौर पर अपने गुनाहों को कबूल किया है. जर्मन टेलीविजन ने इस विडियो के कुछ हिस्से दिखाए हैं जिनमें ये तीनो खुद को नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड बताते हैं. ये 10 हत्याएं 2000 से 2007 के बीच हुईं.
लेकिन रोएवर कहते हैं कि उनसे कभी किसी तरह की सूचना खरीदी भी नहीं गई. रोएवर तीनों को गिरफ्तार न किए जाने का इल्जाम राज्य पुलिस पर डालते हैं. 1998 में उन्हें बम धमाके के आरोपों में गिरफ्तार किया जाता, उससे पहले ही वे भूमिगत हो गए. रोएवर कहते हैं कि उस वक्त के पुलिस के व्यवहार को लेकर गंभीर संदेह पैदा होते हैं. हालांकि उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया.
इस मामले में एक चौथा आरोपी भी है जिस पर तीनों को अपने पहचान पत्र देने का आरोप है. उसे सोमवार देर शाम हिरासत में ले लिया गया.
अब जर्मन सरकार इस बारे में गहन जांच कर सकती है कि नवनाजियों को कहां कहां से मदद मिली. जर्मनी की संसदीय इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष थोमास ओपरमान ने कहा, "और लोगों द्वारा मदद के भी सबूत मिले हैं. इससे ज्यादा मैं अभी कुछ नहीं बताना चाहता."
इस घटना के बाद जर्मनी में अतिवादी दक्षिणपंथियों के व्यवहार को लेकर बहस छिड़ गई है. जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने धुर दक्षिणपंथी पार्टी को प्रतिबंधित करने की बात कही है जिस पर उनकी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रैट पार्टी ने उनका समर्थन भी किया है. दक्षिणपंथी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी एनपीडी इस बात से इनकार करती है कि वह नव नाजीवादी है. लेकिन देश के नव नाजी उसके लिए चुनावों में प्रचार करते हैं. 2001 में भी पार्टी को बैन करने की बात उठी थी लेकिन तभी संवैधानिक तकनीकि वजहों से ऐसा नहीं हो पाया था. मैर्केल ने अब कहा है कि वकीलों को इसके लिए रास्ता निकालना चाहिए.
रिपोर्टः डीपीए/वी कुमार
संपादनः एन रंजन