नाकाम हुए तो बहाना नहीं बनाएंगेः पोंटिंग
१८ फ़रवरी २०११![](https://static.dw.com/image/4853932_800.webp)
ऑस्ट्रेलिया ने कुल चार वर्ल्ड कप जीता है. दो बार पोंटिंग की कप्तानी में. लेकिन 36 साल के पोंटिंग और उनकी टीम को इस बार खिताब का सबसे बड़ा दावेदार नहीं माना जा रहा है और वर्ल्ड कप से पहले वह अपने दोनों अभ्यास मैच भी हार चुके हैं.
दसवें वर्ल्ड कप में शामिल हो रहे सभी 14 टीमों के कप्तान एक साथ प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित हुए. पोंटिंग भी वहां मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि अगर वे इस बार नाकाम रहे तो कोई बहाना नहीं बनाएंगे.
पोंटिंग की दिक्कत यह है कि उनकी टीम से भारी भरकम खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया ने भले ही पिछले तीनों वर्ल्ड कप जीते हों लेकिन उनके साथ शेन वॉर्न, एडम गिलक्रिस्ट और ग्लेन मैकग्रा जैसे अद्भुत खिलाड़ी थे. इस बार वे खिलाड़ी नहीं हैं.
लेकिन पोंटिंग का कहना है, "अगर आप हमारी टीम को आज देखेंगे, तो इसे उतना अलग नहीं पाएंगे. आपको बारीकी से टीम की खूबियों को देखना होगा. भले ही वार्न न हों, गिलक्रिस्ट न हों या मैकग्रा न हों. लेकिन जो खेल रहे हैं, उनके नाम भी 50-70 वनडे मैच हैं. वे उतने अनुभवहीन नहीं हैं. वे अपनी उपस्थिति बनाते जा रहे हैं."
अनुभवहीन ऑस्ट्रेलिया
भले ही पोंटिंग अपनी टीम को अनुभवहीन न बताएं लेकिन जो खिलाड़ी इस बार के वर्ल्ड कप में तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं, उनके पास तजुर्बा नहीं है. ऑफ स्पिनर जेसन क्रेजा ने सिर्फ एक वनडे खेला है, जबकि उनका साथ स्टीवन स्मिथ देंगे. इन दोनों स्पिनरों ने अभ्यास मैचों में कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.
हालांकि वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को वनडे सीरीज में 6-1 से पराजित किया है लेकिन उन पर दबाव बना हुआ है. अभ्यास मैचों में उनकी हार हुई है. पोंटिंग का कहना है, "हम अच्छी शुरुआत नहीं कर पाए. दोनों अभ्यास मैचों में परिस्थितियां अलग थीं." हालांकि ऑस्ट्रेलिया को इस बात का संतोष है कि उनका पहला मैच जिम्बाब्वे से है, जो कमजोर टीम समझी जाती है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः एन रंजन