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नाइकी एंड को. के लिए खुला भारत का दरवाजा

११ जनवरी २०१२

भारत सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल कारोबार को सौ प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया है. इसका मतलब है कि नाइकी, स्टारबक्स जैसी कंपनियों को भारत में पूरा स्वामित्व मिल सकेगा.

तस्वीर: dpa

एडिडास, गुची और नाइकी जैसे ब्रांड वैसे भी भारत के बड़े शहरों में लगातार अपनी पैठ जमा रहे हैं. लेकिन अब भारतीय सरकार ने उसे बिना किसी स्थानीय पार्टनर के स्टोर खोलने की अनुमति दे दी है. औद्योगिक नीति और प्रोमोशन विभाग (DIPP) ने इस बारे में मंगलवार देर शाम घोषणा करते हुए कहा, भारत सरकार के नियमानुसार सिंगल ब्रैंड उत्पाद के रीटेल कारोबार में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई है.

आईकेया का शोरूमतस्वीर: AP

शर्त यह है कि 51 फीसदी से अधिक विदेशी हिस्सेदारी वाली कंपनी को अपने उत्पादों का 30 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय कुटीर उद्योगों के सप्लायर से खरीदना होगा. इस फैसले का लाभ आईकेआ जैसी होम फर्निशिंग कंपनी को भी मिलेगा.

भारतीय उद्योग महासंघ फिक्की के महासचिव राजीव कुमार के मुताबिक इस कदम से न केवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी होगी बल्कि रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि इससे छोटे और मध्यम उद्योगों को भी फायदा होगा.

जर्मन सुपरमार्केट चेन मेट्रोतस्वीर: AP

24 नवंबर को मनमोहन सिंह की सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल कारोबार में सौ फीसदी एफडीआई की इजाजत देने का फैसला लिया था. इसी दिन मल्टी ब्रांड रिटेल कारोबार यानी वालमार्ट और मेट्रो जैसे सुपरमार्केट चेन को भी विदेशी निवेश के लिए खोलने का फैसला किया गया. लेकिन सरकार की सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष और देश भर में इसका विरोध होने के बाद इस फैसले को टाल दिया गया.

रिपोर्ट: एएफपी, पीटीआई/आभा एम

संपादन: महेश झा

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