नहीं रहे आइस बकेट चैलेंज शुरू करने वाले पेट्रिक क्विन
२३ नवम्बर २०२०
सोशल मीडिया पर आए दिन तरह तरह के चैलेंज चलते रहते हैं. आइस बकेट चैलेंज इनमें सबसे लोकप्रिय चैलेंज में से एक था. लोग अपने ऊपर बर्फ से भरी ठंडे पानी की बाल्टी उड़ेलते थे.
विज्ञापन
आइस बकेट चैलेंज का मकसद सिर्फ मस्ती मजा करना या वायरल वीडियो क्रिएट करना ही नहीं था, बल्कि लोगों को एक खास तरह की बीमारी के बारे में जागरूक कराना था. इस चैलेंज को पूरी दुनिया में एक "क्रेज" में बदल देने वाले पेट्रिक क्विन को लू गेरिग सिंड्रोम या फिर एएलएस नाम की बीमारी थी. उनके निधन के बाद उनके समर्थकों ने फेसबुक पर लिखा, "हमें बहुत खेद के साथ आज सुबह पेट्रिक के गुजर जाने की खबर साझा करनी पड़ रही है. हम एएलएस के खिलाफ लड़ाई में उनकी प्रेरणा और साहस के लिए उन्हें हमेशा याद रखेंगे." क्विन 37 साल के थे.
एएलएस यानी एम्योट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस. क्विन को 30 साल की उम्र में पता चला था कि उन्हें यह बीमारी है. इसी बीमारी को आम बोलचाल की भाषा में अमेरिका में अकसर लू गेरिग डिजीज के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल 2014 में क्विन ने पेशेवर गोल्फर क्रिस केनेडी को अपनी पत्नी की बहन जेनेट सेनेर्चिया को चैलेंज करते देखा. वे सिर पर बर्फ वाले पानी की पूरी बाल्टी डालने को कह रहे थे और फिर उसे रिकॉर्ड कर के सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की बात भी कर रहे थे. उनका आइडिया था कि जेनेट और लोगों को भी ऐसा ही करने को कहें और इस दौरान चैरिटी के लिए पैसा दान करने का आग्रह करें. दरअसल जेनेट के पति को एएलएस था.
क्विन ने इस आइडिया को दुनिया भर में फैलाने का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया. वे एएलएस एसोसिएशन के तहत यूं भी यह काम कर रहे थे. सहसंस्थापक पीट फ्रेट्स के साथ आइस बकेट चैलेंज के जरिए उन्होंने 22 करोड़ डॉलर जमा किए. इसे उन्होंने "इतिहास में सबसे बड़े सोशल मीडिया कैम्पेन" की संज्ञा भी दी.
क्विन की तरह फ्रेट्स को भी एएलएस था. बीमारी का पता चलने के सात साल बाद 34 साल की उम्र में उनका देहांत हो गयाल था. आइस बकेट चैलेंज के पांच साल पूरे होने पर क्विन ने कहा था, "कोई नहीं जानता था कि आइस बकेट चैलेंज दुनिया भर में इस तरह फैल जाएगा लेकिन हम एकजुट हुए क्योंकि एएलएस जैसी बीमारी के प्रति रवैया बदलने का यही सही तरीका था."
आज उनके गुजर जाने के बाद दुनिया उनके ये शब्द याद कर रही है, "दुनिया भर में योद्धा इससे लड़ रहे हैं, वे इस मौत की सजा को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं हैं. हम अपनी जंग जारी रखेंगे. मैं तब तक यह दुनिया नहीं छोडूंगा जब तक मैं यह सुनिश्चित ना कर लूं की एएलएस के साथ इंसान जी भी सकता है, सिर्फ मरता ही नहीं है."
इंटरनेट पर आए दिन कुछ नया वायरल होता है और दुनिया भर के लोग उसे फॉलो करते हैं. इसमें कुछ चैलेंज लोगों के फायदे के लिए होते हैं और कई जानलेवा होते हैं. आइए जानते हैं, ऐसे ही इंटरनेट चैलेंज के बारे में.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/R.K. Singh
चलती कार से कूदकर डांस करने वाला किकी चैलेंज
हाल में वायरल हुए किकी चैलेंज में शख्स को पहले अपनी चलती कार को धीमा करके रोड पर उतरना होता है और किसी गाने पर डांस करना होता है. बगल में बैठा साथी उसका वीडियो बनाता है. इसकी शुरुआत सबसे पहले शिग्गी नाम के कॉमेडियन ने की. हालांकि उन्होंने खुद गाड़ी से उतरकर डांस नहीं किया, लेकिन उनके फैंस ने जमकर गाड़ी से उतरकर डांस भी किया और वीडियो पर शेयर किया. इस चैलेंज में जान गंवाने का खतरा है.
तस्वीर: facebook.com/kekechallenge
कंडोम को नाक में डालने का चैलेंज
2017 में लोगों को नाक में कंडोम को डालकर उसे मुंह से निकालते देखा गया. युवाओं के साथ बच्चों ने भी इस चैलेंज को स्वीकार किया.
एक मामले में तो एक महिला के गले में कंडोम नीचे चला गया था और इसके बाद उसे न्यूमोनिया हो गया. इंटरनेट की सनक में लोग अपनी सेहत से खिलवाड़ करने में बाज नहीं आते.
तस्वीर: SWR / NN
आत्महत्या के लिए उकसाने वाला ब्लू व्हेल चैलेंज
डेढ़ साल पहले तक पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बना यह चैलेंज बच्चों को आत्महत्या करने के लिए उकसाता था. मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप पर खेले जाने वाले इस गेम में प्रतियोगियों को 50 दिनों में 50 अलग-अलग टास्क पूरे करने होते थे और हर एक टास्क के बाद अपने हाथ पर एक निशान बनाना होता था. इस गेम का आखिरी टास्क आत्महत्या होता था. माना जाता है कि रूस के फिलिप बुदेकिन से इस जानलेवा खेल की शुरुआत हुई थी.
दुनिया के कई देशों में धूम मचाने के बाद 'आइस बकेट चैलेंज' भारत भी पहुंचा. इस चैलेंज को कुबूल करने वाली हस्तियों में टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा, ज्वाला गुट्टा, फिल्म एक्टर रितेश देशमुख, अभिषेक बच्चन आदि शामिल थे. हालांकि बाद में डॉक्टरों ने न्यूमोनिया आदि का खतरा बताते हुए इस चैलेंज को स्वीकार न करने की हिदायत दी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Bockwoldt
सेहत के नाम शुरू हुआ फिटनेस चैलेंज
सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर द्वारा शुरू किया गया फिटनेस चैलेंज सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इससे जुड़े और उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का चैलेंज स्वीकार किया. देखते ही देखते कई हस्तियां और आम लोग फिटनेस के नाम शुरू हुए इस अभियान हिस्सा बने.