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नव नाजियों की रैलियों में 38 पुलिसकर्मी घायल

३ जून २०१२

जर्मनी में नव नाजियों, वामपंथियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में 38 पुलिस अधिकारी घायल हुए. हिंसा रोकने के लिए पुलिस ने 4,400 अधिकारी तैनात किए. लेकिन करीब 14,000 प्रदर्शनकारियों के आगे यह संख्या कम पड़ गई.

तस्वीर: picture-alliance / dpa

उत्तरी जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में 700 अति दक्षिणपंथी नव नाजी रैली के इरादे से जुटे. नव नाजियों का विरोध करने के लिए 3,500 लोग जमा हुए. इनमें ज्यादातर वामपंथी थे. इन दोनों के आलावा अन्य 10,000 लोग नव नाजियों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पहुंचे. पुलिस के सामने नव नाजियों को उनके विरोधियों से अलग रखने चुनौती थी.

पुलिस ने जब नव नाजियों और वामपंथियों को रोकने की कोशिश की तो हिंसा भड़क उठी. नव नाजियों ने पुलिस पर पत्थर, बोतलें और पटाखें फेंके. जवाब में पुलिस ने पानी की बौछार के साथ काली मिर्च के स्प्रे का इस्तेमाल किया. इससे तितर बितर हुए नव नाजियों ने तोड़ फोड़ शुरू कर दी. तीन कारों को आग लगा दी. इनमें एक पुलिस की कार भी है.

तस्वीर: picture-alliance / dpa

बहरहाल हैम्बर्ग के पुलिस प्रमुख वोल्फगांग कोपिट्श अब भी इसे पुलिस की कामयाबी मान रहे हैं, "खुले और सहनशील हैम्बर्ग में इतने ज्यादा प्रदर्शनाकारियों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया. लेकिन झड़पों को किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता." 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेने के बाद 17 को गिरफ्तार किया गया.

नव नाजी जर्मनी के अति राष्ट्रवादी और नस्लवादी विचारधारा के लोग हैं. नव नाजी विदेशी मूल के लोगों का जर्मनी में रहना बिल्कुल पसंद नहीं करते. नव नाजियों पर अक्सर विदेशी मूल के लोगों पर कातिलाना हमला करने के आरोप भी लगते हैं. 2011 में नव नाजियों पर एक महिला पुलिस अधिकारी समेत 10 लोगों की हत्या के आरोप लगे.

नव नाजी अक्सर एक के बाद एक शहर में प्रदर्शन करते हैं. लेकिन हर बार उनके प्रदर्शन को बौना साबित करने के लिए बड़ी संख्या में अति वामपंथी भी सड़कों पर उतर आते हैं. इसके चलते कई बार दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प होती है.

जर्मनी की आंतरिक खुफिया एजेंसी की 2010 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 25,000 अति दक्षिणपंथी हैं. इनमें करीब 5,600 नव नाजी हैं.

ओएसजे/एमजी (डीपीए, एएफपी)

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