नस्ली विवाद में इतालवी फुटबॉल
२१ दिसम्बर २०१३इटली के लीग मुकाबले सीरिया आ में 2009 के बाद से ही भ्रष्टाचार के मामलों की चर्चा हो रही है. पिछले हफ्ते तक मैच फिक्सिंग के आरोप लगते रहे हैं. जांचकर्ताओं ने कहा है कि वे चार लोगों से संदेह के आधार पर पूछताछ कर रहे हैं. उन पर खिलाड़ियों को बहला कर मैच फिक्स करने के आरोप हैं. दो खिलाड़ियों के घरों की तलाशी ली गई है. हालांकि उन्होंने मैच फिक्सिंग में किसी तरह शामिल होने से इनकार किया है. आठ दूसरे खिलाड़ियों की भी जांच चल रही है. हालांकि उनमें से दो ने संन्यास ले लिया है.
2006 की विश्व कप विजेता टीम में शामिल गेनारो गेतूसो ने किसी तरह की गड़बड़ी में शामिल होने से इनकार किया है, "मैं कभी भी मैच फिक्स करने की बात नहीं सोच सकता हूं. अगर ऐसा होता है, तो मैं सार्वजनिक जगह पर आत्महत्या कर लूंगा. जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि मैं दोस्तों के बीच भी कोई गेम नहीं हारना चाहता हूं."
35 साल के गेतूसो ने ज्यादातर वक्त एसी मिलान के साथ बिताया है. जांच बढ़ने के साथ पता चला है कि इस मामले में 54 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और सैकड़ों मैचों की जांच चल रही है. फुटबॉलरों के अलावा क्लब अधिकारियों और सटोरियों पर नजर रखी जा रही है.
इटली के लिए दिसंबर में उस वक्त भी मुश्किल बढ़ गई, जब खेल न्यायाधीश ने इंटर मिलान और रोमा के स्टेडियम को दो हफ्तों के लिए बंद कर दिया. यहां विरोधी टीम के खिलाफ लोगों ने नस्ली नारे लगाए थे. क्लबों पर 50,000 यूरो का जुर्माना भी लगाया गया. रोमा के समर्थकों ने एसी मिलान के स्ट्राइकर मारियो बालोटेली पर ताने कसे थे, जो अफ्रीकी मूल के खिलाड़ी हैं. बालोटेली इटली की टीम में भी शामिल हैं.
इसके अलावा दो और स्टेडियमों को भी नस्ली टिप्पणियों की वजह से बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं, युवेंटस के पूर्व महानिदेशक लुसियानो मॉगी और दूसरे खिलाड़ियों को 2006 के एक भ्रष्टाचार वाले मामले में दोषी करार दिया गया.
एजेए/एमजे (डीपीए)