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नाइजीरियाई लड़कियों को अगवा हुए एक साल बीता

१४ अप्रैल २०१५

नाइजीरिया के चिबॉक से ठीक एक साल पहले अगवा हुई 219 स्कूली लड़कियों का आज भी पता नहीं चला है. एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट दिखाती है कि बोको हराम ने 2014 से अब तक कम से कम 2,000 लड़कियों और महिलाओं को अगवा किया है.

Nigeria Entführungen durch Boko Haram in Chibok
तस्वीर: DW/A. Kriesch

14 अप्रैल 2015 को नाइजीरिया के पूर्वोत्तर में स्थित शहर चिबॉक से हुए 219 स्कूली लड़कियों के अपहरण को एक साल हो गया. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया है कि इस्लामी आतंकी संगठन बोको हराम ने इनके अलावा भी हजारों ऐसी लड़कियों और महिलाओं को अगवा किया है.

नाइजीरिया और विश्व भर में इस दिन की याद में कई सारे आयोजन होने हैं. कहीं प्रार्थना सभाएं हो रही हैं तो वहीं नाइजीरियाई राजधानी अबुजा में लड़कियों को वापस लाने की मांग के साथ कैंडिल मार्च निकलेंगे. अमेरिका में भी #BringBackOurGirls अभियान साल भर से चल रहा है और 14 अप्रैल 2014 को अगवा हुई लड़कियों की याद में अंपायर स्टेट बिल्डिंग पर इस अभियान की प्रतीक लाल और बैंगनी रंग की रोशनियां जलाई जाएंगी. यह महिलाओं के विरूद्ध हिंसा खत्म करने की एक सांकेतिक अपील होगी.

नाइजीरिया के नए राष्ट्रपति चुने गए मुहम्मदु बुहारी ने अपहृत लड़कियों को ढूंढ निकालने और आजाद कराने की पूरी कोशिश करने की कसम ली, लेकिन यह भी माना कि वह इसमें सफल होने का वादा नहीं दे सकते. अपने बयान में बुहारी ने कहा, "हम नहीं जानते कि क्या चिबॉक की लड़कियों को बचा कर लाया जा सकता है, उनका अब तक कुछ अता पता नहीं है. मेरे लाख चाहने के बावजूद, मैं वादा नहीं कर सकता कि हम उन्हें पाएंगे." बुहारी ने यह भी कहा कि वह इस अभियान के लिए अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन से अलग तरीका अपनाएंगे. पूर्व राष्ट्रपति जोनाथन को इस संकट से प्रभावी तरीके से ना निपटने के कारण देश और दुनिया भर से काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.

नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारीतस्वीर: picture-alliance/Zuma Press

एमनेस्टी और संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्टों में बताया है कि महिलाओं के विरुद्ध अपहरण एवं यौन हिंसा जैसे अपराध दुनिया भर में कट्टरपंथी संगठनों द्वारा अंजाम दिए जा रहे हैं. एमनेस्टी की रिपोर्ट बताती है कि 2014 से अब तक अगवा हुई 2,000 से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं में से अधिकतर को रसोईया, सेक्स बंधक या फिर लड़ाका बनने को मजबूर किया गया और जिन्होंने बात नहीं मानी उनकी हत्या कर दी गई. यह रिपोर्ट गवाहों के दर्जनों इंटरव्यू और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच निकलने में सफल रहे लोगों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है. संगठन का अनुमान है कि साल 2014 में बोको हराम ने 4,000 से भी अधिक लोगों की जान ली.

अधिकतर अपहृत महिलाओं को रसोईया, सेक्स बंधक या फिर लड़ाका बनाने के लिए किया मजबूरतस्वीर: DW/J.-P. Scholz/A. Kriesch

आरआर/एसएफ (एएफपी, रॉयटर्स)

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