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नहीं भूलेगी दीपा कर्मकार की ऐतिहासिक ओलंपिक पारी

आरपी/आईबी (एपी,रॉयटर्स)१५ अगस्त २०१६

दीपा कर्मकार ने भारत के स्वाधीनता दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर देश को गौरवांवित किया. मेडल जीतने से तो चूकीं लेकिन टोक्यो ओलंपिक के लिए हौसले बुलंद. देखिए भारत की ओलंपिक हीरो दीपा कर्मकार ने क्या क्या झंडे गाड़े हैं.

Dipa Karmakar Indien Gymnastik
तस्वीर: Getty Images/R.Conway

52 साल बाद ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट तो वो बन ही चुकी थीं. इस भारतीय एथलीट ने रियो ओलंपिक की जिमनास्टिक प्रतियोगिताओं के फाइनल में भी अपनी जगह बनाई. बेहद कम अंतर से मेडल जीतने से चूक गई दीपा कर्मकार ने प्रतियोगिता में बहुत कठिन माने जाने वाले प्रोदुनोवा स्टाइल यानि डबल फ्रंट समरसॉल्ट का प्रदर्शन कर खूब वाहवाही बटोरी. 1999 में रूसी जिम्नास्ट येलेना प्रोदुनोवा के नाम पर ही प्रसिद्ध हुआ वॉल्ट ऑफ डेथ बहुत खतरनाक माना जाता है और कई बार इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठ चुकी है. दीपा प्रोदुनोवा में दक्ष दुनिया की पांचवी जिम्नास्ट मानी जाती हैं.

सन 1952 के ओलंपिक में दो, 1956 के ओलंपिक में तीन और 1964 के ओलंपिक में भारत के छह एथलीट, यानि कुल 11 पुरुष जिमनास्ट भारत की ओर से प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं. लेकिन 1964 के बाद यह पहला मौका था जब एक भारतीय जिमनास्ट मेडल की रेस में शामिल थी. 23 साल की दीपा के अभिभावकों पिता दुलाल कर्मकार और मां गौरी देवी ने फाइनल प्रतियोगिता के बाद बातचीत में कहा कि उन्हें बेटी के वॉल्ट इवेंट में पदक ना जीत पाने पर उतनी निराशा नहीं है जितना ओलंपिक में उसके शानदार प्रदर्शन पर हर्ष है.

जहां कर्मकार को 15.066 अंक मिले वहीं स्वर्ण पदक जीतने वाली सिमोन बाइल्स को 15.966 अंक. अपने पहले ही ओलंपिक में इतने आगे पहुंचने वाली दीपा के इरादे बुलंद हैं. वे कहती हैं, "कोई बात नहीं. यह तो मेरा पहला ओलंपिक था. 2010 में मैं मेडल भी जीतूंगी." 4 फीट, 11 इंच लंबी दीपा कर्मकार पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की रहने वाली हैं. 2014 के कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने पदक जीता था.

राजधानी अगरतला में दीपा के पोस्टर लगे हुए थे, तो कई स्थानीय क्लबों में उनकी सफलता की कामना करते हुए यज्ञ कराए गए. दीपा की पहली कोच सोमा नंदी ने बताया, "कुछ सालों तक कोचिंग देते हुए जब मैंने उसकी प्रतिभा देखी, तभी निर्णय लिया कि उसकी और अच्छी कोचिंग के लिए मेरे पति कोच बिस्वेस्वर नंदी की मदद लेनी चाहिए. मेरी दुआएं उसके साथ हैं. उसने हम सबको बहुत गौरवांवित किया है."

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