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नाइजीरियाई फुटबॉल टीम पर दो साल की पाबंदी

१ जुलाई २०१०

नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने देश की फुटबॉल टीम के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने पर दो साल का प्रतिबंध लगाया. राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन के चलते उठाया कदम.

तस्वीर: AP

राष्ट्रपति के इस फैसले से नाइजीरिया के फुटबॉल प्रशंसकों को कुछ ही दिनों के अंतराल में दूसरी बार झटका लगा है. इस निर्णय के बाद नाइजीरियाई टीम अगले दो साल तक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में नहीं खेल पाएगी.

राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता इमा निबोरो ने बताया, "राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने आदेश दिया है कि नाइजीरिया अगले दो साल तक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धाओं में हिस्सा नहीं लेगा. इससे देश की फुटबॉल टीम को फिर से मजबूती हासिल करने में मदद मिलेगी."

नाइजीरियाई टीम का वर्ल्ड कप में प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और वह अपने ग्रुप में आखिरी स्थान पर रही. तीन मैचों में नाइजीरिया को सिर्फ एक अंक ही मिल पाया. नाइजीरिया को अर्जेंटीना ने 1-0 से हराया, ग्रीस ने 2-1 से पटखनी दी और दक्षिण कोरिया के साथ उसका मैच 2-2 से बराबर रहा.

तस्वीर: AP

राष्ट्रपति जोनाथन ने नाइजीरियाई टीम के लिए निर्धारित फंड के इस्तेमाल की भी जांच कराने का आदेश दिया है. वर्ल्ड कप अभियान से जुड़ी टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहे रोतिमी आमाएची का कहना है कि नाइजीरिया फीफा को एक खत लिखकर अपने फैसले की वजह बताएगा. "हम वर्ल्ड कप में गए और हमें कई तरह की दिक्कतें पेश आईं. ऐसा महसूस हुआ कि बाहर बैठकर हमें आत्मचिंतन करने की जरूरत है."

हालांकि नाइजीरिया का यह फैसला सर्वोच्च फुटबॉल संस्था फीफा के गले शायद ही उतरे क्योंकि नेशनल फेडरेशन में उसे राजनीतिक दखलअंदाजी पसंद नहीं है. फीफा ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस मामले में नाइजीरिया की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.

फ्रांस में भी बवाल

फुटबॉल में खराब खेल ने कई देशों की राजनीति में उबाल ला दिया है. फ्रांस की टीम के खराब प्रदर्शन के बाद कोच रेमंड डोमेनेख और फ्रेंच फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष ज्यां पियरे एस्केलेटस को संसदीय आयोग के सामने मुश्किल सवालों का जवाब देना पड़ा.

तस्वीर: picture alliance/dpa

पेरिस में नेशनल असेंबली की इमारत में घुसने के लिए दोनों ने पिछले दरवाजे का सहारा लिया ताकि मीडिया से बचा जा सके. वैसे तो सुनवाई को सार्वजनिक रूप से होना था लेकिन फुटबॉल फेडरेशन के अनुरोध पर यह बंद दरवाजों के पीछे हुई.

फ्रांस की फुटबॉल टीम में संकट के दौरान डोमेनेख और एस्केलेटस के रवैये की कड़ी आलोचना हो रही है. अनेल्का को फ्रांस वापस भेजे जाने के विरोध में खिलाड़ियों ने ट्रेनिंग के लिए उतरने से इनकार कर दिया था.

इसके चलते वर्ल्ड कप में फ्रांस की खासी किरकिरी हुई. वैसे फीफा का कहना है कि अगर फ्रांस में नेताओं ने फुटबॉल में दखलअंदाजी की तो फ्रांस के फुटबॉल फेडरेशन को निलंबित कर दिया जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एन रंजन

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